दीवारें और छत चटक गईं, ग्राउटिंग करने से फर्श ऊपर उठ गई... आगरा मेट्रो की टनल खोदाई से कई घरों को नुकसान
आगरा में मेट्रो टनल की खोदाई से छह मकानों को नुकसान पहुंचा है। ग्राउटिंग के कारण कई घरों की फर्श ऊपर उठ गई है जिससे वे रहने लायक नहीं रहे। पीड़ितों का आरोप है कि मुआवजे में धोखा किया गया और तकनीकी जाँच रिपोर्ट भी छिपाई जा रही है। दयानंद गुप्ता नामक एक पीड़ित ने मुख्यमंत्री से शिकायत की है और अधिकारियों पर गुमराह करने का आरोप लगाया है।

जागरण संवाददाता, आगरा। एमजी रोड हो या फिर नेशनल हाईवे-19। इन दो प्रमुख रोड की तरह ही उप्र मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (यूपीएमआरसी) ने मेट्रो टनल की खोदाई में मनमानी की है। टनल की खोदाई से मोती कटरा क्षेत्र के 72 मकानों में छह को सबसे अधिक नुकसान पहुंचा। खोदाई से दीवारें और छत चटक गईं। मनमाने तरीके से ग्राउटिंग करने से फर्श ऊपर उठ गई।
अब यह मकान रहने योग्य नहीं रह गए हैं। मुआवजा में दयानंद गुप्ता सहित अन्य परिवारों के साथ छल किया गया। अधिकारियों ने अपनी गलती को छिपाने के लिए तकनीकी जांच को दबा दिया। सूचना के अधिकार में भी इसे नहीं दिया गया। शिकायतों को अनुसना कर दिया गया। अब इसकी शिकायत मुख्यमंत्री से की गई है।
शहर में 30 किमी लंबा मेट्रो कारिडोर बन रहा है। पहला कॉरिडोर 14 और दूसरा कॉरिडोर 16 किमी लंबा है। पहला कॉरिडोर सिकंदरा तिराहा से टीडीआइ माल फतेहाबाद रोड तक बन रहा है। खंदारी चौराहा से बिजलीघर तक भूमिगत ट्रैक है। इसमें एसएन मेडिकल कॉलेज मैदान से बिजलीघर चौराहा तक टनल के निर्माण का सर्वे अक्टूबर 2022 में हुआ था।
ग्राउटिंग से मोती कटरा क्षेत्र के छह मकानों की फर्श ऊपर उठी
सर्वे में दयानंद गुप्ता, मनीष गुप्ता, प्रेमचंद गुप्ता, चितरंजन जैन सहित 100 से अधिक घरों को चिन्हित किया गया था। इन सभी मकानों में सेंसर लगाए गए। सात सितंबर 2024 से दो टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) से अप और डाउन टनल की खोदाई चालू हुई। 18 सितंबर को दयानंद गुप्ता के 60 साल पुराने मकान (200 गज) के नीचे अप लाइन की टीबीएम पहुंची।
छतों और दीवारों में दरार
खोदाई मकान की सभी दीवारों और छतों में दरार आ गई। यह दरार 15 एमएम तक की थी। इससे नाराज क्षेत्रीय लोगों ने हंगामा किया। 20 सितंबर को जांच टीम ने जांच की। जांच में शिकायत सही मिली और दयानंद सहित अन्य को 500 रुपये प्रति दिन प्रति सदस्य देने के लिए कहा गया। दयानंद किराये का मकान लेकर रहने लगे।
मुआवजा दिया और बंद कर दिया
यूपीएमआरसी ने 10 अक्टूबर तक मुआवजा दिया और फिर बंद कर दिया। 26 नवंबर को डाउन लाइन की टीबीएम दयानंद के मकान के नीचे से होकर गुजरी। इससे क्रैक 15 एमएम से बढ़कर 30 एमएम तक पहुंच गए। सबसे अधिक नुकसान उत्तर और पूर्व दिशा के हिस्से को हुआ। लगातार शिकायतों के बाद 26 नवंबर से एक फरवरी 2025 तक मुआवजा मिला। इस बीच मकानों की जांच रिपोर्ट आ गई। यह जांच कानपुर की ट्रैकप्रो इंजीनियर्स प्रा.लि. ने की थी। 128 पेज की रिपोर्ट की जानकारी किसी को नहीं दी गई।
रिपोर्ट के लिए दयानंद ने यूपीएमआरसी के अधिकारी सुधीर कुमार से कई बार अनुरोध किया। सुधीर ने हर बाद छल किया। इसकी शिकायत सिटी मजिस्ट्रेट वेद सिंह चौहान से की गई। सिटी मजिस्ट्रेट ने सूचना का अधिकार में रिपोर्ट देने की बात कही लेकिन फिर रिपोर्ट नहीं मिली।
दयानंद ने दी ये जानकारी
दयानंद ने बताया कि टनल की ग्राउटिंग के चलते मकान की पूरी फर्श 12 इंच तक ऊपर उठ गई है। टाइल्स पूरी तरह से उखड़ चुके हैं। दयानंद ने बताया कि सूचना के अधिकार में रिपोर्ट न देने की अपील एडीएम प्रशासन के यहां की गई। मगर, अधिकारी ने ठोस कदम नहीं उठाया। 21 अप्रैल को सुधीर कुमार और परियोजना निदेशक अरविंद राय ने कलेक्ट्रेट में बुलाया। दबाव बनाकर डीएम के समक्ष हस्ताक्षर कराने का प्रयास किया। 128 के बदले महज 63 पेज की रिपोर्ट दी गई। रिपोर्ट में मकान को रहने योग्य नहीं पाया गया है।
डीएम साहब को गुमराह कर रहे अधिकारी
दयानंद गुप्ता का कहना है कि यूपीएमआरसी के अधिकारी डीएम साहब को गुमराह कर रहे हैं। मकान की एक बार ठीक से जांच करा ली जाए। किसी भी रूप में मकान रहने योग्य नहीं है। नया मकान मिलना चाहिए या फिर मकान के बराबर मुआवजा मिलना चाहिए।
बिखर गया परिवार
दयानंद की उम्र 60 साल है। अपने दो भाइयों प्रेम और मनीष के साथ रहते थे। टनल खोदाई से मकान छोड़कर अब किराये पर रह रहे हैं। दयानंद कालामहल, प्रेमचंद कमलानगर और मनीष पीपलमंडी में परिवार के साथ रहते हैं। दयानंद का परिवार बिखर गया है।
मकान के बाहर चस्पा किए नोटिस
दयानंद ने अपने मकान के बाहर कई जगहों पर नोटिस चस्पा किए हैं। मकान को किसी भी रूप में रहने योग्य नहीं बताया गया है।
दयानंद गुप्ता सहित अन्य के मकान का तीसरी पार्टी से सर्वे कराया गया है। डीएम कार्यालय को इसकी रिपोर्ट भेज दी गई है। अब डीएम स्तर से मुआवजा का निर्णय लिया जाएगा। अगर लोक निर्माण विभाग से भी इसका सर्वे कराया जा सकता है। अरविंद कुमार राय, परियोजना निदेशक आगरा मेट्रो
मोती कटरा के दयानंद गुप्ता की शिकायत संज्ञान में है। टनल की खोदाई से मकान की दीवारों और छत को नुकसान पहुंचा है। यूपीएमआरसी से इसकी रिपोर्ट मांगी गई है। अरविंद मल्लप्पा बंगारी, डीएम
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