अलीगढ़ में रेलवे के टिकट चेकिग स्टाफ की मुश्किलें बढ़ीं, सीसीटीवी फुटेज तलब
प्लेटफार्म टिकट पर अलीगढ़ से बिहार तक यात्रा कराने का मामला टीटीई हो चुका है निलंबित बाकी स्टाफ की भूमिका की भी हो रही जांच।
जासं, अलीगढ़ : रेलवे स्टेशन से प्लेटफार्म टिकट के जरिये पटना (बिहार) भेजे गए 12 यात्रियों के मामले में चेकिग स्टाफ की मुश्किलें बढ़ने लगी हैं। रेलवे अफसरों ने जांच शुरू कर दी है और स्टेशन पर लगे सीसीटीवी कैमरों के 10 मार्च के फुटेज तलब कर लिए हैं।
दिल्ली से इस्लामपुर (बिहार) जा रही स्पेशल ट्रेन में 10 मार्च को अलीगढ़ स्टेशन पर तैनात टिकट चेकिग स्टाफ ने 12 ऐसे यात्रियों को बिठा दिया था, जिनके पास केवल प्लेटफार्म टिकट थे। आरोप है कि इसके बदले उनसे तीन हजार रुपये लिए गए थे। इस खेल का राज तब सामने आया, जब ट्रेन में सवार चेकिग स्टाफ की टूंडला में बदली हुई। नए स्टाफ ने ट्रेन में सवार सभी 12 यात्रियों को प्लेटफार्म टिकट पर यात्रा करते हुए पकड़ लिया। टूंडला के चेकिग स्टाफ ने जानकारी प्रयागराज मंडल के वरिष्ठ अधिकारियों को दी। इस प्रकरण में जांच शुरू हो गई है। सोमवार को प्रथमदृष्टया दोषी पाए गए टीटीई सतपाल को निलंबित भी कर दिया गया था। अब जांच अफसरों ने अलीगढ़ रेलवे स्टेशन पर लगे सीसीटीवी कैमरों के 10 मार्च के फुटेज तलब किए हैं। फुटेज में टिकट चेकिग स्टाफ व प्लेटफार्म टिकट पर यात्रा करते पकड़े गए यात्रियों में बातचीत होती दिख रही है। स्टाफ में शामिल सीआइटी सियाराम मीणा, सीएल मीणा, राजीव यादव, उपेंद्र राय, बीपी राघव, नीरज यादव के खिलाफ भी जांच की जा रही है। प्रयागराज मंडल के सीनियर डीसीएम अंशु पांडेय ने कहा है कि भ्रष्टाचार किसी भी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा। जांच में जो भी दोषी मिलेगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।