Operation Asmita: क्राउड फंडिंग से पैसा जुटाती थी गिरोह की सदस्य आयशा, रिवर्ट ग्रुप के एजेंटों को जाता था फंड
Operation Asmitaआगरा में अवैध मतांतरण गिरोह की सदस्य आयशा को गिरफ्तार किया गया है। वह इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप ग्रुपों के माध्यम से क्राउड फंडिंग कर धन जुटाती थी जिसमें से बड़ा हिस्सा अपने पास रखती थी। वह विदेशों से भी फंडिंग प्राप्त करती थी और उसे गिरोह के सदस्यों में बांटती थी। पुलिस अब उसके मोबाइल से फंड के स्रोत की जांच कर रही है।

जागरण संवाददाता, आगरा। Operation Asmita:अवैध मतांतरण गिरोह का वित्तीय प्रबंधन संभाल रही आयशा से पूछताछ में हर दिन नए तथ्य सामने आ रहे हैं। सात साल पहले मतांतरित होकर एसबी कृष्णा से आयशा बनने के बाद वह गिरोह की रीढ़ बन गई थी। इंस्टाग्राम और फेसबुक पर रिवर्ट ग्रुप बनाकर वह सभी से जुड़ी थी।
विदेशों से फंडिंग को गिरोह में बांटने के साथ ही वह अपने स्तर से भी क्राउड फंडिंग करती थी। इसमें से बड़ा हिस्सा वह अपने पास भी रखती थी। पुलिस को उसके मोबाइल की जांच में इसके साक्ष्य मिले हैं।
सदर क्षेत्र से 24 मार्च 2025 को लापता हुई सगी बहनों को चंगुल में फंसाने वाले अवैध मतांतरण गिरोह के दस सदस्यों को पुलिस ने शनिवार को छह राज्यों से गिरफ्तार किया था। इनमें से एक गोवा से गिरफ्तार हुई आयशा उर्फ एसबी कृष्णा है।
इंस्टाग्राम और वाट्सएप ग्रुपों पर क्यूआर कोड साझा कर मांगती है मदद
मूल रूप से ओडिशा की रहने वाली एसबी कृष्णा वर्ष 2018 में मतांतरित होकर आयशा बनी थी। वह डेटा साइंस से एमएससी कर चुकी है। पुलिस जांच में सामने आया है कि आयशा को कनाटा से दाऊद अहमद और दिल्ली से अब्दुल रहमान खातों में फंड भेजते थे। गूगल पे व अन्य माध्यमों से रुपये उसके खाते में आते थे। उन्हें वह आगे ट्रांसफर करती थी।
फंडिंग का बड़ा हिस्सा अपने पास रखकर रिवर्ट ग्रुप में करती थी ट्रांसफर
पुलिस कस्टडी रिमांड पर आयशा से पूछताछ में पुलिस को पता चला है कि उसका मुख्य कार्य फंड को रिवर्ट ग्रुप के सदस्यों की जरूरत के अनुसार उन तक पहुंचाना था। इसके साथ ही वह इंस्टाग्राम और वाट्सएप ग्रुपों के माध्यम से क्राउड फंडिंग का काम भी करती थी। इस फंड में से वह बड़ी रकम अपने पास रख लेती थी। शेष जरूरत के अनुसार रिवर्ट ग्रुप के सदस्याें के लिए भेज देती थी।
रिवर्ट ग्रुप के एजेंट बताते थे आवश्यकता
रिवर्ट ग्रुप के एजेंटों की ओर से आवश्यकता बताने पर भी वह फंड ट्रांसफर करती थी। पुलिस को उसके मोबाइल से इस तरह के प्रमाण मिले हैं। अब पुलिस उसके मोबाइल से यह जानने का प्रयास कर रही है कि उसने अब तक कहां-कहां से फंड लिया था? उसके खाते में फंड ट्रांसफर करने वाले कौन हैं? पुलिस उसके द्वारा जमा की गई चल और अचल संपत्ति के बारे में भी जानकारी कर रही है।
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