Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'सुविधाएं मिलें तो चीन को पछाड़ देंगे'; एशियन गेम्स से पदक जीतकर लौटे एथलीट गुलवीर, आश्रम को दी पुरस्कार राशि

    By Vinod BhartiEdited By: Abhishek Saxena
    Updated: Sun, 08 Oct 2023 09:55 AM (IST)

    गुलवीर श्री उड़िया बाबा आश्रम मंदिर पहुंचे। महान संत उड़िया बाबा की प्रतिमा पर नमन किया। खगेशानंद महाराज व आचार्य जितेंद्र शास्त्री से आशीर्वाद लिया। इस दौरान गुलवीर सिंह ने एशियाई खेल में पुरस्कार स्वरूप मिली राशि से 20 लाख रुपये आश्रम के जीर्णोद्धार को दान दिए। ऐसा करके गुलवीर ने सबका दिल जीत लिया। छोटी बहन आशा ने खुशी व भावुकता से भाई का तिलक कर स्वागत किया।

    Hero Image
    एशियन गेम्स से पदक जीतकर लौटे एथलीट गुलवीर का हुआ स्वागत। फोटो सोर्स जागरण।

    जागरण संवाददाता, अलीगढ़। अंतरराष्ट्रीय एथलीट गुलवीर सिंह का कहना है कि देश में खेलों की स्थिति में सुधार हो रहा है। खिलाड़ियों को बेहतर प्रशिक्षण भी मिला रहा है, मगर अभी चीन जैसा स्ट्रक्चर हमारे पास नहीं है। यदि आधुनिकतम खेल सुविधाएं मिलें तो भारतीय खिलाड़ी चीन को पछाड़ देने की क्षमता रखते हैं। ओलिंपिक व अन्य खेलों में पदक के लिए स्ट्रक्चर बनाना है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीतकर लौटे गुलवीर अपने स्वागत से काफी गदगद नजर आए। बोले, मुझे गर्व है कि एशियाई खेलों में यहां से पहला पदक मैंने जीता। एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक न मिल पाने का कोई मलाल तो नहीं।

    स्वर्ण के लिए करेंगे मेहनत

    गुलवीर ने कहा कि हार-जीत खेल का हिस्सा है। हां, कांस्य जीतने के बाद थोड़ा उत्साहित हुआ, जिसका पांच हजार मीटर दौड़ पर पड़ा। मेरा सपना हमेशा ओलिंपिक में स्वर्ण पदक जीतने का रहा, इसके लिए बहुत मेहनत करनी है।

    एशियाई खेलों में दौड़ने व पदक की संभावना को लेकर पूछे गए सवाल पर गुलवीर ने कहा कि मैं देश के अलावा एशियन एथलेटिक्स में मेडल जीत चुका है। दौड़ते समय हमेशा पदक जीतने का संकल्प मन में लिया। एशियाई खेलों में भी पूरी तरह तैयार था। हां, कांस्य से संतोष करना पड़ा। एक बात ये भी कि कांस्य जीतने के बाद जब देश का तिरंगा लेकर झूमा तो बचपन याद आ गया, जब मैंने दौड़ना शुरू किया था।

    युवा ज्यादा से ज्यादा खेलों में आएं

    गुलवीर ने कहा कि मैं किसान परिवार से हूं, खुद खेती तक करनी पड़ी है। सामान्य जीवन रहा। गांव के घर घर से लोग सेना में हैं, जिसे देखते हुए मैंने भी दौड़ना शुरू किया, जिससे एथलीट बन गया। मेरी अपील है कि युवा अधिक से अधिक खेलों में आएं।

    ये भी पढ़ेंः Agra News: 10 अक्टूबर को भारी वाहनों की एंट्री बैन, श्रीराम बरात के चलते डायवर्जन, यहां पढ़ें निकलने के रास्ते

    गुलवीर ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता के साथ चाचा को दिया, हां इनके कारण ही मुझे सही दिशा मिली। कई गुरु मिले, जिन्होंने एथलेटिक्स की बारीकियां सिखाईं। इसके अलावा और भी कई लोग रहे, जिन्होंने मुश्किलों के वक्त मेरा साथ दिया। मेरा मानना है कि परिश्रम का कोई विकल्प नहीं होता। सफलता मिलने तक प्रयास करते रहना ही जीवन है। संसाधनों की कमी आपके पांव में बेड़ियां नहीं डाल सकतीं।

    आगे की तैयारियों पर फोकस

    गुलवीर सिंह ने बताया कि जल्द ही अमेरिका में आगे की प्रतियोगिताओं के लिए ट्रायल होना है। लौटकर आगे की तैयारी करूंगा। प्रेसवार्ता के दौरान यूपी एथलेटिक्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष शमशाद निसार व अन्य उभरते एथलीट उपस्थित रहे। ग्राम प्रधान की तरफ से गांव में खेल मैदान के लिए जमीन देने का प्रस्ताव रखा।

    जो मन्नत मांगी, पूरी हुई

    संत उड़िया बाबा के आश्रम को इतनी बड़ी राशि दान देने के सवाल पर गुलवीर ने कहा कि मैं हमेशा यहां मन्नत मांगता था, जो पूरी होती थी। एशियाई खेलों में जाने से पहले ही मन्नत मांगी।

    ये भी पढ़ेंः Agra News: 'खंड शिक्षा अधिकारी के बहू से हैं शारीरिक संबंध, कमरे पर जाती है'; ससुर के आरोपों ने मचा दी खलबली

    हांगझू एशियाई खेलों में 10 हजार मीटर की दौड़ में कांस्य पदक जीतने के बाद गांव लौटे एथलीट गुलवीर सिंह उर्फ गोलू का शनिवार को जोरदार स्वागत हुआ। युवा उन्हें खुली कार में बैठाकर अतरौली से गांव सिरसा तक ले गए। जगह-जगह फूलमाला पहनाकर स्वागत किया गया।

    गुलवीर ने दान किए बीस लाख रुपये

    गुलवीर को देख हर कोई गदगद और गौर्वान्वित दिखा। गुलवीर ने गांव स्थित श्री उड़िया बाबा आश्रम के जीर्णोद्धार के लिए 20 लाख रुपये दान किए। वहीं, अपना पदक माता-पिता को समर्पित किया। गांव सिरसा के पप्पू सिंह के बेटे गुलवीर ने एशियाई खेलों में पूरे देश का नाम रोशन किया।

    गुलवीर सिंह ने कांस्य पदक को माता-पिता को समर्पित करते हुए उनका आशीर्वाद लिया। बेटे के घर आगमन पर पिता पप्पू सिंह चौधरी व मां लक्ष्मी देवी काफी भावुक व खुश नजर आए। मां गुलवीर सिंह को गले लगाकर काफी देर तक चूमती रहीं।