आरटीओ चालान के नाम पर आ रही 'APK' फाइल खाली कर सकती है आपका बैंक खाता, ऐसे करें बचाव
गजरौला और रजबपुर में साइबर ठगों ने आरटीओ के नाम से चालान चेक करने वाली एपीके फाइल भेजकर लोगों के मोबाइल हैक किए। सौ से अधिक मोबाइल हैक हुए, लेकिन किसी ...और पढ़ें

मैसेज की फोटो
संवाद सहयोगी, गजरौला। साइबर ठगों ने हाल ही में ठगी का नया तरीका अपनाया है। जिसमें वह आरटीओ के नाम वाली चालान चेक की एपीके फाइल लोगों के मोबाइल पर भेज रहे हैं। वाहन चालान की फाइल देखते ही उसे खोलते ही मोबाइल हैक हो रहा है। उसके बाद बैंक खाते में सेंधमारी की कोशिश की जा रही है। शुक्रवार को रजबपुर व गजरौला में सौ से अधिक लोगों के मोबाइल हैक हो गए। गनीमत रही कि किसी के खाते से पैसे नहीं निकाले जा सके। इसकी शिकायत पीड़ितों ने पुलिस से की है।
जी हां, आजकल साइबर अपराधी ई-चालान के नाम से मोबाइल हैक कर ठगी का प्रयास कर रहे हैं। यदि आपके पास भी आरटीओ के नाम से ई-चालान का मैसेज आता है तो सावधान हो जाएं। मैसेज भेजने वाला आरटीओ विभाग से नहीं बल्कि साइबर ठग हो सकते हैं। हालांकि अमरोहा व गजरौला में पूर्व में भी साइबर अपराधी प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम से लोगों के वाटसएप पर एपीके फाइल भेज कर मोबाइल हैक कर चुके हैं।
परंतु शुक्रवार शाम उन्होंने गजरौला व रजबपुर में कोई लोगों के मोबाइल पर आरटीओ के ई-चालान के नाम से एपीके फाइल भेज कर मोबाइल हैक कर लिए। इस क्रम में रजबपुर थाना क्षेत्र के गांव जगुआ खुर्द निवासी मनोज के वाटसएप पर शुक्रवार शाम आरटीओ के चालान के नाम से एपीके फाइल आई थी।
जैसे ही उन्होंने फाइल को खोला तो मोबाइल हैक हो गया। थोड़ी ही देर में वह फाइल स्वत ही उनके मोबाइल में स्थित सभी वाटसएप ग्रुप व अन्य नंबरों पर भेजी जाने लगी। मनोज ने मोबाइल बंद किया तथा दूसरे नंबर से टोल फ्री नंबर 1930 पर सूचना दी। गनीमत रही कि उनके खाते से कोई पैसा नहीं निकला।
गजरौला के मुहल्ला गंगानगर निवासी सोहन के वाट्सएप पर भी आरटीओ चालान का मैसेज आया। जैसे ही उन्होंने मैसेज पर क्लिक किया तो मोबाइल हैक हो गया। जिसके बाद साइबर अपराधियों ने उनके मिलने वाले लोगों को मैसेज भेजना शुरू कर दिए। सोहन ने फौरन ही परिचितों को मैसेज कर जागरूक किया तथा मोबाइल बंद कर दिया।
मुहल्ला चौहानपुरी निवासी प्रदीप कुमार के नंबर पर बुधवार रात करीब 11:46 पर आरटीओ चालान का मैसेज आया। इसके बाद उन्होंने जैसे ही फाइल को डाउनलोड किया तो उनका फोन चलना बंद हो गया, जिससे प्रदीप कुमार काफी परेशान हो गए। उन्होंने इसकी सूचना अपने परिचितों को दूसरे नंबर को दी तो पता चला कि उनका फोन साइबर अपराधियों ने हैक कर लिया।
प्रदीप कुमार ने इसकी सूचना डायल 112 पुलिस के साथ-साथ स्थानीय पुलिस को दी। गनीमत रही की जागरूकता होने के कारण साइबर अपराधियों के झांसी में कोई भी व्यक्ति नहीं आया है। वहीं साइबर अपराधियों ने उस समय तक तीनों के मोबाइल से दूसरे लोगों के नंबर पर एपीके फाइल भेज कर लगभग सौ मोबाइल हैक कर लिए। परंतु अच्छी बात यह रही कि किसी के खाते से पैसे नहीं निकाले जा सके।
न खोलें एपीके फाइल, तत्काल रिपोर्ट करें
यदि आपके साथ ऐसी धोखाधड़ी होती है या आपको कोई संदिग्ध संदेश प्राप्त होता है, तो तुरंत कार्रवाई करें। धोखाधड़ी की सूचना देने के लिए साइबर हेल्प लाईन नम्बर 1930, 1076, 112 हैं। एपीके फाइल को बिल्कुल न खोलें। साइबर अपराधी इसका प्रयोग ठगी के लिए कर रहे हैं।
साइबर अपराध के प्रति पुलिस द्वारा लोगों को जागरूक किया जा रहा है। टोल फ्री नंबर 1930 के बारे में बताया भी जा रहा है। लोगों से अपील है कि साइबर अपराधियों के झांसे में न आए। एपीके फाइल न खोलें तथा किसी को बैंक खाता संबंधी जानकारी न दें।
- अंजलि कटारिया, सीओ मंडी धनौरा।
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