Aligarh News: दोनों आतंकियों के स्वजन घरों में हुए कैद, आवाजाही पर लगाई रोक, AMU में सात वर्ष पढ़ा अर्सलान, तारिक ने किया बीकाम
Aligarh News यह पहली बार नहीं है जब स्पेशल सेल आतंकवादियों को गिरफ्तार कर साथ ले गई और स्थानीय खुफिया एजेंसी बेखबर रहीं। इस वर्ष जुलाई में एनआइए ने बड़ी कार्रवाई की थी। इसी कड़ी को जोड़ते हुए सितंबर में महराजगंज में छापा मारा। इसके बावजूद खुफिया एजेंसियां नहीं जागीं। इसी के चलते आतंकवादी यहां आसानी से ठिकाना बना रहे हैं।

जागरण संवाददाता, अलीगढ़। एटीएस के हत्थे चढ़े दोनों आतंकवादी लंबे समय से सिविल लाइन क्षेत्र में रह रहे थे, मगर किसी को उनके मंसूबों की भनक नहीं लगी। गिरफ्तारी के दौरान पड़ोसी भी हैरान गए।
कार्रवाई के बाद से दोनों परिवारों ने खुद को घरों में कैद कर लिया है। किसी से बात नहीं कर रहे। यहां तक कि सभी की आवाजाही पर रोक लगा दी है। इधर, खुफिया एजेंसियों ने दोनों की जानकारी जुटाना शुरू कर दिया है।
एटीएस ने गिरफ्तार किए दो आतंकी
एटीएस (आतंकवाद निरोधक दस्ता) ने दो दिन पहले आइएस के दो आतंकियों अब्दुल्ला अर्सलान व माज बिन तारिक को गिरफ्तार किया है। दोनों कट्टरपंथी विचारधारा से प्रेरित होकर इंटरनेट मीडिया के माध्यम से आइएस के आतंकी नेटवर्क से जुड़े थे और आइएस में शामिल होने की शपथ भी ली थी। प्रदेश में बड़ी आतंकी घटना का षड्यंत्र रच रहे थे।
अब्दुल्ला भमौला आलमबाग स्थित किब्रिया मस्जिद के पास गली नंबर में छह में रहता है। परिवार में माता-पिता, पत्नी व बेटी है। मंगलवार को अब्दुल्ला के घर पर सभी थे, मगर किसी ने दरवाजा नहीं खोला।
एक शख्स ने बाहर बताया कि अब्दुल्ला की मां की तबीयत ठीक नहीं है। वह बात नहीं कर सकतीं। कुछ देर बाद वह जंगले के पास आईं और खुद बात करने से मना कर दिया। सिर्फ इतना कहा कि बेटा बेकसूर है। किसी से कोई बात नहीं करनी। अदालत में पक्ष रखा जाएगा। पूरी उम्मीद है कि बेटा बाइज्जत बरी होगा।
पड़ोसियों में चर्चा
पड़ोसियों में चर्चा थी कि अब्दुल्ला का परिवार किसी से कोई मतलब नहीं रखता। किसी को भरोसा नहीं हो रहा है कि वह ऐसा कर सकते हैं। पड़ोसियों को किसी के नाम के बारे में भी जानकारी नहीं थी। उनके अनुसार परिवार करीब आठ वर्ष से यहां रह रहा है। अब्दुल्ला के पिता एएमयू में नौकरी करते हैं। लेकिन, इसकी पुष्टि नहीं हुई।
चौकीदार ने कहा- माज के घर में नो इंट्री
दूसरा आतंकी माज बिन तारिक मंजूरगढ़ी स्थित अल इब्राहिम अपार्टमेंट में चौथी मंजिल पर रहता है। इसके फ्लैट के आसपास भी सन्नाटा पसरा था। यहां चौकीदार ने कहा कि माज के घर में नो इंट्री है। उन्होंने किसी से भी मिलने से मना कर दिया है। गार्ड ने इतना ही बताया कि नाज ने ढाई-तीन वर्ष पहले यह फ्लैट खरीदा था।
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फैजान के कमरे की ली थी तलाशी
16 जुलाई को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) की टीम अलीगढ़ आई थी। टीम ने यहां रह रहे झारखंड के फैजान अंसारी के कमरे की तलाशी ली थी। इसके बाद सितंबर में टीम ने महराजगंज में छापा मारकर बिहार निवासी तलहा को गिरफ्तार किया था। जांच में पता चला था कि तलहा फैजान के साथ एक लाज में ठहरा था।
इसके बावजूद खुफिया एजेंसियां खानापूर्ति करती रहीं। न तो फैजान और न ही तलहा के बारे में जानकारी जुटाने का प्रयास किया। इसके बाद दो अक्टूबर को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने तीन आतंकियों को गिरफ्तार किया। इनमें झारखंड निवासी अरशद वारसी शामिल था, जो 12 साल तक अलीगढ़ में रहा था। ऐसे में सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर एनआइए की कार्रवाई के बावजूद एजेंसियां क्यों नहीं जागीं?
एएमयू में बिताए हैं कई साल
आतंकी गतिविधियों में पकड़े गए अब्दुल्ला अर्सलान और माज बिन तारिक ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में कई साल बिताए। अर्सलान ने सात रहकर पढ़ाई की तो तारिक ने हाईस्कूल व इंटरमीडिएट करने के साथ डिस्टेंस एजूकेशन से बीकाम किया। इसके आगे का दोनों का रिकार्ड नहीं मिल रहा है।
दोनों आरोपितों की स्थानीय नेटवर्क को खंगालने के लिए सुरक्षा एजेंसी सक्रिय हो गई हैं। कुछ छात्रों की वजह ये एएमयू का नाम लगातार बदनाम हो रहा है। एक माह पहले ही झारखंड के फैजान अंसारी को एनआइए ने गिरफ्तार किया था। यहां पढ़े दो और छात्रों की गिरफ्तारी ने और खलबची मचा दी है।
अब्दुल्ला अर्सलान ने की है एएमयू से पढ़ाई
अब्दुल्ला अर्सलान ने 2014-15 में यूनिवर्सिटी के सीनियर सेकेंडरी ब्वायज स्कूल से 11 वीं और 12 वीं की परीक्षा पास की थी। 2017 में उसने बीटेक में प्रवेश लिया था। 2021 में बीटेक की परीक्षा पास की। उसने लगातार सात वर्ष तक पढ़ाई की। इसके बाद भी उसने पढ़ाई की या नहीं इसके लिए डीन कार्यालय से जानकारी जुटाई जा रही है।
माज बिन तारिक ने 2016 में सीनियर सेकेंडरी ब्वायज स्कूल में दसवीं में दाखिला लिया था। 11 व 12 वीं भी यहीं से की। इसके बाद उसने यूनिवर्सिटी के डिस्टेंस एजुकेशन सेंटर से बीएम किया। खास बात यह भी रही कि दोनों छात्रों ने एएमयू के किसी भी हाल में रहने को कमरा नहीं लिया।
एएमयू प्राक्टर प्रो. वसीम अली ने बताया कि पकड़े गए दोनों युवकों ने एएमयू से पढ़ाई की है। वर्तमान में छात्र नहीं हैं। उनकी अन्य जानकारी भी जुटाई जा रही है।
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