रक्षा मंत्री का बड़ा बयान, कहा- आतंकी हमला करेंगे तो फिर घुसकर मारेंगे
मनोहर पार्रिकर अपने अंदाज में थे। उन्होंने कहा कि यह देश में शायद पहली बार हो रहा है कि देश की सेना की कार्रवाई को संदेह की दृष्टि से देखा जा रहा है।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। पाक अधिकृत कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पहली बार लखनऊ आए रक्षामंत्री मनोहर पर्रीकर ने कहा कि मुझे लोग सीधा कहते हैं, लेकिन दूसरों का टेढ़ापन भी मेरे ध्यान में है। टेढ़ा होकर किसी को समझाना पड़ा तो समझा दूंगा। आतंकी हमला करेंगे तो फिर घुसकर मारेंगे।
गोमतीनगर स्थित एक स्कूल में राष्ट्र रक्षा संकल्प मंच द्वारा आयोजित अपने अभिनंदन समारोह में रक्षामंत्री ने सर्जिकल ऑपरेशन का सारा श्रेय मोदी के नेतृत्व और सेना की बहादुरी को दिया। कहा कि अब जहां हमला होगा कोई बख्शा नहीं जाएगा। रक्षामंत्री हूं, इसलिए कई चीजें बोल नहीं सकता लेकिन एक कहावत के जरिए पाकिस्तान की चुटकी ली कि खाली बर्तन ज्यादा आवाज करता है और आजकल पड़ोस में आवाज ज्यादा है। उन्होंने सैनिकों के लिए भी संदेश दिया।
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बोले, शहादत बड़ी चीज है और इससे इज्जत बढ़ती है, लेकिन देश को ज्यादा फायदा दुश्मन को मारने में है। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने यह पता कर लिया है कि कश्मीर में पैसे कहां से आ रहे थे और साजिश में कौन लोग थे।
मीडिया को हमसे अधिक पता
रक्षामंत्री ने सर्जिकल ऑपरेशन का प्रूफ मांगने वालों पर तंज कसा। कहा कि मैं प्रूफ के बारे में कुछ नहीं बोलूंगा। एक टीवी चैनल ने पाकिस्तान के एक एसपी को चकमा देकर सारी जानकारी हासिल कर ली और जितना डिटेल हमें मालूम है, उससे ज्यादा टीवी चैनल दिखा रहा है। लोग प्रूफ तो इसलिए मांग रहे हैं क्योंकि मोदी की इमेज बढ़ने से उन्हें दिक्कत महसूस हो रही है। उन्होंने मीडिया की भूमिका पर भी सवाल उठाए। कहा कि सर्जिकल ऑपरेशन के बाद कुछ चैनलों पर वीडियोग्राफी दिखायी जा रही थी तो सेना के अफसरों ने पूछा कि आप लोगों ने यह जानकारी मीडिया को दे दी। मैंने कहा कि यह तो दिन का फुटेज है जबकि ऑपरेशन रात में हुआ।
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पिछली सरकार ने नहीं लिया निर्णय
पर्रीकर ने कहा कि आतंकियों के आये दिन हमलों से यह भावना आ गई कि इस देश में कुछ करने की क्षमता नहीं है। जनता यह सोचती थी कि सेना में तो ताकत है लेकिन उसे इजाजत नहीं मिल रही है। दरअसल, पिछली सरकार ने डिसीजन नहीं लिये लेकिन मोदी जी के नेतृत्व में काम हो गया। पूरे देश का माइंडसेट बदल गया। सेना से रिटायर हजारों लोगों के मेल आए कि हमें सीमा पर काम करने का मौका दो। यह भावना देश की बनी है तो अब इसे बने रहना चाहिए। संप्रग सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि सर्जिकल ऑपरेशन ऐसा है जैसे कोई परीक्षा में हर बार फेल हो रहा हो और पहली बार फर्स्ट क्लास पास हो गया।
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सैनिक परिवारों की मदद करे जनता
रक्षा मंत्री ने सैनिकों के प्रति अपनी पूरी संवेदना प्रकट की। बोले, सैनिक छह-छह माह, एक-एक बरस अपने परिवार से दूर रहते हैं। सियाचिन के बर्फीले माहौल में वह रहते हैं और देश की हिफाजत करते हैं। सैनिक भी चाहते हैं कि उनके परिवार की कोई चिंता करे। जनता ने सर्जिकल स्ट्राइक पर जो सम्मान हमें दिया, उसके हकदार सैनिक हैं। मैं बॉर्डर पर जाऊंगा। कब जाऊंगा अभी नहीं बताऊंगा लेकिन जाऊंगा तो यह पूरी भावना उन्हें पहुंचा दूंगा।
तस्वीरों में देखें-आगरा में रक्षामंत्री की जोरदार अगवानी
पाक ने मान तो लिया, सुबूत की जरूरत नहीं
आगरा में अभिनंदन समारोह में पर्रीकर ने कहा कि पाकिस्तान के मान लेने के बाद अब सर्जिकल स्ट्राइक के सुबूत देने की जरूरत नहीं है। स्ट्राइक पर सवाल खड़े करने वालों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि ऐसे लोग देश के प्रति वफादार नहीं हैं। देश में इससे पहले भारतीय सेना के शौर्य पर किसी ने शंका व्यक्त नहीं की थी। रक्षा मंत्री ने कहा कि हमारे सैनिकों के पास ऐसा जिगर और शौर्य है कि वह सौ फीसद सफलता के साथ काम करते हैं।
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