Chambal Water Lavel: तीन दिन से बिजली नहीं, मोबाइल डिस्चार्ज... उतरने लगा चंबल नदी का पानी, आफत अभी बरकरार
कोटा बैराज से पानी कम होने पर भी चंबल नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है जिससे कई गांव प्रभावित हैं। प्रशासन राहत सामग्री और पेयजल वितरित कर रहा है। बिजली आपूर्ति बाधित होने से लोगों को परेशानी हो रही है। राजस्थान में बारिश के कारण यमुना में भी उफान आ सकता है जिससे आसपास के गांवों में चिंता है।

संसू, जागरण-बाह/आगरा। कोटा बैराज से पानी में कमी का असर चंबल नदी पर शुक्रवार से दिखना शुरू हो गया। दो मीटर की कमी हुई और जलस्तर 132 मीटर पर पहुंच गया। अभी भी चंबल खतरे के निशान 130 मीटर से दो मीटर अधिक पर बह रही है।
झरनापुरा, उमरैठा का पुरा सहित नौ गांव के घरों में पानी भरा हुआ है। इन गांवों का तहसील मुख्यालय से संपर्क कटा हुआ है। बिजली की आपूर्ति बंद है। वहीं प्रशासन द्वारा दूसरे दिन भी राशन का वितरण किया गया।
गुरुवार रात चंबल नदी का जलस्तर 134 मीटर तक पहुंच गया था। शुक्रवार सुबह से जलस्तर में हर घंटे पांच सेंटीमीटर की कमी आ रही है। घटने बाद भी खतरे के चिन्ह 130 मीटर से काफी ऊपर है। अभी भी गुढ़ा ,गोहरा,रानीपुरा, भटपुरा, झरनापुरा, डालपुरा, डोगरा, कछियारा ,रेहा , उमरैठा पुरा, मऊ,की मढैया में पानी भरा है। आवागमन के लिए स्टीमर का सहारा लिया जा रहा है।
शुक्रवार को दो मीटर की कमी के साथ 132 मीटर पर पहुंचा जलस्तर
बाढ़ में फंसे गांवों के लोगों को पीने के पानी की दिक्कत है। इसके लिए तहसील प्रशासन ने पानी के पाउचका वितरण किया जा रहा है। इसके अलावा बाढ़ में घिरे गांवों में खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई गई है। शुक्रवार को गोहरा 100, पुरा उमरैठा 300 ,भटपुरा 35 रानीपुर 17, गुढ़ा 65 ,डाल पुरा 10, झरना पुरा 75, रेहा 165, क्यौरी, सहित करीब एक हजार किट का वितरण किया गया है।
दी जा रही दवाएं
बाढ़ प्रभावित गांवों में बीमारियों से बचाव के लिए बाह, पिनाहट, जैतपुर सीएचसी की टीम गांव में कैंप लगाकर लोगों का इलाज व दवा वितरण कर रही है। साथ ही बीमारी के बचाव की जानकारी दी जा रही है।
सीएचसी अधीक्षक बाह डॉक्टर जितेन्द्र वर्मा, पिनाहट डॉक्टर अतुल भारती ने बताया गांव में खाज खुजली, जुकाम के मरीज मिले। उन्हें पीने का पानी उबाल कर लेने व आसपास धुआं की व्यवस्था करने को कहा गया है।
बिजली बनी आफत
बाढ़ ग्रस्त गांवों को तीन दिन से बिजली नहीं मिली है और अभी मिलने की संभावना भी कम ही है। मोबाइल चार्ज नहीं हो पा रहे। रात अंधेरे में गुजर रही है। गोहरा के बल्ली यादव, भटपुरा के महेश चंद्र, गुढ़ा के धन सिंह, झरना पुरा के नेत्रपाल सिंह का कहना है चंबल के पानी से तो हलक में जान है ही। सबसे अधिक परेशानी रात के अंधेरे में हो रही होती है।
उटगंन यमुना में आ रही बाढ़! पार्वती बांध के चार गेट खोले
राजस्थान में भारी बारिश और पार्वती बांध के चार गेट खोलने से कुछ दिन पहले शांत हुई उटगंन में फिर उफान आने लगा है। इसका सीधा असर बाह क्षेत्र में यमुना नदी पर पड़ेगा। चंबल नदी की बाढ़ को देख यमुना पट्टी के गांव के लोग भी आशंकित है। उटंगन नदी के पिढौरा थाना क्षेत्र में यमुना नदी में मिलती है। इससे यमुना का भी जलस्तर बढ़ रहा है। राजस्थान में भारी बारिश और पार्वती बांध के पानी से उटगंन यमुना के हालात बदल सकते हैं।
उटगंन नदी से प्रभावित होने वाले गांव - सीयपुरा, सेहा, तोड़ा, सुखलाल पुरा, मनोना सेरब, सबोरा, अरनौटा, नगला भरी, बसई हरेला मानिकपुरा, कंकरखेड़ा, पिढौरा, बसई भदौरिया ।
यमुना से प्रभावित होने वाले गांव - बलाई, कौंध, रजौरा, रीठई, बिठौली, रामपुर चंद्रसेनी, बटेश्वर ,कल्याणपुर , भरतार ,कालिंजर बुढैरा, सिधावली, कोट, रुदुमुली, होली पुरा ,विक्रमपुर, बड़ागांव, चौरंगा बीहड़, सुसांर, कछपुरा, पारना, नौगांव, गढ़वार, गढ़ी बरौली, कचौरा घाट, खिलावली, खिच्चर पुरा, चित्राहाट, स्याइच, पई।
नदी से रहे दूर
एसडीएम सदर सचिन राजपूत ने शुक्रवार को यमुना नदी के किनारे का निरीक्षणकिया। उन्होंने दयालबाग, बल्केश्वर सहित अन्य लोगों से नदी से दूरी बनाए रहने पर जोर दिया। नदी में न नहाने की भी अपील की गई। शुक्रवार को यमुना का जलस्तर 485 फीट तक पहुंच गया। जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है।

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