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    सीएम योगी के निर्देश के बाद महाराष्ट्र सरकार की मांग पूरी... आगरा में बनेगा छत्रपति शिवाजी महाराज का स्मारक

    Chhatrapati Shivaji Maharaj Memorial आगरा के कोठी मीना बाजार में छत्रपति शिवाजी महाराज का स्मारक बनेगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने इसके लिए मंजूरी दे दी है। उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय पिछले छह वर्षों से इसके लिए प्रयासरत थे। महाराष्ट्र सरकार ने भी अपने बजट में आगरा में शिवाजी महाराज के स्मारक के निर्माण के लिए प्रावधान किया है।

    By Nirlosh Kumar Edited By: Abhishek Saxena Updated: Wed, 12 Mar 2025 02:41 PM (IST)
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    आगरा का कोठी मीना बाजार का मैदान।

    जागरण संवाददाता, आगरा। कोठी मीना बाजार में छत्रपति शिवाजी महाराज के स्मारक को हरी झंडी मिल गई है। यह संयोग ही है कि, जिस दिन महाराष्ट्र सरकार ने अपने बजट में आगरा में शिवाजी महाराज के स्मारक के निर्माण के लिए बजट में प्रविधान किया, उसी दिन उत्तर प्रदेश में कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई के निर्देश प्रमुख सचिव पर्यटन मुकेश मेश्राम काे दिए। उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय पिछले वर्ष से इसके लिए प्रयासरत थे।

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    कैबिनेट की सोमवार को लखनऊ में हुई बैठक में मुख्यमंत्री याेगी आदित्यनाथ से उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने छत्रपति शिवाजी महाराज का स्मारक कोठी मीना बाजार में बनवाने का अनुरोध किया।

    प्रमुख सचिव पर्यटन ने विभागीय प्रेजेंटेशन में कोठी मीना बाजार में शिवाजी का स्मारक बनाए जाने की प्रक्रिया प्रस्तुत करते हुए निर्देश मांगे। उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने बताया कि पर्यटन व संस्कृति विभाग ऐतिहासिक प्रमाण नहीं मिलने और कोठी व भूमि के अधिग्रहण में पेश आने वाली दिक्कतों को गिनाकर प्रोजेक्ट को अटकाए हुआ था।

    स्मारक बनाए जाने की राह प्रशस्त

    मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद यहां शिवाजी का स्मारक बनाए जाने की राह प्रशस्त हो गई है। छत्रपति शिवाजी का स्मारक एक ओर आने वाली पीढ़ी को प्रेरित करेगा, वहीं महाराष्ट्र से उत्तर प्रदेश को आत्मीय रूप से जोड़कर राष्ट्रीय एकात्मकता का एक प्रतीक स्तंभ भी बनेगा।

    फडणवीस ने मांगा था कोठी मीना बाजार

    आगरा किला में 19 फरवरी को लगातार तीसरे वर्ष छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती पर हुए समारोह में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए थे। योगेंद्र उपाध्याय ने उन्हें कोठी मीना बाजार के शिवाजी से जुड़ा होने की जानकारी दी थी। फणडवीस ने मंच से उप्र सरकार से शिवाजी महाराज का स्मारक बनाने को कोठी मीना बाजार मांगा था। उन्होंने कहा था कि महाराष्ट्र सरकार ऐसा स्मारक बनाएगी, जहां ताजमहल से अधिक पर्यटक आएंगे।

    जयपुर म्यूजियम में रखे मानचित्र के आधार पर किया था दावा

    इतिहास संकलन समिति ने शोध कर और जयपुर म्यूजियम में रखे आगरा के पुराने मानचित्र के आधार पर कोठी मीना बाजार के फिदाई हुसैन की हवेली होने का दावा किया था, जिसमें छत्रपति शिवाजी को रखा गया था। वर्ष 1803 में यह स्थान अंग्रेजों के कब्जे में आया था। पुराने खंडहर के स्थान पर वर्ष 1837 में यहां गर्वनर हाउस बनाया गया था। 1857 में इसे नीलाम कर दिया गया था। वर्तमान में यह कोठी निजी संपत्ति है।

    12 मई को औरंगजेब के दरबार में आए थे शिवाजी

    इतिहासकार जदुनाथ सरकार ने पुस्तक 'औरंगजेब' में लिखा है, हिंदवी स्वराज्य की नींव रखने वाले छत्रपति शिवाजी महाराज, राजा जयसिंह से पुरंदर की संधि करने के बाद 11 मई, 1666 को आगरा आए थे। वह 12 मई, 1666 को आगरा किला में औरंगजेब के दरबार में गए थे। दरबार में यथोचित सम्मान नहीं मिलने पर वह नाराजगी जताकर लौट गए थे। औरंगजेब ने उन्हें राजा जयसिंह के बेटे रामसिंह की छावनी के निकट सिद्दी फौलाद खां की निगरानी में नजरबंद रखने का आदेश किया था।

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    फलों की टोकरी में बैठकर निकले थे शिवाजी और संभाजी

    16 मई, 1666 को औरंगजेब ने उन्हें रदंदाज खां के मकान पर ले जाने का आदेश किया। 18 अगस्त को उन्हें शहर के बाहर टीले पर स्थित फिदाई हुसैन की हवेली में रखने का आदेश औरंगजेब ने किया था। यहां से फलों की टोकरी में बैठकर युक्ति से छत्रपति शिवाजी महाराज और संभाजी बचकर निकल गए थे।