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    गली-गली खुले ठेलों पर 5 रुपये में बिक रहा 'धीमा जहर, मासूम अहाना की मौत ने उठाए सवाल

    Updated: Thu, 25 Dec 2025 12:55 AM (IST)

    अमरोहा में फास्ट फूड खाने से छात्रा अहाना की मौत ने चिंता बढ़ा दी है। खाद्य विभाग की अनदेखी के चलते गली-मोहल्लों में खुले ठेलों पर घटिया सामग्री से बन ...और पढ़ें

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    मासूम अहाना

    जागरण संवाददाता, अमरोहा। फास्ट फूड के खाने से छात्रा अहाना की मौत वास्तव में सोचने पर विवश करती है। अब सवाल यह है कि आखिर अभिभावक उनके बच्चों को फास्ट फूड के नाम पर क्या खिला रहे हैं? क्योंकि जिले का खाद्य विभाग इस तरफ ध्यान नहीं दे रहा है। गली-मुहल्लों में खड़े फास्ट फूड के ठेलों पर कड़ाही में बर्गर, चाउमीन, नूडल्स व मोमोज तले जा रहे हैं। तेल कैसा है, खाद्य पदार्थ की गुणवत्ता क्या है, इस बारे में किसी को सोचने की फुर्सत नहीं है।

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    खाद्य विभाग ने भी आज तक स्ट्रीट फूड बेचने वालों से प्रतिष्ठान ने जांच के लिए नमूना नहीं लिया है। स्ट्रीट फूड के शौकीनों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जिले के प्रत्येक शहर व कस्बा ही नहीं बल्कि अब तो गांवों में भी फास्ट फूड बेचने वालों के ठेले खूब घूम रहे हैं। शहरों में इनकी बिक्री अमूमन शाम से शुरु होकर देर रात तक चलती है। स्ट्रीट फूड के नाम पर सड़कों के किनारे खड़े यह ठेले वाले कड़ाही में बर्गर, चाउमीन, नूडल्स तलने के सात ही मोमोज भी बेच रहे हैं। 

    भागदौड़ भरी जिंदगी के साथ ही स्वाद के चलते लोग इन खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं देते। हकीकत यह है कि सस्ते दाम पर आसानी के साथ उपलब्ध होने यह फास्ट फूड इंसान की सेहत के लिए धीमा जहर का काम कर रहे हैं। खाद्य विभाग के आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो जिले में बीते ढाई साल में विभाग द्वारा ठेलों पर स्ट्रीट फूड बेचने के लिए 300 लाइसेंस जारी किए हैं।

    जबकि रेस्टोरेंट व ढाबा के 61 लाइसेंस हैं। अब विभाग ने लाइसेंस तो जारी कर दिए, लेकिन इन ठेलों पर बिक रहे फास्ट फूड की गुणवत्ता के लिए नमूने नहीं भरे गए हैं। जिसके चलते अधोमानक खाद्य सामग्री खूब बिक रही है। नतीजतन लोगों की सेहत बिगड़ रही है।

    सालभर में केवल समोसा का एक नमूना लिया

    खाद्य विभाग ने सालभर में जिले में फास्ट फूड के नाम पर केवल समोसा का एक नमूना लिया है। जुलाई में लिया गया यह नमूना फेल हो गया था। तेल व मेदा अधोमानक मिले थे। जिस पर संबंधित दुकानदार पर जुर्माना लगाया गया था।

    पनीर, खोया व दूध में मिली अधिक मिलावट

    खाद्य विभाग द्वारा 2025 में जिलेभर में पनीर, खोया व दूध के 135 नमूनों की जांच कराई गई है। परिणाम चौंकाने वाले रहे हैं। इन नमूनों में 67 के परिणाम अधोमानक मिले हैं। यानि जिले में परीन, खोया व दूध मिलावटी बेचा जा रहा है। विभाग केवल जुर्माना वसूल कर इतिश्री कर लेता है। उसके बाद फिर से यह धंधा चालू रहता है।

