Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    डिग्री एक, जिले चार: स्वास्थ्य महकमे में ‘साहब’ के रसूख तले दबा करोड़ों का फर्जीवाड़ा!

    Updated: Fri, 26 Dec 2025 03:25 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य महकमे में एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है, जिसमें एक ही डिग्री पर चार जिलों में काम करने वाले एक 'साहब' का रसूख सामने आया ...और पढ़ें

    Hero Image

    प्रतीकात्‍मक च‍ित्र

    जागरण संवाददाता, अमरोहा। एक डाक्टर और दो अल्ट्रासाउंड केंद्रों के मामले में सीएमओ डा. सत्यपाल सिंह ने शौर्य अल्ट्रासाउंड केंद्र के संबंध में अपना स्पष्टीकरण अपर निदेशक स्वास्थ्य मुरादाबाद को भेजा है, जिसकी एक प्रति जिलाधिकारी को भी दी गई है। इस मामले में एक चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है कि शौर्य अल्ट्रासाउंड केंद्र कागजों में चल रहा था, जबकि वास्तविकता में यह पूरी तरह बंद था।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    महकमे के अधिकारी इस स्थिति से अवगत थे, लेकिन साहब का मामला होने के कारण वे खामोश रहे। डा. रमेश कुमार याला की डिग्री का उपयोग कर साहब ने अल्ट्रासाउंड केंद्र के नवीनीकरण की योजना बनाई थी, लेकिन पंजीकरण से पहले ही फर्जीवाड़े का मामला उजागर हो गया। अब डीएम निधि गुप्ता वत्स ने मामले की जांच कराने का निर्णय लिया है।

    स्वास्थ्य विभाग में फर्जीवाड़े का यह मामला अधिकारियों की कार्यप्रणाली को कटघरे में खड़ा करता है। डा. सत्यपाल सिंह, जो हाल ही में जनपद के सीएमओ बने हैं, पर आरोप लगाया गया था कि वे अपना अल्ट्रासाउंड केंद्र चलाते हैं। इस मामले के प्रकाश में आने के बाद सीएमओ ने शौर्य अल्ट्रासाउंड केंद्र को बंद कर दिया था और उच्चाधिकारियों को बताया था कि उनका कोई अल्ट्रासाउंड केंद्र नहीं है।

    हालांकि, शौर्य अल्ट्रासाउंड के नवीनीकरण में डा. रमेश कुमार याला की डिग्री का उपयोग पूरे सिस्टम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाता है। उनकी डिग्री का प्रयोग पड़ोसी जनपद संभल में जेके अल्ट्रासाउंड और हापुड़ में जनता अल्ट्रासाउंड केंद्र के पंजीकरण में भी किया गया है। इसके अलावा, बिजनौर जिले में हिंद डायग्नोस्टिक सेंटर के नाम से भी पंजीकरण का प्रयास किया गया है।

    सूत्रों के अनुसार, शौर्य अल्ट्रासाउंड केंद्र जुलाई 2023 से कागजों में चल रहा है और इसके नवीनीकरण के लिए डा. रमेश कुमार याला की डिग्री का उपयोग किया गया है। साहब, अपनी पत्नी के नाम से नवीनीकरण की तैयारी में हैं। लेकिन, यह मामला एक डाक्टर की कई जगह डिग्रियों के उपयोग का है, इसलिए डीएम ने गहनता से जांच कराने का निर्णय लिया है।

     

    मामला संज्ञान में आया है। नोडल अधिकारी से बातचीत हुई है। पूरी स्थिति स्पष्ट हो गई है। एक डाक्टर की चार जगह डिग्रियां लगाए जाने का मामला गंभीर है। फर्जीवाड़े की जांच कराई जाएगी

    - निधि गुप्ता वत्स, डीएम


    यह भी पढ़ें- गली-गली खुले ठेलों पर 5 रुपये में बिक रहा 'धीमा जहर, मासूम अहाना की मौत ने उठाए सवाल