मथुरा में बड़ा खुलासा: दो ईंट भट्ठों पर काम करते हुए 90 बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार, मच गई खलबली
मथुरा के नौहझील में दो ईंट भट्ठों पर पुलिस ने छापा मारकर 90 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है। ये लोग पिछले पांच महीने से यहां काम कर रहे थे और पूछताछ में पता चला कि 12 साल पहले अवैध रूप से भारत में घुसे थे। पुलिस ने विदेशी अधिनियम के तहत कार्रवाई शुरू कर दी है और उन्हें यहाँ लाने वाले ठेकेदार की तलाश जारी है।
संसू, जागरण l नौहझील(मथुरा)। दो ईंट भट्ठों पर पहचान छुपाकर काम कर रहे 90 बांग्लादेशी नागरिकों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। ये पांच महीने से काम कर रहे थे। पूछताछ में स्वीकारा है कि 12 वर्ष पूर्व घुसपैठ के जरिए देश में दाखिल हुए थे और कई प्रदेशों में मजदूरी करते हुए यहां पहुंचे थे। बांग्लादेशियों के पकड़े जाने के बाद खुफिया एजेंसियां सक्रिय हो गईं।
बुधवार को अपराध समीक्षा बैठक में एसएसपी श्लोक कुमार ने अवैध रूप से रहने वाले लोगों के खिलाफ जिले भर में सर्च आपरेशन चलाने के निर्देश दिए थे।
शुक्रवार दोपहर नौहझील थाना पुलिस ने जरैलिया सेऊपट्टी स्थित आरबीएस ईंट उद्योग एवं मोदी ईंट उद्योग खाजपुर पर सर्च आपरेशन चलाया। भट्ठों पर काम कर रहे मजदूरों की बातचीत पर शक हुआ। इनका कहना था कि वे बंगाल के रहने वाले हैं, लेकिन कोई दस्तावेज नहीं दिखा सके।
सांकेतिक तस्वीर।
12 वर्ष पहले दाखिल हुए थे देश में
स्थानीय अभिसूचना इकाई, इंटेलीजेंस ब्यूरो की टीम मौके पर पहुंची और 90 लोगों को जनता इंटर कॉलेज परिसर में लाया गया। यहां सीओ मांट गुंजन सिंह ने पुरुषों से अलग-अलग पूछताछ की तो सच सामने आ गया। उन्होंने बताया कि 12 वर्ष पूर्व देश में दाखिल हुए थे। यहां से पहले राजस्थान, हरियाणा और गाजियाबाद में अलग-अलग जगह काम कर रहे थे।
पांच महीने से कर रहे थे काम
पांच महीने से ईंट भट्ठों पर काम कर रहे हैं। एसएसपी ने बताया, पकड़े गए 90 बांग्लादेशियों में 35 पुरुष, 27 महिलाएं और 28 बच्चे हैं। इन्हें लाने वाले ठेकेदार की तलाश की जा रही है। पकड़े गए लोगों के खिलाफ विदेशी अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।
चार वर्ष पूर्व सेवाकुंज मंदिर से पकड़े थे दो बांग्लादेशी नागरिक
25 जनवरी, 2020 को वृंदावन में इमलीतला के सेवाकुंज मंदिर में साधु बनकर सात साल से रह रहे दो बांग्लादेशी नागरिक चैतन्य देव उर्फ देव राय तथा मनरंजन राय उर्फ माधव दास को गिरफ्तार किया गया था।
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इन भट्ठों पर काम करने के लिए अधिकांशत
श्रमिक काम करते हैं। एक भट्ठे पर श्रमिकों की संख्या करीब 200 से अधिक होती है। भट्ठा संचालक द्वारा कम मजदूरी देने के चलते ठेकेदार के जरिए बाहरी मजदूरों को ही काम करने के लिए बुलाते हैं। ये श्रमिक भी ठेकेदार के जरिए ही यहां आए थे। ये आठ माह काम करने के बाद अन्य जिलों में संचालित भट्ठों एवं अन्य काम करते हैं। नौहझील पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए बांग्लादेशी श्रमिकों ने भी ये बात स्वीकार की है। इन श्रमिकों ने पुलिस को बताया है कि, वे करीब 12 वर्ष पूर्व बांग्लादेश से भारत में आए और फिर राजस्थान, हरियाणा, गाजियाबाद आदि प्रदेश में मजदूरी कर अपना परिवार पाल रहे हैं।
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