चौथे सोमवार के लिए बदलेगा ट्रैफिक रूट, घरों से देखकर निकलें कौन-कौन से मार्ग रहेंगे बंद; तीन से रूट डायवर्जन
आगरा में श्रावण मास के चौथे सोमवार को कांवड़ यात्रा और जलाभिषेक के कारण रविवार शाम से शहर में भारी वाहनों पर प्रतिबंध रहेगा। कई रास्तों पर यातायात बदला गया है। पृथ्वीनाथ महादेव मंदिर पर विशेष व्यवस्था की गई है जहाँ पृथ्वीराज चौहान ने शिवलिंग स्थापित किया था। शहर के अन्य शिव मंदिरों पर भी सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रहेगी।

जागरण संवाददाता, आगरा। श्रावण मास के चौथे सोमवार को कांवड़ यात्रा, शिव मंदिरों में जलाभिषेक व विशेष पूजा-अर्चना को देखते हुए रविवार शाम चार बजे से शहर में भारी वाहन प्रतिबंधित रहेंगे। बाहरी और आंतरिक यातायात मार्ग परिवर्तन किया गया है। जो रविवार शाम चार बजे से सोमवार काे कार्यक्रम की समाप्ति तक लागू रहेगा। डीसीपी यातायात अभिषेक अग्रवाल ने बताया कि तीन अगस्त की रात 11 बजे से नो एंट्री नहीं खुलेगी।
यह होगी मार्ग परिवर्तन व्यवस्था
- हाथरस से आने वाले भारी वाहन सादाबाद से मथुरा या सिकंदराराऊ की ओर जाएंगे।
- फतेहपुर सीकरी से आने वाले भारी वाहन पथौली नहर से रोहता चौराहा की ओर जाएंगे।
- ग्वालियर एवं जयपुर से अलीगढ़ जाने वाले भारी वाहन दक्षिणी बाइपास व यमुना एक्सप्रेसवे होकर जाएंगे।
- मथुरा–फिरोजाबाद रूट खुला रहेगा
- अलीगढ़, एटा, टूंडला से आने-जाने वाले वाहन एनएच-19 पर भेजे जाएंगे
- रामबाग, शाहदरा चुंगी से भारी वाहनों का प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा।
- रामबाग, सुल्तानगंज पुलिया, वाटरवर्क्स, खंदारी, आरबीएस, सिकंदरा, बोदला, तोरा चौकी पर बैरियर लगाकर भारी वाहनों को प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा।
- रामबाग से अमर सिंह गेट तक कांवड़ियों के मार्ग पर वाहनों का प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा।
- पृथ्वीनाथ मंदिर क्षेत्र (वायु विहार, भोगीपुरा, रूई की मंडी, शाहगंज) में चारपहिया और भारी वाहनों पर पूर्ण प्रतिबंध
- तहसील तिराहा, मारुति एस्टेट, पचकुंइया, कोठी मीना बाजार आदि क्षेत्रों से वैकल्पिक मार्गों से मार्ग परिवर्तन किया जाएगा।
प्रमुख शिवालयों यह रहेगी व्यवस्था
- पृथ्वीनाथ महादेव मंदिर: फाटक से आने-जाने वाले चारपहिया वाहनों पर रोक।
- कैलाश महादेव मंदिर: प्रातः चार बजे से बैरियर और पुलिस बल तैनात
- रावली महादेव मंदिर: स्टेट बैंक तिराहा पर पुलिस बल तैनात रहेगी
- राजेश्वर महादेव मंदिर: राजपुर चुंगी और एकता चौकी से वाहनों पर रोक
- बल्केश्वर महादेव मंदिर: बोदला मार्ग से पहुंचने पर रोक व बैरियर व्यवस्था।
- मनःकामेश्वर महादेव मंदिर: मंटोला क्षेत्र में यातायात नियंत्रण को विशेष फोर्स।
मंदिर की है रोचक कहानी
मंदिर को लेकर एक रोचक किस्सा है कि एकबार पृथ्वीराज चौहान अपने सिपाहियों के साथ कहीं जा रहे थे। रात्रि विश्राम के लिए उन्होंने यहां स्थित एक टीले पर उगे पेड़ से अपना घोड़ा बांध दिया लेकिन घोड़े की रस्सी बार-बार खुल जाती थी। ऐसा देखकर उन्हें अजीब लगा, उन्होंने टीले की खोदाई कराई, तो नीचें से शिवलिंग अवतरित हुए। उन्हें बाहर निकालने का प्रयास किया, तो शिवलिंग का आधार उन्हें नहीं मिला।
इस पर उन्होंने वहीं पर शिवलिंग स्थापित कराया। आज भी शिवलिंग के दर्शन करने के लिए करीब आधा दर्जन से अधिक सीढ़ियां उतरकर गर्भग्रह में जाना पड़ता है। शिवलिंग स्थापना स्वयं पृथ्वीनाथ चौहान ने की थी, इसलिए मंदिर का नाम उन्हीं के नाम पर पृथ्वीनाथ महादेव पड़ा।
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