    लाइसेंसधारकों को दिया जाएगा प्रशिक्षण

    छात्रा की मौत के बाद खाद्य विभाग का ध्यान गली-मुहल्लों में फास्ट फूड बेचने वालों की तरफ गया है। विभाग द्वारा जारी किए गए 300 लाइसेंस धारकों को खाद्य पदार्थ तैयार करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्हें गुणवत्ता को लेकर जानकारी दी जाएगी तथा खाद्य पदार्थ कैसे तैयार करें इसके बारे में बताया जाएगा। सभी लाइसेंस धारकों को नोटिस जारी किया जा रहा है। तिथि घोषित कर जल्दी ही प्रशिक्षण दिया जाएगा।

    अहाना के पिता की भावुक अपील...अपने बच्चों को फास्ट फूड न खिलाएं

    फास्ट फूड खाने के बाद पेट में संक्रमण व हार्ट अटैक से छात्रा अहाना की मौत के तीसरे तीसरे दिन उसके पिता ने इंटरनेट मीडिया पर वीडियो पोस्ट कर लोगों से भावुक अपील की है। डेढ़ मिनट की वीडियो में वह वह न सिर्फ अभिभावकों से अपील कर कर रहे हैं कि वह उनके बच्चों को फास्ट फूड न खिलाएं बल्कि दुकानदारों से भी फास्ट फूड न बेचने की अपील कर रहे हैं। उनका कहना है कि गली-गली दुकानों पर पांच-पांच रुपये में जहर बेचा जा रहा है। इस पर कार्रवाई होनी चाहिए।

    नगर के मुहल्ला अफगानान निवासी मंसूर खान की छोटी बेटी अहाना खाना की रविवार रात को दिल्ली के एम्स में उपचरा के दौरान मौत हो गई थी। दरअसल कक्षा 11 की छात्रा अहाना फास्ट फूड की शौकीन थी तथा पिज्जा, बर्गर, चाऊमीन, समोसा, नूडल्स आदि खाती थी। जिसके चलते न सिर्फ उसका वजन बढ़ गया था बल्कि उसकी आंतों में संक्रमण होने के कारण वह चिपक गई थीं। 

    2 दिसंबर को मुरादाबाद के जैम अस्पताल में उसका आपरेशन कराया गया था। चिकित्सकों ने भी संक्रमण का कारण फास्ट फूड का सेवन बताया था। आपरेशन के बाद घर लौटी अहाना का स्वास्थ्य ठीक होने लगा था। परंतु 16 दिसंबर को फिर से हालत बिगड़ने पर स्वजन ने 18 दिसंबर को उसे दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया था।

    जहां उपचार के दौरान रविवार रात हार्ट अटैकै आने से अहाना की मौत हो गई थी। बेटी की मौत के तीन दिन बाद पिता मंसूर खान ने इंटरनेट मीडिया पर एक वीडियो प्रसारित किया है। जिसमें वह भावुक होकर लोगों से उनके बच्चों को फास्ट फूड न खिलाने की अपील कर रहे हैं।

    उन्होंने कहा कि दुकानों पर पांच-पांच रुपये में चिप्स के साथ ही कुरकुरे, बर्गर, पिज्जा, चाउमीन व नूडल्स बिक रहे हैं। माता-पिता अपने बच्चों को वह न दें। मेरी बेटी चली गई है। दूसरों से गुजारिश है कि वह उनके बच्चों को ऐसी चीजें खाने से रोकें। दुकानदार फास्ट फूड के रूप में जहर बेच रहे हैं। मंसूर खान ने प्रशासन से भी इन पर कार्रवाई कराने की मांग की है।

     

    समय-समय पर विभाग द्वारा खाद्य पदार्थों की जांच के लिए नमूने लिए जाते हैं। स्ट्रीट फूड के नमूने लेने के लिए अभियान चलाया जाएगा। अधोमानक खाद्य सामग्री की बिक्री नहीं होने दी जाएगी।

    - विनय कुमार, सहायक खाद्य आयुक्त


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