International Museum Day: ताजमहल या किला सभी में पर्यटकों की फ्री एंट्री, आज स्मारकों की टिकट विंडो बंद
Taj Mahal Free Entry On International Museum Day विश्व संग्रहालय दिवस के अवसर पर ताजमहल सहित सभी स्मारकों में पर्यटकों को निशुल्क प्रवेश मिलेगा। हालांकि मुख्य मकबरे में जाने के लिए 200 रुपये का टिकट लगेगा। एएसआई द्वारा फतेहपुर सीकरी में जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा। यह पहली बार है कि संग्रहालय दिवस पर स्मारकों में मुफ्त प्रवेश दिया जा रहा है।

जागरण संवाददाता, आगरा। Taj Mahal Free Entery: विश्व संग्रहालय दिवस पर रविवार को ताजमहल समेत सभी स्मारकों में पर्यटकों को निश्शुल्क प्रवेश मिलेगा। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) के महानिदेशक के निर्देशों पर अधीक्षण पुरातत्वविद स्मिता एस. कुमार ने आगरा सर्किल के संरक्षण सहायकों को रविवार को पर्यटकों को निश्शुल्क प्रवेश देने की व्यवस्था सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं।
पहली बार फ्री हैं स्मारक
ताजमहल में पर्यटकों को प्रवेश तो निश्शुल्क मिलेगा, लेकिन मुख्य मकबरे पर जाने के लिए उन्हें 200 रुपये का टिकट लेना होगा। मुख्य मकबरे पर भीड़ प्रबंधन के लिए दिसंबर, 2018 में 200 रुपये का अतिरिक्त टिकट लागू किया गया था। अन्य स्मारकों पर टिकट विंडो बंद रहेंगी। यह पहला अवसर होगा, जबकि विश्व संग्रहालय दिवस पर स्मारकों में पर्यटकों को निश्शुल्क प्रवेश दिया जाएगा।
एएसआइ द्वारा विश्व संग्रहालय दिवस पर फतेहपुर सीकरी में रविवार सुबह नौ बजे जागरूकता कार्यक्रम कराया जाएगा।
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ताजमहल में स्थित संग्रहालय 119 वर्ष पुराना है
अकबर की राजधानी रहे फतेहपुर सीकरी के अतीत की जानकारी करनी है तो वहां टकसाल में संचालित संग्रहालय का रुख करें। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) द्वारा संचालित संग्रहालय में प्रदर्शित पुरावशेष फतेहपुर सीकरी के मुगलों से पहले भी आबाद होने की दास्तां सुनाते नजर आते हैं। संग्रहालय में छठी-सातवीं शताब्दी की (करीब 1400 वर्ष पुरानी) नेमिनाथ की यक्षिणी अंबिका और 11वीं शताब्दी की जैन सरस्वती की प्रतिमाएं दर्शनीय हैं। वहीं, ताजमहल में संचालित संग्रहालय करीब 120 वर्ष पुराना है।
फतेहपुर सीकरी स्थिति टकसाल में संग्रहालय बनाया था
रविवार को विश्व संग्रहालय दिवस है। संस्कृति, सभ्यता और इतिहास के बारे में हमें संग्रहालयों से उपयोगी जानकारी मिलती है। एएसआइ ने वर्ष 2014 में फतेहपुर सीकरी स्थिति टकसाल में संग्रहालय बनाया था। इसमें वर्ष 1976 और 1999-2000 में किए गए उत्खनन में मिली मूर्तियों, पुरावशेषों व मुगल सैनिक की तलवार हैं। यहां बीर छबीली टीले के उत्खनन में मिली छठी-सातवीं शताब्दी की लाल बलुई पत्थर से बनी नेमिनाथ की यक्षिणी अंबिका और 11वीं शताब्दी की जैन सरस्वती की प्रतिमा सबसे आकर्षक हैं। कुषाण काल के मृद्भांड, सातवीं से 17वीं शताब्दी की धातु की बनी वस्तुएं, जैन तीर्थंकर आदिनाथ व संभवनाथ की प्रतिमाएं, आदि प्रमुख हैं।
पश्चिमी नाैबतखाना में संग्रहालय बना हुआ है
ताजमहल में पश्चिमी नाैबतखाना में संग्रहालय बना हुआ है। लार्ड कर्जन के समय वर्ष 1906 में रायल गेट के बाएं भाग में संग्रहालय शुरू हुआ था। वर्ष 1982 में इसे वर्तमान स्थान पर शिफ्ट किया गया। इसकी तीन गैलरियों में ब्रिटिश काल में बनाया गया ताजमहल का मूल नक्शा, हाथी दांत पर बने शाहजहां व मुमताज के चित्र, पुराने हथियार, बर्तन, फरमान, सोने व चांदी से बने मुगलकालीन सिक्के हैं। सेलाडन (चीनी मिट्टी) की बनी शाहजहां के समय की रकाबी भी है, जिसे दिल्ली से यहां लाया गया था। मिट्टी की बनी रकाबी जेड ग्रीन ग्लेज्ड कोटिंग होने से धातु की बनी नजर आती है। इसकी खासियत यह बताई जाती है कि खाने में जहर मिला होने पर यह रंग बदलती है।
ताजमहल स्थित संग्रहालय को और बेहतर बनाने के लिए शाहजहां व मुमताज से जुड़ी वस्तुओं, मुगल दरबार की मिनिएचर पेंटिंग्स आदि को लगाया जाए। यहां प्रदर्शित हथियारों व बर्तनों में पर्यटक अधिक रुचि नहीं दिखाते हैं। -नितिन सिंह, गाइड
ताजमहल व फतेहपुर सीकरी संग्रहालय को समृद्ध बनाने के लिए नेशनल म्यूजियम में प्रदर्शित मुगलकालीन पुरावशेषों को मंगाकर लगाया जाना चाहिए। मुगलकालीन चित्र इनमें पर्यटकों के लिए बड़ा आकर्षण साबित हो सकते हैं। -योगेश शर्मा, गाइड
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