Lok Sabha Election 2024: 12 घंटे में 13 सभाएं, फिर भी जोश नहीं हुआ कम, ऐसा रहता है अनुराग ठाकुर का चुनावी अभियान का एक दिन
Lok Sabha Election 2024 जागरण नेटवर्क ने केंद्रीय मंत्री और हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के प्रत्याशी अनुराग ठाकुर के साथ पूरा दिन बिताया और जाना कि उनके चुनावी अभियान का एक दिन कैसा रहता है। वह हर सभा में पहाड़ी बोली से अपनापन दिखाते हैं। साथ ही केंद्र सरकार की उपलब्धियों के साथ हिमाचल के मुद्दों पर राज्य सरकार को घेरने से भी नहीं चूकते।
मुकेश मेहरा, मंडी। देर रात सभा से लौटने के कारण हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के प्रत्याशी एवं केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर की दिनचर्या सुबह सात बजे शुरू होती है। समीरपुर में अपने घर पर स्थित मंदिर में भगवान की पूजा-अर्चना की। इसके बाद माता-पिता का आशीर्वाद लिया और माता की चुनरी गले में डालकर मंडी जिले के लिए आठ बजे घर से निकल गए।
धर्मपुर विधानसभा के दुर्गम क्षेत्र खाहला का दौरा करना है। इस क्षेत्र के 13 गावों में नुक्कड़ सभाएं हैं, इसलिए स्थानीय कार्यकर्ताओं के साथ भी फोन पर संवाद किया। पहाड़ी बोली में कार्यकर्ताओं से कहते हैं कि अऊं निकली गया घरे ते तुसां तैयारी रखा (यानी मैं घर से निकल आया हूं, आप तैयारी रखो)।समीरपुर से सभास्थल की दूरी करीब 50 किलोमीटर है। धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र मंडी जिले में आता है, लेकिन संसदीय क्षेत्र हमीरपुर का हिस्सा है। घर से कुछ दूरी पर कार्यकर्ता इंतजार कर रहे हैं।
जय श्रीराम के नारों से स्वागत
बीच रास्ते में ही फोन पर बातचीत कर पार्टी के नेताओं से संपर्क बनाए रखा। करीब 10 बजे अनुराग का काफिला धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र के मोरला गांव पहुंचा। यहां पार्टी कार्यकर्ता विजय कुमार के घर पर ही नुक्कड़ सभा रखी गई है। काफी देर से इंतजार कर रहे लोगों को जब काफिला आता दिखता तो गाड़ी की तरफ दौड़ते हुए जय श्रीराम के नारे लगाते हुए आते हैं।
स्वागत के सिलसिले के बीच में जब बुजुर्ग हार पहनाने आगे बढ़ते हैं तो अनुराग उनके पांव छूकर आशीर्वाद लेते हैं। सभास्थल पर जय श्रीराम बोलकर संबोधन शुरू किया ही था कि बिजली चली गई तो बिना माइक संबोधन जारी रखा। एक बच्चा बीच में आ रहा था तो उसे दुलार किया और संबोधन समाप्त करने के बाद महिलाओं व युवाओं के साथ सेल्फी ली। यहां से अगले गांव के लिए रवाना हुए।
निशाने पर कांग्रेस
दिन के 11 बज चुके थे, लेकिन अनुराग ने नाश्ता नहीं किया था। अगली सभा के लिए जाते हुए घर से लाए टिफिन को गाड़ी में ही निकाला और नाश्ता किया। नाश्ते में ड्राईफ्रूट मिला दूध व कुछ फल थे। टिफिन बढ़ाते हुए कहने लगे तुसां भी लेया (आप भी लो)।
पहाड़ी में बातचीत चलती रही, कहने लगे भाषण देने के बाद भूख लगती है, इसलिए घर से ही टिफिन लेकर निकलता हूं। जब भी मौका मिला तो उससे अल्प आहार कर लेता हूं। अगले गांव पहुंचने पर भी निशाने पर कांग्रेस रही। उन्होंने श्रीराम मंदिर, फोरलेन, केंद्रीय विद्यालय व प्रदेश को आपदा में दी राहत का जिक्र किया।
