गरीब छात्रों की मुश्किल होगी दूर, सीबीएसई पैटर्न पर चलेंगे सरकारी स्कूल
प्रत्येक विकास खंड में पांच-पांच स्कूलों के चयन के लिए कुछ मानक भी बनाए गए हैं, जिनमें प्रमुख तौर पर उन स्कूलों को प्राथमिकता दी जाएगी।
आगरा (जागरण संवाददाता)। उन गरीब परिवारों के लिए अच्छी खबर है, जो अपने बच्चों को सीबीएसई स्कूलों में पढ़ाना चाहते हैं। पैसों के अभाव में वह निजी स्कूलों में अपने बच्चों का दाखिला दिला नहीं पाते और आरटीई के तहत उनका नंबर आता नहीं। ऐसे अभिभावक अब अपने बच्चों को अगले सत्र से सीबीएसई पैटर्न की पढ़ाई करा सकेंगे, वो भी सरकारी स्कूलों में। सरकार परिषदीय स्कूलों को सीबीएसई पैटर्न पर संचालित करने की तैयारी में है, ताकि कॉन्वेंट और निजी स्कूलों का विकल्प तैयार हो सके।
प्रदेश सरकार ने परिषदीय स्कूलों में कई बदलाव किए हैं, जैसे ड्रेस का रंग, जूते, बैग आदि बदल गए हैं। अब सरकार चाहती है कि परिषदीय स्कूलों के छात्रों को उपयोगी और आधुनिक शिक्षा प्रदान की जाए, ताकि परिषदीय स्कूलों के बच्चे प्रतिस्पर्धा के दौर में खुद को पिछड़ा हुआ न पाएं।
इसलिए सरकार अब परिषदीय स्कूलों में सीबीएसई पैटर्न पर अंग्रेजी माध्यम में सभी विषयों को पढ़ाना चाहती है। हालांकि एक विषय के रूप में अंग्रेजी की वर्तमान में भी पढ़ाई जाती है। इसके लिए सरकार प्रत्येक विकास खंड पर पांच-पांच स्कूलों में प्रयोग के तौर पर सीबीएसई पैटर्न पर पढ़ाई शुरू कराएगी। यह प्रयास 2018 के सत्र से शुरू हो जाएगा। सरकार का ये प्रयोग सफल रहता है तो बाद में स्कूलों की संख्या में इजाफा किया जाएगा।
बेसिक शिक्षा विभाग के सहायक निदेशक गिर्जेश चौधरी ने बताया कि सरकार गरीब परिवारों के बच्चों को कॉन्वेंट स्कूलों की तर्ज पर शिक्षा उपलब्ध कराना चाहती है। शासन की मंशा के अनुसार ऐसे स्कूलों को चिह्नित करने की तैयारी है, जिनमें भविष्य में सीबीएसई पैटर्न पर पढ़ाई संचालित की जा सके।
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प्रत्येक विकास खंड में पांच-पांच स्कूलों के चयन के लिए कुछ मानक भी बनाए गए हैं, जिनमें प्रमुख तौर पर उन स्कूलों को प्राथमिकता दी जाएगी। जिनमें छात्रों की उपस्थिति अच्छी है। शिक्षा की गुणवत्ता, पठन, पाठन भी बेहतर है और सुधार जारी है। पर्यावरण स्लोगन, स्वच्छता पर भी फोकस है। विभाग ऐसे स्कूलों को चिन्हित करने की तैयारी में जुटा है।
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