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Aligarh News : माध्यमिक विद्यालयों में एनजीओ को खाना देने की है मनाही, प्रधानाचार्य नहीं बनवा पा रहे एमडीएम

Aligarh News अलीगढ़ में 94 एडेड व 35 राजकीय माध्‍यमिक विद्यालय हैं इनमें पढ़ने वाले करीब 30 हजार विद्यार्थी इस समय एमडीएम से वंचित हैं। प्रशासन की ओर से सभी एनजीओ द्वारा एमडीएम उपलब्‍ध कराने पर रोक के बाद विद्यार्थी कालेज से भूखे ही जाते हैं।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Tue, 29 Nov 2022 09:13 AM (IST)Updated: Tue, 29 Nov 2022 09:30 AM (IST)
Aligarh News : माध्यमिक विद्यालयों में एनजीओ को खाना देने की है मनाही, प्रधानाचार्य नहीं बनवा पा रहे एमडीएम
माध्यमिक विद्यालयों के विद्यार्थियों को अभी भी मिड-डे-मील (एमडीएम) का भोजन उपलब्ध नहीं हो पा रहा है।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। Aligarh News : माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा एक से 12वीं तक के विद्यार्थियों को अभी भी मिड-डे-मील (एमडीएम) का भोजन उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। एडेड व राजकीय विद्यालयों के करीब 25 से 30 हजार छात्राओं को एमडीएम उपलब्ध नहीं हो रहा है। प्रशासन की ओर से सभी एनजीओ द्वारा एमडीएम उपलब्ध कराने पर रोक के बाद माध्यमिक के विद्यार्थी भूखे ही कालेज से जाते हैं। इस संबंध में उत्तर प्रदेश प्रधानाचार्य परिषद अलीगढ़ इकाई का प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को प्रशासनिक अधिकारियों से वार्ता करेगा।

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एमडीएम बनवाने का नहीं निकला हल

जिले में 94 एडेड व 35 राजकीय माध्यमिक विद्यालय हैं। इनमें पढ़ने वाले लगभग 30 हजार विद्यार्थी एमडीएम से वंचित हैं। बेसिक शिक्षा के स्कूलों में तो एमडीएम बनना शुरू हो गया लेकिन माध्यमिक में शुरुआत नहीं हो सकी है। क्योंकि कालेजों में छात्र संख्या ज्यादा है और जगह की कमी भी है। प्रधानाचार्य परिषद के सचिव व डीएवी इंटर कालेज के प्रधानाचार्य डा. विपिन वाष्र्णेय ने बताया कि मुख्यमंत्री आगमन कार्यक्रम के चलते प्रशासनिक अधिकारियाें से वार्ता नहीं हो सकी है। अभी भी एमडीएम बनवाने पर कोई हल नहीं निकल सका है।

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गुणवत्‍ता में खामी पर प्रधानाचार्य होंगे जिम्‍मेदार

माध्यमिक विद्यालयों में अभी भोजन बनवाने की कोई व्यवस्था नहीं है। बताया कि परिषद पदाधिकारियों ने पहले ये तय किया था कि चार-चार कालेजों के पूल बनाकर वहां हलवाई या कैटर्स से खाना बनवाकर पहुंचवाया जाएगा। मगर इसमें भी पेंच ये है कि अगर गुणवत्ता में खामी हुई तो प्रधानाचार्य जिम्मेदार ठहराए जाएंगे। इसलिए प्रशासनिक अधिकारियों के सामने प्रस्ताव रखा जाएगा कि वे पुरानी एनजीओ को हटाकर नए सिरे से नई संस्थाओं को आमंत्रित कर व्यवस्था बनवाने का प्रयास करें।


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