इंडोनेशिया में आगरा के मर्चेंट नेवी अधिकारी की मौत, जन्मदिन पर बेटी करती रही पिता का वेट, आज आ सकता है पार्थिव शरीर
इंडोनेशिया में शिप की मरम्मत करते समय आगरा के मर्चेंट नेवी अधिकारी मनीष की मृत्यु हो गई। परिवार को बुधवार को पार्थिव शरीर मिलने की उम्मीद है। बेटे की मौत से मां बेहाल है पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है और बच्चे पिता का इंतजार कर रहे हैं। दारोगा पिता और भाई पार्थिव शरीर को वापस लाने की कोशिश कर रहे हैं।

जागरण संवाददाता, आगरा। इंडोनेशिया में शिप की मरम्मत के दौरान समुद्र में गिरे आगरा के मर्चेंट नेवी अधिकारी का पार्थिव शरीर बुधवार को घर आने की परिवार वालों को उम्मीद है। जवान बेटे की मृत्यु के बाद मां के गले से अन्न का एक कौर भी नहीं उतरा है।
पत्नी रोते - रोते कई बार बेहोश हो चुकी है। मासूम बेटा-बेटी पिता के पैर में चोट लगने की झूठी कहानी को सच मानकर उनके आने की बाट जोह रहे हैं। इन सबके बीच दारोगा पिता और भाई आंसुओं को दिल में दफन कर सबको दिलासा देते हुए बेटे के शरीर को जल्द लाने के लिए सरकार और दूतावास से संपर्क कर जुटे हुए हैं।
पिता छुट्टी लेकर अंतिम दर्शन का कर रहे इंतजार,पत्नी व मां ने नहीं खाया खाना
आवास विकास कालोनी के सेक्टर आठ के रहने वाले मनीष 2013 में नाटिकल साइंस से स्नातक करने के बाद मर्चेंट नेवी में गए थे। दो वर्ष बाद नौकरी छोड़कर वापस आ गए थे। दो वर्ष पूर्व उन्होंने दाेबारा चेन्नई की एक शिप कंपनी में नौकरी शुरू की थी। वह इंडोनेशिया के बाटम दीप पर शिप की मरम्मत कार्य देख रहे थे।
25 जुलाई को उन्हें शिप के साथ दुबई निकलना था
25 जुलाई को उन्हें शिप के साथ दुबई निकलना था। इससे पहले 24 जुलाई की रात शिप पर चढ़ने के दौरान पैर फिसलने से वह समुद्र में गिर गए थे। अन्य साथी ने उन्हें निकाल कर डाक्टरों के पास ले गए तो उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। जानकारी के बाद मथुरा में दारोगा के पद पर तैनात पिता रमेश चंद्र और भाई अवनीश यादव विदेश मंत्रालय और कंपनी के अधिकारियों से संपर्क कर मनीष के पार्थिव शरीर को घर लाने के प्रयास में जुटे हुए हैं।
दस्तावेजी कार्रवाई पूरी हो चुकी हैं
भाई अवनीश ने बताया कि सभी दस्तावेजी कार्रवाई पूरी हो चुकी हैं। बुधवार को भाई का शरीर दिल्ली पहुंचने की उम्मीद है और उसके बाद उन्हें वहां से आगरा लाया जाएगा। इसके बाद अंतिम संस्कार होगा। अवनीश ने बताया कि 24 जुलाई को भाई के बेटे दो वर्षीय गर्व के पैर में चोट लगने पर पिता-और मां उनके घर मिलने गए थे। उसी समय मनीष ने सबसे एक साथ वीडियो काल की थी। सुबह दुबई निकलने और एक माह तक नेटवर्क ऊंचा नीचा होने की बात कही थी। किसी को नहीं पता था कि यह आखिरी बात हो रही है।
पिता को सबसे पहले मिली हादसे की जानकारी
मनीष के छोटे भाई अवनीश ने बताया कि पिता को सबसे पहले हादसे की जानकारी हुई थी। उन्होंने दस जगहों पर बात की। इसके बाद भाई की मृत्यु की पुष्टि हुई। पिता छुट़टी लेकर घर आए फिर बहुत हिम्मत कर दोनों को जानकारी दे पाए। इसके बाद से मां ने कुछ नहीं खाया है,रोते -रोते हालत बिगड़ने पर पानी पीती हैं और फिर रोने लगती हैं। भाभी कई बार रोते -रोते बहोश हो चुकी हैं। पिता को बमुश्किल 20 दिन की छुट़्टी मिली है। वह पथराई आंखों से भाई को आशिरी बार देखने की बाट जोह रहे हैं।
पेस्ट्री खिलाकर बेटी का जन्मदिन मनाया
अवनीश ने बताया कि दोनों बच्चों को बताया गया है कि पापा के पैर में चोट लगी है। भाई की चार वर्षीय बेटी का दो दिन पहले जन्मदिन था। वह पार्टी करने की जिद करने लगी। इस गमगीन माहौल में उसे बहाने से बाहर ले जाकर पेस्ट्री को केक की तरह काट कर उसे चुप कराया। सितंबर माह में उनकी पत्नी की डिलीवरी होनी है। भाई का अनुबंध भी खत्म हो रहा था। इसलिए भाई ने सितंबर में घर आकर सेलीब्रेट करने की तैयारी कर रखी थी।
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