अलीगढ़ एयरपोर्ट से फ्लाई बिग फिर शुरू करेगी विमान सेवा... अंतिम सप्ताह से फिर बहाल हो सकती है लखनऊ की उड़ान!
अलीगढ़ वासियों के लिए खुशखबरी! फ्लाई बिग कंपनी ने अलीगढ़ एयरपोर्ट से विमान सेवा फिर शुरू करने के लिए डीजीसीए से अनुमति मांगी है। अगस्त के अंत तक 19 सीटर विमानों का संचालन शुरू होने की उम्मीद है। पिछले साल दिसंबर में कोहरे के कारण उड़ानें बंद कर दी गई थीं।

जागराण संवाददाता, अलीगढ़। शहर के लोगों के लिए अच्छी खबर है। अलीगढ़ एयरपोर्ट से सात महीने बाद एक बार फिर 19 सीटर विमान का अगस्त के अंतिम सप्ताह से संचालन शुरू हो जाएगा। फ्लाई बिग कंपनी ने उड़ानों की अनुमति के लिए नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) में आवेदन किया है।
इसमें लखनऊ, आजमगढ़, अयोध्या समेत अन्य प्रमुख शहरों की उड़ानों के संचालन को अनुमति मांगी है। इसके जारी होते ही विमानों का संचालन शुरू हो सकता है। पिछले वर्ष 23 दिसंबर को यह उड़ान बंद की गईं थी। इस दौरान कोहरे का तर्क दिया गया था।
फ्लाई बिग कंपनी ने उड़ान की अनुमति के लिए डीजीसीए में किया आवेदन
केंद्र सरकार ने धनीपुर हवाई पट्टी को उड़ान स्कीम के तहत एयरपोर्ट में तब्दील कर दिया है। इसके विकास पर करीब 28 करोड़ की राशि खर्च हुई थी। पिछले वर्ष 10 मार्च को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अलीगढ़ समेत यूपी के पांच शहरों के एयरपोर्ट का लोकार्पण कर शुभांरभ किया था। एयरपोर्ट से उड़ान संचालन की जिम्मेदारी फ्लाइबिग एयरलाइंस को दी गई।
11 मार्च से किया था विमान की उड़ानों का संचालन
11 मार्च से इस कंपनी ने 19 सीटर विमान की उड़ानों का संचालन शुरू कर दिया। शुरुआत के कुछ दिन सप्ताह में एक दिन लखनऊ के लिए उड़ान प्रस्तावित की गई, लेकिन बाद में इसे सप्ताह में पांच दिन कर दिया। ऐसे में सप्ताह में करीब 60 से 70 लोग इससे यात्रा कर रहे थे। लखनऊ के साथ ही आजमगढ़ तक इस विमान का संचालन होता था, लेकिन पिछले वर्ष 23 दिसंबर को कोहरे के चलते एयरलाइंस प्रबंधन ने उड़ानों के संचालन पर रोक लगा दी। इसके बाद लगाातर उड़ानों के निलंबन का समय आगे बढ़ता रहा है।
सात महीने से अधिक का हुआ समय
अब उड़ानों पर रोक का सात महीने से अधिक का समय बीत चुका है। ऐसे में पिछले दिनों कंपनी की ओर से फिर से उड़ानों के संचालन के लिए डीजीसीए में आवेदन किया गया है। जल्द ही इसकी अनुमति जारी हो सकती है। एयरपोर्ट के प्रभारी अधिकारी एसएस अग्रवाल ने बताया कि डीजीसीए में अनुमति के लिए आवेदन किया है। अगस्त के अंतिम सप्ताह तक शुरूआत हो सकती है।
खामियों के पर्दाफाश के बाद जिम्मेदार पर लटकी तलवार
आइआइटी रुड़की व जिला प्रशासन की अलग-अलग जांच में 28 करोड़ की लागत से तैयार किए गए एयरपोर्ट के निर्माण में बड़ा भ्रष्टाचार सामने आया है। जांच में पता चला है कि निर्माणदायी संस्था राजकीय निर्माण निगम (आरएनएन) ने जमकर नियमों की धज्जियां उड़ाई हैं। अधिकतर कामों में मानकों का पालन नहीं किया गया है। निर्माण में घटिया सामग्री लगाई गई है।
ऐसे में जांच समिति ने इन कार्यों के दुरस्तीकरण के बाद ही भवन के प्रयोग करने के निर्देश दिए हैं। ऐसे में आरएनएन के तत्कालीन अधिकारियों की गर्दन इसमें फंस गए हैं। जांच समिति ने इंजीनियरिंग पर भी सवाल उठाए हैं। गुणवत्ता की लचर निगरानी के आरोप लगे हैं। निर्माणदायी संस्था के मौजूदा अधिकारियों का कहना है कि आइआइटी की टीम के सहमति के आधार पर खामियों वाले कार्यों को दुरस्त किया जाएगा।
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