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    एक सेवा ये भी... गोवंश की न जाए जान, सोना गिरवी रख ग्राम प्रधान ने किया चारे का इंतजाम

    Agra News आगरा में ग्रामीण पंचायतों के अधीन गोशालाओं में चारे के लिए धन नहीं मिलने से प्रधान सोना गिरवी रखकर और कर्ज लेकर गोवंश का पेट भर रहे हैं। नगला बेहड़ के प्रधान ने चार तोला सोना गिरवी रखा है तो नगरचंद के प्रधान ने चार लाख रुपये का कर्ज लिया है। जनपद में कुल 92 गोशाला हैं जिनमें 19 से 20 हजार गोवंश संरक्षित हैं।

    By vidhyaram narwar Edited By: Abhishek Saxena Updated: Tue, 11 Mar 2025 11:29 AM (IST)
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    फतेहाबाद विकास खंड की ग्राम पंचायत नगरचंद की गोशाला। जागरण

    विद्याराम नरवार, जागरण, आगरा। मानवता और गोवंश की सेवा का जीवंत उदाहरण देखना है तो फतेहाबाद विकास की ग्राम पंचायत मेवली कला के नगला बेहड और नगरचंद में जरूर जाएं। नगला बेहड के प्रधान ने चार तोला सोना गिरवी रखकर गोवंश के लिए चारे का इंतजाम किया है।

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    वहीं नगरचंद के प्रधान ने चार लाख रुपये से अधिक का कर्जा लेकर गोवंश का पेट भरने का काम कर रहे हैं। उनकी चिंता है कि भूख से उनकी मौत न हो जाए। यह हाल जनपद की अधिकांश गोशालाओं का है। डेढ़ से दो माह तक का अभी तक भुगतान नहीं हो सका है। जिसके चलते प्रधान सोना गिरवी रखकर और उधार का चारा लाकर गाेवंश का पेट भरने का काम कर रहे हैं।

    जनपद में कुल 92 गोशाला हैं। जिनमें 19 से 20 हजार गोवंश उनमें संरक्षित हैं। ग्राम पंचायतों के अधीन संचालित गोशालाओं की देखभाल की जिम्मेदारी ग्राम प्रधान और पंचायत सचिवों की है। इन्हें ही चारे से लेकर पेयजल, धूप-सर्दी से बचाव के इंतजाम करना है। अगर किसी गोवंश की किसी कारण से भी मौत हो जाती है तो, उसकी जवाब देही प्रधान और सचिव की है। इस जिम्मेदारी को प्रधान पूरी ईमानदारी से निभा रहे हैं।

    मुकेश कुमार धाकरे, प्रधान।

    चार तोला सोना डेढ़ लाख रुपये में गिरवी रख

    नगला बेहड़ के प्रधान मुकेश कुमार धाकरे ने कुछ समय तक इधर-उधर से भूसा और दाना चुनी आदि की व्यवस्था की। अधिक उधार हो जाने पर सामान देने से इनकार कर दिया। इसके बाद चार तोला सोना डेढ़ लाख रुपये में गिरवी रखकर गोवंशी का पेट भरने का इंतजाम किया। दो माह से भुगतान नहीं हो सका है। जिसके कारण ये सब कुछ करना पड़ा है। वहीं नगर चंद ग्राम पंचायत की गोशाला में बड़ी संख्या में गोवंशी हैं। इनके चारे आदि के लिए मिलने वाला पैसा लगभग डेढ माह से नहीं मिल सका है, जिसके कारण गोवंश का पेट भरना मुश्किल हो गया।

    गोवंश का पेट भरने के लिए चार लाख रुपये से अधिक का कर्जा लिया, तब कहीं जाकर गाेवंश का पेट भरने का काम किया गया। वहीं खेरागढ़ तहसील की ग्राम पंचायत चीत की गोशाला में गोवंश की संख्या 705 है। तीन माह से पैसा नहीं मिला है। ग्राम प्रधान बनिया ने बताया कि लाखों रुपये का कर्जा हो गया है। अभी तक तो उधार मिल रहा है, इसके आगे क्या होगा, पता चलेगा। अधिकांश गोशालाओं का यही हाल है।

    जनवरी-फरवरी माह का भुगतान नहीं मिला है। गोशाला में गोवंश की संख्या 138 है। उधार में सामान देना बंद कर दिया। सोना गिरवी रखकर चारे आदि की व्यवस्था की गई है। मुकेश कुमार धाकरे, प्रधान, नगला बेहड़

    डेढ़ दो माह से भुगतान नहीं मिला है। गोशाला में 350 गोवंशी संरक्षित हैं। उधार का चारा और अन्य सामान लाया जा रहा है। चार लाख से अधिक का कर्जा हो गया है। नीरज कुमार, प्रधान, नगरचंद

    ये है स्थिति

    • प्रतिदिन प्रति गोवंश के हिसाब से चारे को मिलते हैं - 50 रुपये
    • ग्राम पंचायतों के अधीन गोशालाएं - 79
    • कुल गोशालाएं - 93
    • संरक्षित गोवंश- 19 से 20 हजार

    जनवरी माह तक का भुगतान कर दिया गया है। फरवरी माह का लगा हुआ है। जल्द ही मिल जाएगा। एक माह का भुगतान किया जाता है। डा. डीके पांडेय, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी

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