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    Ayodhya News: वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हुआ रामलला रक्षा यंत्र, यहां जानें इससे जुड़ी हर एक बातें

    रामनगरी के हिस्से एक और विश्व कीर्तिमान आया है। यह कीर्तिमान भी सर्वाधिक दीप जलाए जाने के सात विश्व कीर्तिमान की तरह श्रीराम से ही अनुप्राणित है। दीपोत्सव प्रत्येक वर्ष कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी यानी छोटी दीपावली के अवसर पर श्रीराम की लंका विजय की स्मृति में प्रति वर्ष मनाया जाता है। रिकॉर्ड में इसी सप्ताह स्थान पाने वाला श्रीरामलला रक्षा यंत्र का नाम के अनुरूप श्रीराम से गहन सरोकार है।

    By Rama Sharan Awasthi Edited By: Vrinda Srivastava Updated: Sun, 16 Feb 2025 03:48 PM (IST)
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    वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हुआ रामलला रक्षा यंत्र।

    रघुवरशरण, अयोध्या। भव्य राम मंदिर के साथ शिखरगामी रामनगरी के हिस्से एक और विश्व कीर्तिमान आया है। यह कीर्तिमान भी सर्वाधिक दीप जलाए जाने के सात विश्व कीर्तिमान की तरह श्रीराम से ही अनुप्राणित है। दीपोत्सव प्रत्येक वर्ष कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी यानी छोटी दीपावली के अवसर पर श्रीराम की लंका विजय की स्मृति में प्रति वर्ष मनाया जाता है।

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    वहीं वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड में इसी सप्ताह स्थान पाने वाला श्रीरामलला रक्षा यंत्र का नाम के अनुरूप श्रीराम से गहन सरोकार है। वर्ल्ड बुक में रामलला रक्षा यंत्र को अधिकांश धर्म प्रेमियों द्वारा पूजित उत्कृष्ट उपलब्धि के रूप में स्थान दिया गया है। साथ ही रामलला रक्षा यंत्र निर्माण और उसे करोड़ों रामभक्तों तक पहुंचाने का अभियान चला रहे अंतरराष्ट्रीय ख्याति के ज्योतिर्विद डॉ. राजानंद शास्त्री को रिकॉर्ड बुक की कमेटी में सदस्य के रूप में नामित किया गया है।

    प्राण प्रत‍िष्‍ठा पर ही शुरू हो गया यंत्र का न‍िर्माण

    रामलला रक्षा यंत्र का निर्माण गत वर्ष भव्य मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा और उसके बाद राम भक्ति के उठे महाज्वार के बीच डॉ. राजानंद शास्त्री ने शास्त्रोक्त विधि-विधान से शुरू कराया है। उनका मानना है कि गूढ़ ज्ञान के संवाहक शास्त्रों में श्रीराम का दिव्य आशीष प्राप्त करने और उनके रूप में परात्पर ब्रह्म की ऊर्जा सहेजने-संभालने और संरक्षित करने के विधि-विधान का तात्विक निर्वचन है और रामलला रक्षा यंत्र का निर्माण इसी विधान के अनुरूप किया गया है।

    श्रद्धालुओं की लगातार बढ़ रही संख्या

    अपने मत के समर्थन में डॉ. राजानंद यह भी याद दिलाते हैं कि राम मंदिर में स्वयं रामलला की भी प्राण प्रतिष्ठा रक्षा यंत्र पर हुई है। इसी यंत्र का परिणाम है कि न केवल राम मंदिर का निर्माण भव्यता के शिखर की ओर उन्मुख है, बल्कि प्राण प्रतिष्ठा के बाद से यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या से लेकर संपूर्ण राम मंदिर की महिमा-महत्ता चरम की ओर है।

