एक अप्रैल से दिल्ली-कानपुर हाईवे पर सफर महंगा, आम-आदमी की जेब पर 10 से 100 रुपये तक बढ़ा भार
Toll Tax दिल्ली - कानपुर हाईवे पर 1 अप्रैल से टोल टैक्स में बढ़ोतरी होने जा रही है। एनएचएआई ने टोल दरों में 10 से 100 रुपये तक की वृद्धि की है। इससे गभाना टोल प्लाजा से गुजरने वाले वाहन चालकों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ेगा। जानिए नए टोल टैक्स की दरें और इसका आम लोगों पर क्या असर होगा।
संसू, जागरण गभाना । Toll Tax: दिल्ली-कानपुर हाईवे वे समेत देश के हाईवे पर 31 मार्च रात 12 बजे से सफर करना महंगा हो जाएगा। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने टोल में वृद्धि की है। इससे गभाना टोल से निकलने वाले वाहन चालकों पर अतिरिक्त चार्ज देना पड़ेगा। टोल टैक्स 10 रुपये से लेकर 100 तक बढ़ाया जा रहा है।
राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच-34 पर दिल्ली-कानपुर हाईवे पर गभाना टोल प्लाजा से से गुजरने वाले वाहन चालकों को पहले से काफी टैक्स अदा करना पड़ रहा था। लेकिन एनएचएआई ने एक अप्रैल से वसूले जाने वाले टैक्स को और भी बढ़ा दिया है।
- यहां से गुजरने वाले कार, जीप, लाइट मोटर वाहन के लिए पहले 190 रुपये टोल के देने पड़ते थे, मगर अब 200 रुपये टोल देने पड़ेंगे। दोनों तरफ के पहले 285 रुपये टोल देना पड़ता था वहीं अब 300 रुपये देने होंगे।
- कामर्शियल वाहन पहले 290 था, अब 305 रुपये पड़ेगा। दोनों तरफ का 435 की वजाय 460 रुपये टोल पड़ेगा।
- इसी प्रकार बस और ट्रक टोल टैक्स 615 रुपये होगा। दोनों तरफ से 925 रुपये होगा।
- मल्टी टैक्सवेल वाहनों के 935 रुपये रुपये पड़ेगा। दोनों तरफ से 1400 रुपये पड़ेगा।
- ओवरसाइज वाहन का एक तरफ से 1220 रुपये व दोनों तरफ से 1830 रुपये पड़ेगा। इन वाहनों पर टोल टैक्स बढ़ने से जाहिर है किराया बढे़गा। जिसका सीधा असर महंगाई पर पड़ेगा।
- वहीं टोल से बीस किलोमीटर के दायरे में आने वाले मासिक पास वाले वाहन चालकों को 340 की वजाय 350 रुपये देने होंगे।
प्रतीकात्मक तस्वीर।
टोल मैनेजर इंद्रजीत चौधरी ने बताया कि एनएचएआई ने 31 मार्च की मध्य रात्रि से टोल में वृद्धि की है। हाईवे की अन्य व्यवस्थाओं को भी दुरूस्त किया जा रहा, जिससे वाहन चालकों को किसी भी प्रकार की परेशानियों का सामना न करना पड़े।
टैक्स अधिक सुविधाएं नदारद
टोल टैक्स के जरिए जहां वाहनों से प्रतिदिन लाखों रुपये की वसूली की जा रही है, लेकिन हाईवे पर वाहन चालकों को मिलने वाली तमाम सुविधाएं पूरी तरह से नदारद हैं। तेज वाहनों की रफ्तार के चलते एवं वाहन चालकों में ट्रैफिक सेंस न होने से हाईवे की सड़क खूनी सड़क के रूप में बदल चुकी है। लेकिन हाईवे पर न तो एनएचएआई ने कोई ध्यान दिया है और न ही टैक्स वसूलने वाली संबंधित कंपनी ने ही कोई ध्यान दिया है।
हाईवे पर दुर्घटना से बचने के लिए इंडीकेटर, फ्लैक्स, साइन बोर्ड आदि ठीक से नही लगाए गए हैं, जिससे यहां रोजाना ही छोटे-बड़े हादसे होते रहते हैं। रात्रि के समय हाईवे पर लगी अधिकांश लाइटें बंद रहती हैं। जिससे हाईवे अंधकार में डूबा रहता है।
स्थानीय लोगों को नहीं है छूट
टोल क्षेत्र के आस-पास रहने वाले ग्रामीणों व हाईवे के लिए अपनी कीमती जमीन देने वाले किसानों को भी टोल प्लाजा से गुजरने वालों को टैक्स में किसी भी प्रकार की न तो छूट है और न ही उन्हें फ्री में आने-जाने की सुविधा मिली हुई है। नतीजन उन्हें बेहद परेशानियों के साथ ही आने-जाने पर टैक्स भरना पड़ता है।
हालांकि टोल प्रबंधन टोल के बीस किलोमीटर दायरे के वाहन चालकों को मासिक पास उपलब्ध कराने की बात कहता हैं, लेकिन अधिकांश वाहन स्वामियों पर गाड़ी की आरसी स्थानीय पते पर न होने के चलते काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इतना ही नहीं स्थानीय स्कूल वाहनों को भी टोल प्रबंधन की तरफ से कोई छूट मुहैया नहीं कराई जा रही है।
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