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    ताज महल की मडपैक तकनीक पर डिस्कवरी चैनल बनाएगा डॉक्यूमेंट्री

    By amal chowdhuryEdited By:
    Updated: Sat, 11 Mar 2017 12:27 PM (IST)

    स्मारक पर हो रही मडपैक थैरेपी पर डिस्कवरी चैनल द्वारा डॉक्यूमेंट्री बनाई जाएगी। चैनल ने इसके लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण से अनुमति मांगी है। ...और पढ़ें

    ताज महल की मडपैक तकनीक पर डिस्कवरी चैनल बनाएगा डॉक्यूमेंट्री

    आगरा (जागरण संवाददाता)। ताज महल के धवल सौंदर्य पर प्रदूषण की कालिख से लगे दाग छुड़ाने वाली मडपैक थैरेपी का राज अब दुनिया जान सकेगी। स्मारक पर हो रही मडपैक थैरेपी पर डिस्कवरी चैनल द्वारा डॉक्यूमेंट्री बनाई जाएगी। चैनल ने इसके लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) से अनुमति मांगी है। होली के बाद स्मारक में इसकी शूटिंग शुरू हो सकती है।

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    ताज का सौंदर्य प्रदूषण की कालिख से प्रभावित हो रहा है। एएसआइ, जॉर्जिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी अमेरिका और आइआइटी कानपुर द्वारा किए गए अध्ययनों में इसका खुलासा हो चुका है। नवंबर 2011 से दिसंबर 2012 तक हुए अध्ययन में ताज की सतह पर 55 फीसद धूल कण, 35 फीसद ब्राउन कार्बन कण और 10 फीसद ब्लैक कार्बन कण मिले थे। इसके बाद आई संसद की पर्यावरण संबंधी स्थाई समिति ने ताज पर मडपैक करने के निर्देश दिए थे।

    वर्ष 2015 में पूरे ताज पर मडपैक की योजना एएसआइ ने बनाई थी। ताज को दमकाने की इस प्राचीन पद्धति पर डिस्कवरी चैनल नौ से 14 मार्च तक शूटिंग कर डॉक्यूमेंट्री बनाना चाहता था। इस दौरान होली की छुट्टियों के चलते मजदूरों के न होने से शूटिंग आगे बढ़ा दी गई। चैनल मजदूरों द्वारा मडपैक करते हुए शूटिंग करना चाहता है। होली के बाद डिस्कवरी यहां शूटिंग करेगा। उस समय यहां की रौनक देखने वाली होगी।

    अधीक्षण पुरातत्वविद डॉ. भुवन विक्रम ने बताया कि स्मारक की संगमरमरी सतह पर रसायन शाखा द्वारा मडपैक किया जाता है। इसके तहत स्मारक को प्राकृतिक विधि से साफ किया जाता है।

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    ऐसे करते हैं मडपैक: मडपैक थैरेपी में एएसआइ मुल्तानी मिट्टी का लेप संगमरमरी स्मारक पर कराती है। इसे कुछ दिन सूखने दिया जाता है। स्मारक की सतह पर लगे दाग और धूल कण मिट्टी में चिपक जाते हैं। बाद में इसे डिस्टिल्ड वाटर से धोकर साफ कर दिया जाता है।

    चौथी बार हो रहा मडपैक: ताज पर वर्ष 1993, 2000 और 2008 में मडपैक हो चुका है, मगर तब पूरे ताज पर मडपैक नहीं किया गया था। यह पहली बार है, जब पूरे स्मारक पर मडपैक किया जा रहा है। तीन मीनारें मडपैक कर साफ की जा चुकी हैं, जबकि मुख्य मकबरे की बाहरी दीवारें ऊपर तक साफ की जा रही हैं। गुंबद पर भी मडपैक किया जाना है।

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