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सात सूत्रीय मांगों को लेकर मिलर्स ने एडीएम को सौंपा ज्ञापन

जागरण संवाददाता औरैया उत्तर प्रदेश राइस मिलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों की बुधवार को ब

By JagranEdited By: Published: Wed, 22 Sep 2021 11:23 PM (IST)Updated: Wed, 22 Sep 2021 11:23 PM (IST)
सात सूत्रीय मांगों को लेकर मिलर्स ने एडीएम को सौंपा ज्ञापन

जागरण संवाददाता, औरैया: उत्तर प्रदेश राइस मिलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों की बुधवार को बैठक संपन्न हुई। इसमें आगामी खरीफ में धान मिलिग पर चर्चा हुई। इसके बाद विगत कई वर्षो से धान की कस्टम मिलिग के कार्य में आ रही परेशानियों के संबंध में सात सूत्रीय ज्ञापन एडीएम वित्त एवं राजस्व को सौंपा।

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एडीएम वित्त एवं राजस्व रेखा एस चौहान को दिए ज्ञापन में संगठन के पदाधिकारियों ने बताया कि खरीदे गए धान से चावल की रिकवरी 67 प्रतिशत की जगह 58 से 60 प्रतिशत निकाल रही है। जिले में किसान 80 से 90 प्रतिशत हाइब्रिड धान पैदावार करते हैं, जबकि सरकारी खरीद में हाइब्रिड धान खरीद की लिमिट 35 प्रतिशत है। किसानों के दबाव में मंडी में 100 प्रतिशत हाइब्रिड धान की खरीद की जाती है। उन्होंने बताया कि हाइब्रिड धान की मिलिग में 45 से 50 प्रतिशत टूटन बनती है, जबकि एफसीआइ में टूटन 25 प्रतिशत पास है। एफसीआइ में चावल जमा करने का मानक 25 प्रतिशत टूटन व तीन प्रतिशत डेमेज, तीन प्रतिशत बदरंग, 15 प्रतिशत नमी की जगह नया मानक 20 प्रतिशत टूटन, दो प्रतिशत डेमेज व 14 प्रतिशत नमी लागू कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि मिलिग चार्ज पिछले 20 सालों से 10 रुपया क्विटल है, जबकि पिछले 20 साल से बिजली लेबर, मिल पार्ट कई गुना मंहगे हो गए हैं। इसलिए मिलर का प्रोत्साहन राशि 20 रुपये से बढ़ाकर 300 रुपये होना चाहिए। मिलर का धान के रख-रखाव पर तिरपाल पर बहुत खर्च करना पड़ता है, लेकिन कास्ट शीट में कस्टडी व मेंटीनेंस चार्ज का भुगतान मिलर को नहीं किया जा रहा है। मिलर को मिलने वाले भुगतान कई वर्ष से पीसीएफ, पीसीयू व अन्य सोसायटी के लंबित पड़े हैं।


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