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    History of AMU: एक ऐसी संस्था जिसने मदरसा से पाया विश्वविद्यालय तक का मुकाम, स्थापना दिवस पर पढ़िए ये खास खबर

    By Jagran NewsEdited By: Abhishek Saxena
    Updated: Tue, 23 May 2023 02:13 PM (IST)

    History of AMU अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय कभी सात छात्रों से शुरू हुआ मदरसा अब बन गया वट वृक्ष। देश का पहला केंद्रीय विश्वविद्यालय हैं जहां पर लड़कियां परदे के पीछे पढ़ाई पूरी करती थीं। यूनीवर्सिटी के लिए सर सैयद अहमद खां ने किया था आक्सफोर्ड-कैंब्रिज का दौरा।

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    History of AMU: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय कभी सात छात्रों से शुरू हुआ मदरसा अब बन गया वट वृक्ष।

    अलीगढ़, जागरण संवाददाता। Aligarh Muslim University: अलीगढ़ मुस्लिम विश्व विद्यालय (एएमयू) तालीम की ऐसी संस्था है जिसे देश-दुनिया में जाना जाता है। संस्थापक सर सैयद अहमद खां ने 24 मई 1875 में मदरसा तुल उलूम में सात छात्रों को साथ लेकर देखा सपना अब विशाल वट वृक्ष का रूप ले चुका है। इसकी शाखाएं मल्लापुरम(केरल), मुर्शिदाबाद(बंगाल) और किशनगंज (बिहार) तक इसकी शाखाएं फैली हुई हैं। यहां से निकले कई छात्र महापुरुष के रूप में आज भी याद किए जाते हैं।

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    राष्ट्रपति डा. जाकिर हुसैन व उप राष्ट्रपति रहे हामिद अंसारी यहीं पढ़े

    देश के तीसरे राष्ट्रपति डा. जाकिर हुसैन व उप राष्ट्रपति रहे हामिद अंसारी यहीं की देन हैं। यहां से 19 राज्यपाल, 17 मुख्यमंत्री और 12 देशों के राष्ट्राध्यक्ष निकल चुके हैं। एएमयू में इस समय 30 हजार से अधिक छात्र-छात्रएं हैं। इसमें विदेशी छात्र शामिल हैं। 13 संकाय, 111 विभाग और 350 से अधिक डिग्री-सर्टिफिकेट कोर्स चल रहे हैं। देश का पहला ऐसा केंद्रीय विश्वविद्यालय है जहां पर कभी ल़ड़कियां परदे के पीछे पढ़ती थीं, वो अब घोड़े दौड़ा रही हैं।

    ऐसे हुई स्थापना

    • 24 मई 1875 में सात छात्रों से मदरसा तुल उलूम के रूप खोला।
    • आठ जनवरी 1877 को फौजी छावनी में 74 एकड़ जमीन पर मोहम्मडन एंग्लो ओरिएंटल (एमएओ) कालेज स्थापित किया।
    • 43 साल बाद यह कालेज विश्वविद्यालय के रूप में आया।
    • एमएओ कालेज को एएमयू में अपग्रेड करने के लिए तब के शिक्षा सदस्य सर मुहम्मद शफी ने 27 अगस्त 1920 को इंपीरियल लेजिस्लेटिव काउंसिल में बिल पेश किया।
    • काउंसिल ने इसे नौ सितंबर को पारित किया।
    • गवर्नर जनरल की सहमति भी मिली।
    • एक दिसंबर 1920 को अधिसूचना जारी की गई और एएमयू अस्तित्व में आया।
    • उसी दिन राजा महमूदाबाद पहले कुलपति नियुक्त किए गए।
    • विश्वविद्यालय का विधिवत उद्घाटन 17 दिसंबर 1920 को ऐतिहासिक स्ट्रेची हाल में हुआ।

    संस्थापक का परिचय

    सर सैयद अहमद खां का जन्म 17 अक्टूबर 1817 को दिल्ली के दरियागंज में हुआ था। अरबी, फारसी, उर्दू में दीनी तालीम के बाद वे न्यायिक सेवा में चले गए। दिल्ली, आगरा व बनारस में नौकरी करने के साथ 1864 में मुंसिफ के रूप में अलीगढ़ में भी तैनात रहे। अलीगढ़ की आब-ओ-हवा ऐसी भायी कि उन्होंने यहां शिक्षण संस्थान खोलने का निर्णय लिया। मदरसा की स्थापना करने से पहले सर सैयद ने 1869-70 तक लंदन में आक्सफोर्ड-कैंब्रिज का दौरा किया। सर सैयद चाहते थे कि एक ऐसी यूनिवर्सटिी कायम हो जो आक्सफोर्ड-कैंब्रिज जैसी हो।