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    आगरा मतांतरण केस: अब्दुल रहमान ने पूछताछ में किए कई खुलासे, मौलाना कलीम का है शागिर्द

    Updated: Tue, 22 Jul 2025 01:24 PM (IST)

    Operation Asmita अवैध मतांतरण गिरोह के सरगना अब्दुल रहमान 1990 में फिरोजाबाद से दिल्ली जाकर कलीम सिद्दीकी के संपर्क में आने के बाद महेंद्र पाल सिंह अब्दुल रहमान बन गया। वह कलीम सिद्दीकी के साथ मतांतरण कराने लगा। पुलिस ने उसके घर से मतांतरण की पुस्तकें और इस्लाम से संबंधित साहित्य बरामद किया है। कलीम सिद्दीकी के जेल जाने के बाद रहमान गिरोह की कमान संभाल रहा था।

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    आगरा मतांतरण केस में पुलिस ने अब्दुल रहमान को गिरफ्तार किया है।

    जागरण संवाददाता, आगरा। अवैध मतांतरण गिरोह के सरगना अब्दुल रहमान को पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है। अब्दुल रहमान से प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया है कि 1990 में वह फिरोजाबाद से मजदूरी करने दिल्ली गया था। वहां पर कलीम सिद्दीकी के संपर्क में आया। मतांतरण के बाद महेंद्र पाल सिंह से अब्दुल रहमान बन गया।

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    कलीम सिद्दीकी के साथ वह भी मतांतरण कराने लगा। पुलिस आयुक्त ने बताया कि दिल्ली की नेहा नाम की युवती की तलाश जारी है। फिरोजाबाद में उसके परिवार का कोई सदस्य नहीं रह रहा है।

    रोहतक की गुमशुदा युवती भी बरामद

    पुलिस आयुक्त दीपक कुमार ने बताया कि सोमवार सुबह दिल्ली के मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र मुस्तफाबाद में अब्दुल रहमान के घर पर छापा मारा गया। आरोपित को गिरफ्तार करने के साथ ही पुलिस ने रोहतक की युवती को भी उसके घर से बरामद किया है। सांपला थाने में 12 नवंबर, 2024 को युवती की गुमशुदगी दर्ज कराई गई थी।

    घर से मिला साहित्य

    पुलिस आयुक्त दीपक कुमार ने बताया, कि अब्दुल रहमान के घर से बड़ी संख्या में मतांतरण की पुस्तकों के अलावा इस्लाम से संबंधित साहित्य मिला है। इसमें जाकिर नाइक, कलीम सिद्दीकी द्वारा साहित्य के साथ ही खुद अब्दुल रहमान की लिखी पुस्तक इस्लाम और बहुजन समाज, आतंकवाद और इस्लाम, रिटर्निंग योर ट्रस्ट एवं बंधुत्व शामिल हैं।

    फिरोजाबाद का महेंद्र पाल बना अब्दुल रहमान

    फिरोजाबाद का महेंद्र पाल 1990 में मतांतरण के बाद अब्दुल रहमान बना। कई साल तक वह मुजफ्फरनगर के मौलाना कलीम सिद्दीकी की शागिर्दी में रहा। कलीम के जेल जाने के बाद वह गिरोह की कमान संभाल रहा था। गिरोह में वह रहमान चचा के नाम से जाना जाता था। सामूहिक मतांतरण में कलीम सिद्दीकी और उसके साथियों को 2021 में एटीएस ने गिरफ्तार किया था। 2024 में कलीम और उसके 12 साथियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई जा चुकी है। गोवा से पकड़ी गई विदेशी फंडिंग को मैनेज करने वाली आयशा से रहमान के संपर्क थे।

    दो बेटियों के अपहरण की जांच के बाद खुला मतांतरण का खेल

    आगरा के जूता कारोबारी की दो बेटियों के अपहरण की जांच कर रही पुलिस ने अवैध मतांतरण गिरोह का पर्दाफाश करते हुए छह राज्यों से 10 लोगों को गिरफ्तार किया था। सभी पुलिस रिमांड पर हैं। पूछताछ में गोवा से गिरफ्तार आयशा (पूर्व नाम एसबी कृष्णा) ने अब्दुल रहमान का नाम बताया था। उसने बताया था कि विदेश से आने वाले फंड को रहमान चचा के कहने पर ही भेजती थी। 

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