Illegal Conversion Racket: साहित्य से मतांतरण के लिए ब्रेनवॉश करता था गिरोह, अब्दुल रहमान ने लिखी एक पुस्तक
आगरा में मतांतरण कराने वाला गिरोह साहित्य और वीडियो के माध्यम से लोगों को अपने जाल में फंसाता था। अब्दुल रहमान नामक व्यक्ति ने इस्लाम और आतंकवाद नामक पुस्तक भी लिखी है। गिरोह के सदस्य रोजाना टेस्ट लेते थे और लोगों को सोचने का मौका नहीं देते थे ताकि वे इस जाल में फंसे रहें। पुलिस ने अब्दुल रहमान के घर से कई पुस्तकें बरामद की हैं।

जागरण संवाददाता, आगरा। मतांतरण कराने वाला गिरोह लोगों को अपने जाल में फंसाने के बाद उन्हें वीडियो के अलावा साहित्य भी उपलब्ध कराता था। मतांतरण के जाल में फंसे युवक-युवतियाें से लगातार संपर्क में रहता था।
दी गई पुस्तकों में लिखी बातों के बारे में पूछा जाता था। जिससे कि वह मतांतरण से संबंधित साहित्य काे पढ़ने पर मजबूर हो जाएं। गिरोह के जाल से बाहर नहीं निकल सके। गिरोह निरंतर फालोअप करके उसका ब्रेनवॉश करता था। अब्दुल रहमान ने खुद भी एक पुस्तक इस्लाम और आतंकवाद लिखी है।
साहित्य, वीडियो के लिंक भेजने के बाद उनसे मिली शिक्षा के बारे में पूछता था
मतांतरण की शिकार हुई रोहतक की युवती और आगरा की बेटियों से बातचीत में पुलिस को गिरोह की कार्यशैली के बारे में काफी कुछ जानकारी मिली है। गिरोह के सदस्यों ने भी पूछताछ में इसकी पुष्टि की है। मतांतरण के जाल में फंसे लोगों को गिरोह इससे संबंधित साहित्य भेजता था। उन्हें पढ़ने के लिए कहा जाता था। मतांतरण के लिए जो लोग संपर्क में हैं,वह इसके प्रति कितने गंभीर हैं? गिरोह के सदस्य प्रतिदिन इसका टेस्ट लेते थे। वह भेजी गई सामग्री में लिखी गई बातों के बारे में पूछते थे।
नमाज पढ़ने समेत अन्य अरबी शब्दों के अर्थ के बारे में करता था जानकारी
नमाज पढ़ने के तरीके समेत अन्य धर्म से संबधित अन्य चीजों के बारे में पूछते थे। इसके पीछे गिरोह का उद्देश्य यह था कि वह मतांतरण करने वाले को सोचने का समय नहीं दिया जाए। उसे निरंतर इतना व्यस्त रखा जाता कि वह इस चक्रव्यूह में फंसकर रह जाए। उसे बाहर निकलने के बारे में सोचने का अवसर ही नहीं मिले। पुलिस ने दिल्ली में अब्दुल रहमान के घर से मतांतरण से संबंधित कई सौ पुस्तकें बरामद कीं।जिसमें कुछ स्वयं अब्दुल रहमान ने लिखी हैं, कई मौलाना कलीम सिद्दीकी समेत अन्य लेखकों की हैं।
मतांतरण के आरोपित की रिमांड के दौरान दो हिरासत में लिए
मतांतरण के आरोपित अब्दुल रहमान को दीवानी में सीजेएम कोर्ट में पेश करने के दौरान वहां संजय जाट और बृजेश भदौरिया को वहां घूमता देख हंगामे के शक में पुलिस ने दोनों को हिरासत में ले लिया। रिमांड के बाद दोनों से पूछताछ कर छोड़ा गया। उनके पकड़े जाने का वीडियो प्रसारित हुआ है। वहीं संजय जाट का कहना है कि वह अपनी तारीख के सिलसिले में कोर्ट गए थे।
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