फसलों में लग गए कीट...तो न हों परेशान, बस इस WhatsApp नंबर पर भेजें फोटों; मिनटों में दूर होगी समस्या
उत्तर प्रदेश के औरैया जिले के किसानों के लिए अच्छी खबर है। यदि फसलों में कीट लग गए हैं, तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। किसान बस एक व्हाट्सएप नंबर पर ...और पढ़ें

प्रतीकात्मक तस्वीर
जागरण संवाददाता, औरैया। दलहनी, तिलहनी व आलू की फसलों की खेती करने वाले किसानों की कोहरे और पाले ने चिंता बढ़ा दी है। आशंका जताई जा रही है कि तापमान निचले स्तर पर होने से उत्पादन पर विपरीत असर पड़ रहा है।
जिला कृषि अधिकारी शैलेंद्र कुमार वर्मा ने बताया कि ऐसी स्थिति से निपटने के लिए किसानों को जागरूक किया जा रहा है।
जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि किसानों को सुझाव दिए जा रहे हैं। खेतों में हल्की सिंचाई करते रहें।
खेतों में चारों तरफ धुआं करते रहें। आलू की फसल में अगेती व पछेती झुलसा एक फंगस जनित रोग है। जिसके नियंत्रण के लिए जरूरी छिड़काव करें।
राई सरसों में माहू एवं पत्ती सुरंगकीट के जैविक नियंत्रण हेतु एजाडिरेक्टिन (नीम आयल) को 500 से 600 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें। अधिक प्रकोप होने पर रासायनिक नियंत्रण हेतु डाईमेथोएट 30 प्रतिशत की एक लीटर मात्रा को 600 से 750 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति हेक्टेयर छिड़काव करें।
किसी भी फसल में रोग एवं कीट का प्रकोप दिखाई देने पर सहभागी फसल निगरानी एवं निदान प्रणाली के व्हाट्सएप नंबरों 9452247111, 9452257111 पर फोटो खींच कर भेजें।
जिला कृषि रक्षा अधिकारी के दूरभाष नंबर 7839882529, 9760201353 पर संपर्क किया जा सकता है। इन नंबरों के माध्यम से समस्याओं को सुनते हुए उसे दूर किया जाएगा। कृषि विभाग के विकास खंडों में स्थापित राजकीय कृषि रक्षा इकाई से कृषि रक्षा रसायनों का क्रय कर सकते हैं, जोकि 50 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध हैं।

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