Lucknow Murder Case: कहीं बांग्लादेशी तो नहीं...होटल में चार बहन और मां की हत्या करने वाले अरशद और उसके पिता पर शक !
Lucknow Murder Case Update News अरशद और पिता मोहम्मद बदर को बस्ती में लोग सनकी समझते थे। बहन की मौत के बाद गमी में एक भी रिश्तेदार नहीं आया था। इसके चलते बांग्लादेशी होने का शक गहरा रहा है। हत्यारोपित अरशद की बहन की मौत पर पड़ोसी ही अपने कंधों पर ले गए अर्थी को क्रब्रिस्तान तक लेकर गए थे।
जागरण संवाददाता, आगरा। लखनऊ के होटल में चार बहनों और मां की हत्या की हत्या करने वाले अरशद और उसके पिता मोहम्मद बदर का केवल बस्ती से ही अलगाव नहीं था, बल्कि उनका किसी रिश्तेदार से भी नाता नहीं था।
बस्ती वालों का कहना है कि किसी खुशी और गम के मौके पर एक भी रिश्तेदार उनके यहां नहीं आता था। एक वर्ष पहले अरशद की शादीशुदा बहन की मृत्यु हुई तो बस्ती के चार लोग ही उसको कब्रिस्तान तक ले गए। वहीं अरशद की सास कासमा ने भी उनके किसी से नाता न होने की जानकारी दी।
उन्होंने जागरण संवाददाता को बताया कि सात वर्ष पहले हुए निकाह में अरशद की ओर से एक भी रिश्तेदार नहीं आया था। 12 वर्ष से इस्लाम नगर में रह रहे परिवार पर इसीलिए बस्ती वालों को बांग्लादेशी होने का शक है।हत्याकांड के बाद पुलिस भी इस एंगल से भी जांच कर रही है।
होटल शरणजीत में बहन के साथ की मां की हत्याएं
टेढ़ी बगिया के इस्लाम नगर में रहने वाले अरशद ने लखनऊ के नाका क्षेत्र में होटल शरणजीत में अपनी चार बहनों और मां की हत्या कर दी। दिल दहला देने वाली इस घटना में उसका साथ पिता बदर ने भी दिया था।इंटरनेट मीडिया पर वीडियो प्रसारित कर अरशद और उसके पिता ने अपनी बस्ती को आरोपाें में घेरा है। मगर, बस्ती वाले अलग ही कहानी बता रहे हैं। उनका कहना है कि 12 वर्ष पहले बदर परिवार के साथ यहां रहने आया था। तब से अब तक उसका कोई रिश्तेदार घर नहीं आया।
बहन फरीद भी रहती थी
पड़ोसी अलीम ने बताया कि अरशद की शादीशुदा बड़ी बहन फरीन भी यहीं रहती थी। दो वर्ष पहले उसकी मृत्यु हो गई। गमी में रिश्तेदार आते हैं, लेकिन अरशद का कोई रिश्तेदार नहीं आया। बस्ती वालों से अरशत का कोई संबंध नहीं था। ऐसे में वह बहन को घर में ही दफनाने की तैयारी कर रहा था।
अलीम ने बताया कि बस्ती के लोगों को यह पता चल गया। ऐसे में वे और बस्ती के तीन और लोग उसके घर पहुंचे और अपने कंधों पर कब्रिस्तान तक अर्थी ले गए थे। कोई रास्ते में कंधा बदलने वाला भी नहीं था इसलिए कंधे भी थक गए थे। वर्ष 2017 में अरशद का निकाह बस्ती में ही रहने वाली चांदनी से हुआ था। दो माह बाद ही चांदनी उसके उत्पीड़न से परेशान होकर छोड़कर चली गई।
घर से सात सौ मीटर दूर है चांदनी का घर
चांदनी का घर अरशद के घर से 700 मीटर की दूरी पर है। उसकी मां कासमा ने बताया कि जब उन्होंने बेटी का निकाह किया था तब अरशद की ओर से कोई रिश्तेदार नहीं आया था। उसने कह दिया था कि किसी को बुलाया नहीं है। बस्ती वालों को भी वह निकाह में नहीं ले गया था। उनके व्यवहार और रहन सहन के कारण बस्ती वालों को परिवार के बांग्लादेशी होने का शक है।
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बस्ती वाले बांग्लादेशी होने पर करते थे शक
लखनऊ में प्रसारित हुए वीडियो में अरशद ने कहा है कि बस्ती वाले उन पर बांग्लादेशी होने का शक करते थे। वह मूल रूप से बदायूं का रहने वाला है। उसकी ताई वहां रहती है। वर्ष 1947 तक के पेपर उनके पास हैं।वीडियो में उसकी बात सुनने के बाद लखनऊ और आगरा पुलिस भी इस एंगल से जांच कर रही है। अरशद की बहन के अंतिम संस्कार में शामिल हुए लोगों, उसकी पूर्व पत्नी और वीडियो में आरोपित बताए गए लोगों से ट्रांस यमुना पुलिस पूछताछ कर रही है।
इंस्पेक्टर ट्रांस यमुना कॉलोनी भानु प्रताप सिंह का कहना है कि अभी सभी बिंदुओं पर जांच की जा रही है। बस्ती के लोगों से पूछताछ में जो तथ्य सामने आएंगे वह लखनऊ पुलिस से साझा किया जाएगा।
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