UP Board 2023 के लिए हुए ये 5 मुख्य बदलाव, स्मार्ट क्लास और टापर देने वालों को मिलेंगे एक्स्ट्रा नंबर
UP Board 2023 यूपी बोर्ड की परीक्षा केंद्र निर्धारण नीति जारी। केंद्र निर्धारण के लिए बोर्ड ने तय किए हैं नए मानक। जिला स्तर पर टाप 10 में स्थान पाने वाले विद्यालयों को पांच और राज्य स्तर पर टाप 10 में स्थान पाने वाले विद्यालयों को 10 अंक मिलेंगे।

आगरा, जागरण संवाददाता। उप्र माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) ने 2023 की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा के लिए केंद्र निर्धारण नीति जारी कर दी है। इस बार बोर्ड केंद्र बनाने में उन विद्यालयों को वरियता देने की तैयारी में है, जहां स्मार्ट क्लास संचालित होने के साथ जिन्होंने वर्ष 2022 की परीक्षा में जिला व राज्य स्तरीय टापर दिए हों। वहीं गलत या भ्रामक जानकारी पर विद्यालय डिबार होगा।
जिला विद्यालय निरीक्षक मनोज कुमार ने बताया कि माध्यमिक शिक्षा विभाग के विशेष सचिव वेदपति मिश्र ने निर्देश जारी किए हैं कि इस बार एक पाली में 125 विद्यार्थियों से कम की धारण क्षमता वाले वित्तविहीन विद्यालयों को परीक्षा केंद्र नहीं बनाया जाएगा, हालांकि इस नियम से राजकीय व सहायता प्राप्त विद्यालयों को छूट दी जाएगी। साथ ही विद्यालयों की मेरिट बनाने के लिए आठ मानक भी बनाए गए हैं। इसके अंतर्गत जिन विद्यालयों में स्मार्ट क्लास संचालित हो रही हैं, उन्हें पांच अंक मिलेंगे। साथ ही जिला स्तर पर टाप 10 में स्थान पाने वाले विद्यालयों को पांच और राज्य स्तर पर टाप 10 में स्थान पाने वाले विद्यालयों को 10 अंक मिलेंगे। यह नए मानक बोर्ड ने इसी वर्ष शामिल किए हैं।
दी गलत जानकारी, तो होंगे डिबार
बोर्ड ने केंद्र आवंटन प्रक्रिया में शामिल होने के लिए 22 अक्टूबर तक सभी विद्यालयों के प्रधानाचार्यों व संचालकों को सभी जानकारी आनलाइन अपलोड करने के निर्देश दिए हैं। गलत व भ्रामक जानकारी अपलोड करने और आरोप सिद्ध होने पर इस बार सख्त कार्रवाई की जाएगी। विद्यालय को तीन वर्ष के लिए डिबार करने के साथ प्रधानाचार्य के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। उम्मीद है कि बोर्ड सात जनवरी 2023 तक बोर्ड परीक्षा केंद्रों का निर्धारण कर अंतिम सूची जारी कर देगा।
यह भी हुए बदलाव
1- कक्षा कक्ष के लिए एक की जगह पांच अंक दिए जाएंगे।
2- पिछली बार का परिणाम 90 प्रतिशत से ज्यादा होने पर पर 10 अंक, राजकीय स्कूलों को 50, अशासकीय सहायता प्राप्त को 30 और वित्तविहीन स्कूलों को 10 अंक दिए जाएंगे।
3- पिछले वर्ष वित्तविहीन स्कूलों में पंजीकृत विद्यार्थियों के सापेक्ष पूरी बोर्ड परीक्षा में 30 प्रतिशत से अधिक विद्यार्थी अनुपस्थित रहने वाले विद्यालयों को परीक्षा केंद्र नहीं बनाया जाएगा।
4- हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के कुल पंजीकृत परीक्षार्थियों की संख्या 80 से कम होने पर विद्यालय को परीक्षा केंद्र नहीं बनाया जाएगा।
5- प्रधानाचार्यों की कमेटी विद्यालय में जाकर उसकी जियो लोकेशन सत्यापित करेगी।
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