'भाबीजी जी घर पर हैं' के लेखक के निधन से प्रशंसक मायूस, अलीगढ़ को दूसरा घर मानते थे मनोज संतोषी
Manoj Santoshi Death टीवी इंडस्ट्री के जाने-माने लेखक मनोज संतोषी का 49 साल की उम्र में निधन हो गया। भाबी जी घर पर हैं हप्पू की उलटन-पलटन जैसे कई चर्चित सीरियल के लेखक मनोज संतोषी का जन्म भले ही बुलंदशहर में हुआ था लेकिन उन्होंने अलीगढ़ को हमेशा अपना दूसरा घर माना। उनके निधन से उनके प्रशंसकों को गहरा सदमा लगा है।

जागरण संवाददाता, अलीगढ़। कई चर्चित टीवी सीरियल के लेखक मनोज संतोषी का 49 वर्ष की आयु में निधन हो गया। बचपन से ही उन्हें गाने का शौक था। इसी शौक को पूरा करने के लिए वे 1993 में मुंबई चले गए। वहां फिल्म व टीवी धारावाहिकों की पटकथा लेखकों के संपर्क में आने पर गायिकी छोड़ इसी में रम गए। दूरदर्शन पर धारावाहिक श्रीमान-श्रीमती जी से अपना करियर प्रारंभ कर कई टीवी सीरियलों की पटकथा लिखीं।
यस बॉस, मोहब्बत वाला, ये चांद कोई दीवाना है आदि टीवी सीरियल में काम किया। भाबी जी घर पर हैं, हप्पू की उलटन-पलटन, जीजा जी छत पर हैं, मैडम मे आइ कम इन...जैसे से काफी चर्चित हो गए। रविवार शाम संतोषी के निधन की सूचना से उनके प्रशंसकों की आंखें भर आईं।
बुलंदशहर में जन्मे थे मनोज संतोषी
बुलंदशहर के कस्बा रामघाट में 1976 में उनका जन्म हुआ। 10वीं तक की पढ़ाई कस्बे के विद्यालय में की। इसके बाद जरगवां के इंटर कॉलेज में 12वीं तक की शिक्षा ग्रहण की। इनका जन्म भले बुलंदशहर में हुआ, मगर इन्होंने अलीगढ़ को हमेशा दूसरा घर ही माना। यहां के रोचक किस्सों से प्रभावित होकर ही वेब सीरीज अनोखी बारात की योजना पिछले वर्ष बनाई थी। इसके लिए लोकेशन भी फाइनल हो गई थी। वे यहां जिससे भी मिलते तो लेखन के टिप्स के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित जरूर करते।
मनोज ने पटकथा लिखने की बारिकियाें की दी जानकारी
मई 2017 में दैनिक जागरण की ओर से आयोजित कार्यशाला में मनोज ने उभरती प्रतिभाओं को पटकथा लिखने की बारिकियां समझाते हुए कहा था कि किसी भी कहानी की पटकथा लिखने से पहले उसके किरदारों की निजी जिंदगी में भी झांकना पड़ता है। पटकथा लेखक के समक्ष किरदारों के जीवन से जुड़ी हर बात को पर्दे पर दिखाने की चुनौती होती है।
कचौड़ी और जलेबी बहुत पसंद थी
अविवाहित मनोज को कचौड़ी और जलेबी बहुत पसंद थी। शेखर सर्राफ हॉस्पिटल के एमडी सुमित सर्राफ व माहेश्वरी क्रिएटिव क्लब के संरक्षक संजय माहेश्वरी ने बताया कि अलीगढ़ आने पर इसे खाना नहीं भूलते थे। यहां के कई लोगों को उन्होंने टीवी सीरियल में अभिनय व अन्य कार्यों के अवसर उपलब्ध कराए। पार्थिक देह का अंतिम संस्कार रामघाट में किया जाएगा।
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मनोज प्रतिवर्ष कराते थे देवी जागरण
मनोज के भतीजे रामकेश ने बताया कि चाचा प्रतिवर्ष कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर रामघाट में विशाल देवी जागरण का आयोजन कराते थे। उनके साथ टीवी सीरियल के कलाकार भी आते थे। मनोज अंतिम बार 14 नवंबर 2024 को कार्तिक पूर्णिमा पर यहां आए थे और यहां पर माता का जागरण भी कराया था।
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