UP News: ताजमहल को शिव मंदिर बताने वाले मुकदमे पर कोर्ट में सुनवाई, एएसआई से मांगा गया जवाब
योगेश्वर श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ ट्रस्ट द्वारा दायर वाद में ताजमहल काे भगवान शिव का मंदिर तेजोमहालय बताया गया है। इस वाद में जूनियर डिवीजन 6 शिखा सिंह के न्यायालय में बुधवार को सुनवाई हुई। सुनवाई में सभी पक्षों के न उपस्थित होने के कारण अगली सुनवाई 29 जुलाई को निर्धारित की गई जिसमें एएसआई से जवाब मांगा गया है।
जागरण संवाददाता, आगरा। योगेश्वर श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ ट्रस्ट के सिविल जज जूनियर डिवीजन-6 शिखा सिंह के न्यायालय में विचाराधीन वाद में बुधवार को सुनवाई हुई।
महानिदेशक उत्तर प्रदेश पर्यटन और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के आगरा सर्किल के अधीक्षण पुरातत्वविद की ओर से न्यायालय में पेश हुए अधिवक्ताओं को वाद पत्र की छायाप्रति उपलब्ध कराई गई। मामले में अगली सुनवाई 29 जुलाई को होगी।
यह है पूरा मामला
योगेश्वर श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संघ ट्रस्ट द्वारा दायर वाद में ताजमहल काे भगवान शिव का मंदिर तेजोमहालय बताया गया है। इसमें सचिव संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार, महानिदेशक एएसआई, अधीक्षण पुरातत्वविद एएसआई आगरा सर्किल और महानिदेशक उत्तर प्रदेश पर्यटन को प्रतिवादी बनाया गया है।
21 मई को हुई पिछली सुनवाई में न्यायालय ने वादी को प्रतिवादियों को नोटिस भेजने के निर्देश दिए थे। बुधवार को वादी अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने कोर्ट में नोटिस भेजने का तलवाना और रजिस्ट्री की डिलीवरी रिपोर्ट दाखिल की।
प्रतिवादी बनने को सिविल प्रक्रिया संहिता के तहत पिछली सुनवाई में आवेदन करने वाले शमसाबाद रोड निवासी कामरेड भजन लाल के प्रार्थना पत्र पर आपत्ति दाखिल की।
अगली सुनवाई में देना होगा जवाब
सुनवाई में महानिदेशक उत्तर प्रदेश पर्यटन की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता धर्मेंद्र कुमार वर्मा और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के आगरा सर्किल के अधीक्षण पुरातत्वविद की ओर से अधिवक्ता विवेक कुमार उपस्थित हुए।
अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने बताया कि नोटिस मिलने के बाद भी सचिव संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार और महानिदेशक एएसआई की ओर से सुनवाई में न तो कोई उपस्थित हुआ है और न उन्होंने अपना जवाब दाखिल किया है। अगली सुनवाई में उन्हें जवाब दाखिल करना होगा।
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