आपकी छोटी सी लापरवाही और बाल चोरों की नजर; जानें कैसे बदल रहा है अपराध का चेहरा
उत्तर प्रदेश में बच्चों के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हैं, खासकर अमरोहा में। बाल चोर गिरोह सक्रिय हैं, और माता-पिता की छोटी सी लापरवाही भी बच्चों को खतरे में ...और पढ़ें

प्रतीकात्मक चित्र
नवीन वर्मा, जागरण, मंडी, धनौरा। जिले में हाल के दिनों में बाल अपचारियों द्वारा चोरी की घटनाओं में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है, जिससे आमजन में असुरक्षा की भावना गहराती जा रही है। पुलिस जांच में सामने आया है कि नौ से 16 वर्ष की आयु के किशोर अपनी छोटी-छोटी जरूरतों, जेब खर्च की कमी व नशे की लत के चलते चोरी जैसी वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। पिछले दो महीनों में हुई कई चोरी की घटनाओं में बाल अपचारियों की संलिप्तता पाई गई है।
केवल मंडी धनौरा में ही नहीं बल्कि जिलेभर में यह मामले सामने आ चुके हैं। गत दो महीना के भीतर न सिर्फ मंडी धनौरा में चोरी की दो बड़ी घटनाओं में बाल अपचारी पकड़े गए हैं। बल्कि पूर्व में भी उनकी संलिप्ता रही है। गजरौला व हसनपुर क्षेत्र में चोरी की पांच घटनाओं में बाल अपचारी शामिल रहे हैं।
वहीं अमरोहा नगर व नौगावां सादात में भी चोरी की चार वारदातों में बाल अपचारी पकड़े गए थे। घरों से सामान चोरी करने के साथी ही यह किशोर मंदिरों से भी दानपात्र चोरी करते हैं। सीसीटीवी फुटेज से सभी पकड़े गए थे।
पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए ऐसे सभी मामलों में शामिल बाल अपचारियों को पकड़कर बाल सुधार गृह भेज दिया है, ताकि उन्हें सही दिशा में लौटाया जा सके। इसके बावजूद लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। पुलिस का भी कहना है कि घरों, दुकानों, वाहनों व धार्मिक स्थलों की सुरक्षा मजबूत करें तथा संदिग्ध गतिविधियों की सूचना तत्काल पुलिस को दें।
केस 1 -: 12 सितंबर को कस्बे के नवदुर्गा मंदिर और राधा कृष्ण मंदिर में देर रात चोरों ने धावा बोल दिया था। चोरों ने मंदिर परिसर में रखे दानपात्र तोड़कर नगदी चोरी कर ली थी। सुबह पुजारी के मंदिर पहुंचने पर घटना का पता चला। पुलिस ने मामले का राजफाश करते हुए इसमें शामिल तीन बाल अपचारियों को गिरफ्तार कर बाल सुधार गृह भेज दिया था।
केस 2 -: 19 दिसंबर को सीए की कार का शीशा तोड़कर बैग में रखी चार लाख रुपये की नकदी चोरी करने की सनसनीखेज घटना सामने आई। पुलिस ने सीसीटीवी कैमरों की मदद से वारदात को अंजाम देने वाले दो बाल अपचारियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने चोरी की गई पूरी नकदी भी बरामद कर ली है। आरोपितों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर उन्हें बाल सुधार गृह भेज दिया गया।
10 साल से कम और अधिक उम्र के बाल अपचारियों पर अलग नियम
प्रभारी निरीक्षक बालेंद्र कुमार ने बताया कि बाल अपचारियों के मामलों में उम्र के आधार पर अलग-अलग प्रक्रिया अपनाई जाती है। यदि किसी घटना में 10 वर्ष से कम उम्र का बाल अपचारी पकड़ा जाता है, तो उसे सुधार की दृष्टि से बाल सुधार गृह भेजा जाता है, लेकिन इस दौरान उसका कोई आपराधिक रिकार्ड स्थायी रूप से दर्ज नहीं किया जाता।
इसका उद्देश्य कम उम्र के बच्चों को अपराधी की छवि से बचाकर उन्हें मुख्यधारा में लौटाना होता है। वहीं यदि बाल अपचारी की उम्र 10 वर्ष से अधिक पाई जाती है, तो उसके द्वारा की गई घटना का पूरा विवरण पुलिस अपने अभिलेखों में सुरक्षित रखती है। भविष्य में दोबारा किसी घटना में संलिप्तता पाए जाने पर यही रिकॉर्ड कार्रवाई का आधार बनता है।

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