एक चार्ज में 200 KM की दूरी, कीमत 38 करोड़ रुपये... रोजाना होती हैं स्टार्ट; लेकिन डिपो में हैं ये इलेक्ट्रिक बसें
Agra News आगरा में परिवहन विभाग को इलेक्ट्रिक बसें मिली हैं। ये बसें एक बार चार्ज होने के बाद 200 किलोमीटर तक चल सकती हैं। लेकिन अभी तक चार्जिंग प्वाइंट नहीं बनने के कारण ये डिपो में खड़ी धूल फांक रही हैं। इनकी कीमत करीब 38 करोड़ की है। एक इलेक्ट्रिक बस का मूल्य एक करोड़ रुपये है। अगले एक महीने में ये सड़कों पर दौड़ सकती हैं।

जागरण संवाददाता, आगरा। Agra News: परिवहन निगम आगरा को मिलीं 38 करोड़ रुपये से अधिक की इलेक्ट्रिक बसें तीन महीने से धूल फांक रही हैं। इन बसों के मिलने से पहले बसों को चार्ज करने की कोई तैयारी नहीं की गई। विभाग की सुस्त चाल से चार्जिंग प्वाइंट बनकर खड़े हैं, लेकिन उन्हें पावर सप्लाई के लिए स्ट्रांग रूम बनाने में एक महीना और लगेगा। आगरा रोडवेज को इस वर्ष जनवरी और फरवरी के दौरान 38 इलेक्ट्रिक बसें मिलीं। एक बस का मूल्य एक करोड़ रुपये से अधिक है।
बस एक बार चार्ज होने के बाद 200 किलोमीटर की दूरी तय करेंगी। इलेक्ट्रिक बसों को नोएडा वाया यमुना एक्सप्रेस-वे, मथुरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, बेवर और फर्रूखाबाद समेत आसपास के जिलों में चलाने की योजना है। चार्जिंग स्टेशन बनाने की प्रक्रिया पूरी करने में दो महीने बीत चुके हैं। करोड़ों की इलेक्ट्रिक बसें फोर्ट डिपो परिसर में खड़ी दो महीने से धूल फांक रही हैं। जब तक चार्जिंग स्टेशन बनकर तैयार होंगे, तब तक कई बसों के खड़े-खड़े खराब होने की आशंका है।
विभागीय सुस्ती के चलते पर्यावरण की मित्र मानी जाने वाली बसें धूल खाती रहेंगी। एक पेंच यह भी है कि वह एक बार चार्ज होने के बाद 200 किलोमीटर तक चलेंगी। यहां भी पेंच फंसा हुआ है, जिन जिलों में इलेक्ट्रिक बसों को जाना है। वहां पर भी चार्जिंग प्वाइंट बनाने की प्रक्रिया में तेजी आए, तभी रूट पर संचालित हो सकेंगी।

चार्जिंग प्वाइंट।
आठ चार्जिंग प्वाइंट के लिए बन रहा स्ट्रांग रूम
इलेक्ट्रिक बसों के लिए फोर्ट डिपो में आठ चार्जिंग प्वाइंट बनकर तैयार हो गए हैं। चार्जिंग प्वाइंट को पावर सप्लाई के लिए स्ट्रांग रूम बनाया जाना है। स्ट्रांग रूम का निर्माण अभी चल रहा है। अभी नींव और पिलर ही बने हैं। स्ट्रांग रूम का विद्युत कनेक्शन अलग से होगा, जिसके लिए टोरंट द्वारा 11 हजार किलोवाट की भूमिगत लाइन डाली जाएगी। इस पूरी प्रक्रिया में एक महीने से अधिक का समय लगेगा।
तीन घंटे में चार्ज होगी इलेक्ट्रिक बस
इलेक्ट्रिक बस, चार्जिंग प्वाइंट पर दो से तीन घंटे में पूरी तरह से चार्ज होगी। जिसके बाद वह 200 KM तक चलेगी। इसके साथ ही वह नोएडा, फर्रूखाबाद समेत जिन जिलों के रोडवेज डिपो तक जाएगी वहां पर भी चार्जिंग प्वाइंट की व्यवस्था होगी। इससे बस को वहां पहुंचने पर लौटने के लिए चार्ज किया जा सके।
इलेक्ट्रिक बसों के संचालन के लिए अलग से यूनिट बनेगी। इसके चार्जिंग प्वाइंट बन गए हैं। पॉवर सप्लाई के लिए स्ट्रांग रूम का निर्माण चल रहा है। एक महीने में बसों के संचालन शुरू हो जाएगा। बीपी अग्रवाल, क्षेत्रीय प्रबंधक रोडवेज
बैटरी सही बनाए रखने को रोज स्टार्ट होती हैं बसें
इलेक्ट्रिक बसो का बैटरी बैकअप सही रखने के लिए कंपनी द्वारा एक कर्मचारी रखा गया है। वह रोज सुबह बसों को 15 से 20 मिनट तक चालू करता है, जिससे कि बैटरी सही बनी रहें।
तैयारी से पहले भेजी बसें, देना पड़ रहा लाखों रुपये टैक्स
लखनऊ मुख्यालय द्वारा बिना किसी पूर्व व्यवस्था के इलेक्ट्रिक बसों को यहां भेजने पर प्रश्न उठ रहे हैं। बसों को खड़ा करके विभाग को लाखों रुपये टैक्स देना पड़ेगा। आरटीओ से बसों को पास कराने पर उनका टैक्स दिया जाता है। सामान्य रोडवेज बस का हर महीने 25 से 26 हजार रुपये महीने टैक्स जाता है। वहीं एसी बसों का टैक्स 700 रुपये प्रति सीट के हिसाब से देना होता है। इलेक्ट्रिक बस 42 सीटर हैं। इस हिसाब से प्रत्येक बस का टैक्स 2.94 लाख रुपये बनता है।
खड़ी हुई बसों का टैक्स विभाग पर अतिरिक्त बोझ डाल डाल रहा है। इन बसों की बैटरी लाखों रुपये मे है। इन्हें नियमित समय पर चार्ज किया जाना जरूरी है। लंबे समय तक खड़े रहने से उनकी बैटरी खत्म हो जाएगी। कंपनी का कर्मचारी प्रतिदिन उन्हें चालू करता है। यह क्रम लंबे समय तक चलने और चार्जिंग प्वाइंट नहीं बनने से उनकी बैटरी खत्म हो जाएगी।

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