Illegal Conversion Racket: बेटियों के माता-पिता बोले- 'पैसा कमाने की दौड़ में अपने बच्चों को न भूल जाएं'
Operation Asmita मतांतरण गिरोह के शिकार बेटियों के माता-पिता ने अन्य अभिभावकों से अपील की है कि वे बच्चों को उच्च शिक्षा के साथ-साथ धर्म के प्रति भी जागरूक करें। उन्होंने बताया कि कैसे उनकी बेटियां इस गिरोह के जाल में फंसीं और उन्हें क्या-क्या परेशानियां आईं। सभी अभिभावकों को धर्म से संबंधित साहित्य पढ़ाने और बच्चों को सही मार्गदर्शन देने का आग्रह किया ताकि ऐसी घटनाओं बच सकें।

जागरण संवाददाता, आगरा। 'पैसा कमाने की दौड़ में अपने बच्चों को न भूल जाएं। बच्चों को पढाई के साथ अपने धर्म के प्रति भी पक्का करें। उन्हें धर्म से संबंधित अच्छी पुस्तकें उपलब्ध कराएं, जिससे वह अपने धर्म के प्रति सजग और प्रतिबद्ध रहें। उनका मन कहीं और नहीं भटके।
उच्च शिक्षा दिलाने के बच्चों को धर्म का ज्ञान अवश्य दें।, मतांतरण गिरोह के जाल में फंसी बेटियों की बरामदगी के बाद माता-पिता ने रविवार को अन्य अभिभावकों को यह संदेश दिया। वह रविवार को पुलिस आयुक्त कैंप कार्यालय पर पुलिस को धन्यवाद देने आए थे।
माता-पिता ने बताया कि चार वर्ष से मतांतरण गिरोह के जाल में फंसी बेटियों को समझाने का प्रयास कर रहे थे। बड़ी बेटी खंदारी में एक कोचिंग के दौरान कश्मीर की रहने वाली साइमा के संपर्क में आई। उससे मित्रता के बाद राह से भटक गई।
बच्चाें को उच्च शिक्षा के साथ धर्म के प्रति भी प्रतिबद्ध बनाएं, जिससे वह भटके नहीं
फरवरी 2021 में बड़ी बेटी कश्मीर चली गई, उसे 48 घंटे में कश्मीर के उधमपुर जिले से बरामद करके ले आए थे। वहां से लौटने के बाद बेटी के व्यवहार में बदलाव आ गया था। हालांकि बड़ी बेटी और छोटी दोनों का मोबाइल उन्होंने ले लिया था। वह मित्रों एवं रिश्तेदारों से बातचीत के लिए मां के मोबाइल का प्रयाेग करती थीं। इसके बावजूद पता नहीं कैसे दोनों मतांतरण गिरोह से जुड़े लोगों के संपर्क में रहीं।
माता-पिता ने बताया कि उन्होंने दोनों बेटियों को कान्वेंट से पढ़ाने के बाद उच्च शिक्षा दिलाई। बड़ी बेटी एम.फिल कर चुकी थी। उन्हें लगा था कि उच्च शिक्षा से बेटियों का जीवन बेहतर करने में मदद करेगी। उन्हें नहीं पता था कि वह ऐसे किसी गिरोह के जाल में फंस जाएंगी और भटक जाएंगी।
मतांतरण गिरोह के जाल में फंसी बेटियों के माता-पिता ने अभिभावकों को दिया संदेश
माता-पिता ने अभिभावकों को संदेश दिया कि वह बच्चों को उच्च शिक्षित करने के साथ ही उन्हें अपने धर्म के प्रति भी लगातार प्रतिबद्ध बनाएं। जिसके लिए उन्हें अपने धर्म से संबंधित साहित्य पढ़ाएं। अपने धर्म की अच्छाइयों के के बारे में बताएं। जिससे कि अन्य अभिभावकों को उनकी तरह इस तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़े।
साइमा ने बहनों के बाद मां के भी मतांतरण का किया था प्रयास
गिरोह बहनाें के साथ पूरे परिवार का मतांतरण कराना चाहता था। बेटियों के बाद मां को भी अपने जाल में फंसाने का प्रयास किया था। बहनों की मां ने बताया कि साइमा उनकी बड़ी बेटी को मतांतरण से संबंधित साहित्य और वीडियो पढ़ने को देती थी। जिसने बेटी पूरी तरह से प्रभावित हो गई थी।
फरवरी 2021 में बेटी को कश्मीर से लेकर आने के बाद साइमा ने कई बार उन्हें भी काल किया था। उनसे मुस्लिम साहित्य पढ़ने काे कहा। कई बार मतांतरण की दिशा में आगे बढने का दबाव बनाया गया। यहां तक की बड़ी बेटी ने भी घर में पूजा-पाठ का विरोध करते हुए उन्हें मतांतरण के लिए कहा था। मगर, वह जानती थीं कि बेटियां गिरोह के जाल में फंस गई हैं। इसलिए उन्हें प्यार से समझाने का प्रयास कर रही थीं।
उत्सुकता के चलते छोटी बहन भी फंस गई जाल में
बड़ी बहन को माता-पिता कश्मीर से लेकर लौटे तो उस समय छोटी बेटी नाबालिग थी। वह बडी बहन के साथ कमरे में रहती थी। मां ने बताया कि छोटी बेटी उत्सुकता के चलते मतांतरण कराने वाले गिरोह के जाल में फंसी। बड़ी बहन से बातचीत के बाद उसने भी यूट्यूब पर वीडियो देखना शुरू कर दिया। नाबालिग होने के चलते गिरोह ने छोटी बेटी से कोई बात नहीं की। लगातार वीडियो देखने के चलते वह मतांतरण गिरोह के जाल में पूरी तरह से फंस गई। उसके बालिग होने पर गिरोह ने मतांतरण के लिए राजी किया।
गिरोह के निशाने पर रहती थीं व्यस्क युवक-युवतियां
गिरोह के रडार पर व्यस्क युवक-युवतियां रहती थीं। गिरोह का मानना था कि व्यस्क के मतांतरण कराने से दो लाभ होगें। पहला वह बालिग होने के चलते गिराह के सदस्य किसी कानूनी कार्रवाई में नहीं फंसेंगे। दूसरा एक व्यस्क परिवार के अन्य सदस्यों को भी आसानी से मतांतरण के लिए तैयार कर सकता है। जबकि नाबालिग का मतांतरण कराने पर कड़ी कानूनी कार्रवाई का डर रहता। वह बच्चों के बालिग होने की प्रतीक्षा करता है। युवतियों पर विशेष नजर रहती है, क्योंकि वह आसानी से शिकार बनाई जा सकती हैं।
माता-पिता बोले धन्यवाद मुख्यमंत्री योगी
धन्यवाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और आगरा पुलिस। पुलिस और मुख्यमंत्री का धन्यवाद करते समय माता-पिता का गला भर आया। चार महीने बाद बेटियों की बरामदगी पर माता-पिता का कहना था कि यह सब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पुलिस की तत्परता से संभव हो सका। जिन्होंने बेटियों को बरामद करके उनके सिपुर्द किया।
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