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    खतरे के निशान 130 मीटर पर पहुंचा चंबल का जलस्तर, पांच गांवों का संपर्क टूट; मोबाइल की फ्लैश लाइट में बन रहा खाना

    Updated: Wed, 30 Jul 2025 09:31 AM (IST)

    चंबल नदी में जलस्तर बढ़ने से बाह क्षेत्र के पांच गांवों का संपर्क टूट गया है। गुढ़ा गोहरा रानीपुर भटपुरा और झरना पुरा चारों ओर से पानी से घिर गए हैं जिससे बिजली आपूर्ति बंद कर दी गई है। एक हजार बीघा फसल जलमग्न हो गई है और ग्रामीणों में मगरमच्छों का डर है। प्रशासन बाढ़ चौकियों को सक्रिय कर ग्रामीणों को सुरक्षित निकालने में जुटा है।

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    खतरे के निशान 130 मीटर पर पहुंचा चंबल का जलस्तर।

    संसू, जागरण l बाह। कोटा बैराज से चंबल नदी में लगातार पानी छोड़ने के चलते आगरा में जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। पिछले 12 घंटे में चंबल नदी के जलस्तर में 3 मीटर की बढ़ोतरी हुई है। बुधवार सुबह 9:00 बजे चंबल का जलस्तर खतरे के निशान 130 मीटर पर पहुंच गया।

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    जलस्तर में हो रही बढ़ोतरी से 35 गांव को खतरा पैदा हो गया है। जल्द ही इन गांव में आवागमन का रास्ता बंद हो सकता है। सिंचाई विभाग के अधिकारियों के अनुसार नदी का जलस्तर 132 मीटर तक पहुंच सकता है।

    राजस्थान और मध्य प्रदेश में झमाझम बारिश हो रही है। इससे कोटा बैराज का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। कोटा बैराज से ढाई लाख क्यूसेक पानी छोड़ने से चंबल में उफान आ गया है। सोमवार रात नौ बजे जलस्तर 123 मीटर था। मंगलवार सुबह से ही जलस्तर में तेजी से बढ़ोत्तरी होने लगी। दोपहर में जलस्तर 126 मीटर तक पहुंच गया। रात नौ बजे तक यह 127 मीटर तक पहुंच गया। सुबह 130 मीटर तक आ गया।

    132 मीटर तक पहुंच सकता है जलस्तर

    चेतावनी बिंदु तक जलस्तर पहुंचने से गुढ़ा, गोहरा, रानीपुर, भटपुरा, झरना पुरा का तहसील मुख्यालय से संपर्क टूट गया। इन गांवों की बिजली आपूर्ति भी बंद कर दी गई है। चंबल के तटवर्ती मजरों के मुख्य मार्ग में पहले से ही तीन से चार फीट तक पानी भर गया है।

    क्षेत्रीय लोग सुरक्षित क्षेत्रों में चले गए हैं। दोपहर में एसडीएम बाह हेमंत कुमार सहित अन्य अधिकारियों ने निरीक्षण किया। सभी कर्मचारियों और लेखपालों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है। नदी में मगरमच्छ समेत अन्य जंगली जानवर की आशंका को लेकर ग्रामीण दहशत में हैं।

    बिजली आपूर्ति बंद

    एसडीएम ने बताया कि संबंधित गांवों की बिजली आपूर्ति बंद कर दी गई है। नजर रखी जा रही है। राशन की कोई कमी नहीं है। संभव है कि बुधवार दोपहर बाद जलस्तर में कमी आएगी। उधर, चंबल में उफान आने से एक हजार बीघा फसल जलमग्न हो गई है। इसमें सबसे अधिक फसलें टिंडे, भिंडी, तोरई, लौकी की हैं। 

    मोबाइल की फ्लैश लाइट में बन रहा खाना

    चंबल नदी की तलहटी में बसे गोहरा, रानीपुर, भटपुरा झरना, गुढ़ा गांवों को चंबल नदी के पानी ने घेर लिया है। बिजली के पोल का आधा हिस्सा पानी में डूब गया है। इसी के चलते बिजली की आपूर्ति बंद हो गई है। गुढ़ा की आबादी 800, गोहरा की दो हजार, रानीपुर की 400, भटपुरा की 900 और झरना की 800 है। इन गांवों के लोगों पर मुसीबतों का पहाड़ टूट गया है। मगरमच्छ सहित अन्य के चलते लोग दहशत में हैं।

    ग्रामीण सोनू ने बताया कि बिजली आपूर्ति बंद करने से पूर्व कोई भी व्यवस्था नहीं की गई। मिट्टी का तेल तक नहीं दिया गया। मोबाइल की फ्लैश लाइट से कार्य चलाना पड़ रहा है। गोहरा के संतोष यादव का कहना है कि बिजली आपूर्ति बंद होने से फ्रिज, टीवी सहित अन्य उपकरण बंद हो गए हैं। सबसे अधिक दिक्कत रोशनी को लेकर आ रही है।

    भटपुरा के महेश चंद्र का कहना है कि बिना बिजली के रात काटना आसान नहीं है। झरना का पुरा के नेत्रपाल का कहना है कि सोलर लाइट गांव में दी जानी चाहिए।

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