तपती गर्मी में चाय की चुस्की
तीसरी सभा का पड़ाव चौकी था। धूप भी धीरे-धीरे बढ़ रही थी। तापमान करीब 38 डिग्री तक पहुंच चुका था। सभास्थल के लिए पहाड़ी पगडंडी के साथ सीधी चढ़ाई थी। सफर बेशक 200 मीटर था, लेकिन हर आदमी के पसीना छूट रहा था। अनुराग एकदम से आगे बढ़ते गए और चौकी सभास्थल पहुंचे। यहां महिलाओं ने पहाड़ी गानों से अनुराग का स्वागत किया।
महिलाओं के साथ हमीरपुर संसदीय क्षेत्र की सहसंयोजक जिला परिषद सदस्य वंदना गुलेरिया भी ताल मिलाती नजर आईं। अनुराग ने भी तालियां बजाकर महिलाओं का साथ दिया। यहां पर तपती गर्मी के बीच अनुराग ने चाय की चुस्कियों के साथ संबोधन शुरू किया। बीच-बीच में महिलाओं से कहते रहे तालियां बजाते रहो... आपकी तालियों में मुझे चाय पीने का मौका मिल रहा है।
आऊं ता वोट मोदी जो देणा
संबोधन समाप्त करने के बाद उन्होंने कहा चाय बहुत स्वाद है, एक कप और चाय मंगवाई। महिलाओं के साथ बैठकर गाने भी गाए। चौकी से वह पैदल आ रहे थे तो बुजुर्ग महिला को देखकर रुक गए और उनका आशीर्वाद लिया।
वृद्धा से पहाड़ी में संवाद करने लगे.. अम्मा वोट कुस्जो देणा (वोट किसे देना है)। वृद्धा भी तपाक से बोलती है आऊं ता वोट मोदी जो देणा (मैंने तो वोट मोदी को देना है)। हंसते हुए अनुराग वृद्धा के पैर छूकर आगे बढ़ जाते हैं। दोपहर के दो बजे एक घर में सहयोगियों के साथ चावल, कढ़ी, चने की दाल व केले से बना मीठा खाया। बोले-मीठा बहुत पसंद है।
कम नहीं हुआ जोश
शाम के पांच बज गए थे। चेहरे पर थकान झलक रही थी, लेकिन जोश कम नहीं था। पहाड़ की चोटियों से गुजरती सर्पीली सड़कों से गुजरते हुए बरोटी पंचायत पहुंचे। गला बैठ चुका था, लेकिन जब जय श्रीराम का जयघोष किया तो लोगों की आवाज कम आई।
अनुराग बोले, गला मेरा खराब है और आवाज आपकी नहीं निकल रही। अगला गांव आपदा प्रभावित था। क्षेत्र को देखकर उन्होंने कहा कि इस नुकसान की भरपाई केंद्र सरकार ने की है। उन्होंने मंडल भाजपा अध्यक्ष लेखराज के घर में चाय पी और फीडबैक लिया। बनाला से सायं सात बजे वह तडा, रियुर व लौंगणी के लिए निकले।
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नंगे पांव खड़े होकर किया संबोधित
लौंगणी में अंतिम सभा थी। थकान इतनी थी कि जूते खोल दिए और नंगे पांव खड़े होकर लोगों को संबोधित किया। रात के करीब 9:30 नौ बज चुके थे। रात 10 बजे वह ऊना के लिए रवाना हुए और वहां पर उनका रात्रि भोज व ठहराव था।
उन्हें कुछ बुजुर्गों ने अयोध्याजी में बने श्रीराम मंदिर के लिए ऑनलाइन दान व प्रसाद मंगवाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि वह वहां जा नहीं सकते, लेकिन आशीर्वाद तो ले सकते हैं। अनुराग ने इस बात को लिखा और मंदिर ट्रस्ट से यह व्यवस्था करने का मामला उठाने की बात कही।
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