    राम यंत्र के इसी परिणाम को ध्यान में रखकर उन्होंने रामलला और राम मंदिर के साथ उनके कोटि-कोटि भक्तों को भी श्रीरामलला रक्षा यंत्र के कवच से युक्त करने की कार्ययोजना बनाई है, ताकि राम मंदिर निर्माण के बाद सनातनियों की ऐसी पीढ़ी तैयार हो सके, जो श्रेष्ठतम हो और भारत को प्राचीन गौरव के अनुरूप विश्व गुरु के पद पर आसीन करा सके।

    ये है खास‍ियत

    यद्यपि यह नया प्रयोग होगा, किंतु ईष्ट, वास्तु, ज्योतिष आदि आयामों से समन्वित इसका विधान सनातन शास्त्रों में वर्णित है। चांदी के 14 ग्राम भार के सवा चार इंच लंबे एवं सवा तीन इंच चौड़े फलक पर राम रक्षा यंत्र इसी विधान के अनुरूप निर्मित है। छह त्रिकोण और आठ पंखुड़ियों से युक्त यंत्र में चारो दिशाओं तथा कुबेर का स्थान नियत है। जबकि केंद्र में माता सीता और श्रीराम की प्रतिष्ठा के साथ उनका बीज मंत्र अंकित है।

    लाखों रामलला रक्षा यंत्र निर्मित

    यह यंत्र हनुमानजी से कीलित है। मान्यता के अनुसार, इससे इसकी शुभता और प्रभाव पर किसी अन्य यंत्र का अतिक्रमण नहीं हो सकेगा। डॉ. राजानंद के अनुसार, लाखों रामलला रक्षा यंत्र निर्मित किए जा चुके हैं और मंदिर स्थापना की प्रथम वर्षगांठ यानी इसी वर्ष 22 जनवरी से वाल्मीकि रामायण भवन में 250 मर्मज्ञ
आचार्य रामरक्षा स्ताेत्र के सतत पाठ से इसे अभिमंत्रित करने का भी अभियान आरंभ हो गया है।

    सवा लाख रामरक्षा स्तोत्र से अभ‍िमंत्रित होगा यंत्र

    इन
यंत्रों को कुल सवा लाख रामरक्षा स्तोत्र से अभिमंत्रित किया जाना है। यह भी ध्यान रखा जा रहा है कि अमुक यंत्र किसे दिया जाएगा और वह यंत्र उस व्यक्ति के नाम तथा गोत्र के साथ रामरक्षा स्तोत्र से अभिमंत्रित किया जाए। नृत्यगोपाल ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपालदास गत 22 जनवरी को रामलला की प्रतिष्ठा की प्रथम वर्षगांठ के अवसर पर रक्षा यंत्र का विमोचन भी कर चुके हैं।

    जता चुके हैं व‍िश्‍वास

    वहीं वे विश्वास जता चुके हैं कि यह यंत्र स्वर्णिम भारत की संभावना प्रशस्त करेगा। यंत्र को जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य, जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामदिनेशाचार्य, मणिरामदास की छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमलनयनदास, रंगमहल पीठाधीश्वर महंत रामशरणदास, बागेश्वर धाम के प्रमुख पं. धीरेंद्र शास्त्री, प्रसिद्ध कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर, प्रख्यात हिंदूवादी कार्यकर्ता एवं हनुमानगढ़ी से जुड़े महंत राजूदास जैसे दिग्गज धर्माचार्यों की भी अनुशंसा मिल चुकी है।

    राम जन्मोत्सव तक एक करोड़ आवेदन का अनुमान

    रामलला रक्षा यंत्र के लिए अयोध्या जी रामलला सेवा समिति के पास ऑनलाइन लाखों आवेदन आ चुके हैं और छह अप्रैल को राम जन्मोत्सव तक आवेदन की संख्या एक करोड़ के पार होने का अनुमान है। समिति की योजना अगले पखवारे निर्धारित शुभ मुहूर्त से रक्षा यंत्र की होम डिलीवरी शुरू करने की है।

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