पाकिस्तान में कैद भारतीय जवान की सुरक्षित रिहाई के प्रयास जारी: रक्षा मंत्री
अनजाने में एलओसी लांघ पाकिस्तान चले जाने पर कैद हुए चंदू बाबूलाल चव्हाण की सुरक्षित रिहाई के लिए रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने विश्वास दिलाया।
नई दिल्ली। अनजाने में एलओसी पार कर पाकिस्तान में प्रवेश करने वाले भारतीय जवान को वहां कैद कर लिया गया है और संभावना जतायी जा रही है कि पाकिस्तान उन्हें युद्धबंदी बना सकता है। हालांकि रक्षा मंत्रालय ने आश्वासन दिया कि वे जवान की सुरक्षित रिहाई के लिए प्रयासरत हैं। चंदू बाबूलाल को पाकिस्तानी सैनिकों ने मानकोट के पश्चिम में झंडरूट में अपने कब्जे में लिया है, जिसे अब सेना के हेटक्वार्टर नियाकल में रखा गया है।
30 सितंबर को 37 राजस्थान रायफल के जवान चव्हाण ने गलती से पाकिस्तान में प्रवेश किया। जिसके बाद हॉटलाइन के जरिए डीजीएमओ ने पाकिस्तान को सूचित किया। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने बताया कि डीजीएमओ के जरिए पाकिस्तान की हिरासत में रखे गए आर्मी जवान चंदू की सुरक्षित रिहाई के लिए काम किया जा रहा है।
युद्धबंदी की संभावना प्रबल
सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पकड़े जाने के कारण इस बात की प्रबल संभावना है कि पाकिस्तान चंदू को युद्धबंदी बना सकता है। हालांकि फिलहाल कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। यदि ऐसा होता है तो भारत सरकार और सेना की उन कोशिशों को करारा झटका लगेगा जिनके तहत वो अपने जवान को वापस भारत लाना चाहती है। युद्ध लड़ने वाले या नहीं लड़ने वाले सैनिक को अगर विरोधी देश किसी सैनिक कार्रवाई के बाद उन्हें पकड़ता है तो उन्हें युद्धबंदी के तौर पर रखा जाता है। गिरफ्तार करने वाला देश युद्धबंदियों को विभिन्न कारणों का हवाला देकर अपनी हिरासत में रख सकता है और उन्हें युद्ध अपराध के लिए सजा दे सकता है।
गृहमंत्री ने भी दिया भरोसा
आर्मी ने बताया,’ इस तरह से आर्मी द्वारा सीमा पार करना सामान्य बात नहीं। उन्हें मौजूदा नियमों के जरिए लौटना होगा।‘ शुक्रवार को गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने जवान के परिवार से बात की और उन्हें इस बात का भरोसा दिलाया कि वे चंदूू की सुरक्षित रिहाई कराएंगे। चंदूू के सीमा पार जाने की खबर सुन उनकी दादी की मौत हो गयी। पर्रिकर ने यह भी कहा कि लोगों को सतर्क रहना चाहिए और कुछ भी असामान्य देखे जाने पर पुलिस को रिपोर्ट कर दें।
महारा ष्ट्र के हैं चंदू बाबूलाल
23 वर्षीय चंदू बाबूलाल महाराष्ट्र के धुले जिले के वोरबीर गांव के रहनेवाले हैं। उनके पिता का नाम बाशन चौहान है। वह 37वीं राष्ट्रीय रायफल के जवान हैं। उनके भाई भी मिलिट्री में ही हैं। चंदू बाबूलाल सर्जिकल स्ट्राइक की टीम का हिस्सा नहीं थे।
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