Agra News: शस्त्र लाइसेंस फर्जीवाड़े में लिपिक निलंबित, जांच जारी; कंप्यूटर ऑपरेटर पंकज पर मुकदमा
आगरा में शस्त्र लाइसेंस के यूनिक आईडी नंबर में फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। जिला प्रशासन ने लिपिक को निलंबित कर दिया है और कंप्यूटर ऑपरेटर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। आरोप है कि लिपिक ने लॉगिन और पासवर्ड लीक किया जिससे 100 से अधिक लाइसेंस नंबरों में बदलाव किया गया। एसटीएफ भी मामले की जांच में जुट गई है।

जागरण संवाददाता, आगरा। शस्त्र लाइसेंस के यूनिक आईडी नंबर में फर्जीबाड़ा पर जिला प्रशासन ने प्रारंभिक जांच के बाद बड़ी कार्रवाई की है। शहर और देहात क्षेत्र के शस्त्र लिपिक प्रशांत कुमार को निलंबित कर दिया गया है। यूनिक आईडी नंबर का लागिन और पासवर्ड शस्त्र लिपिक के पास रहता है। किसी भी रूप में पासवर्ड नहीं दिया जा सकता है। अगर एक बार पासवर्ड किसी को दिया गया तो इसकी जानकारी अधिकारियों को देनी होती है।
पासवर्ड में तुरंत बदलाव करना होता है। इन सब के बाद भी निजी कर्मचारियों को पासवर्ड दिया गया। इस बात का फायदा निजी कर्मचारियों ने उठाया। 100 से अधिक लाइसेंस के नंबर में बदलाव कर दिया।
वहीं शस्त्र लिपिक प्रशांत ने कंप्यूटर ऑपरेटर प्रशांत कुमार के खिलाफ नाई की मंडी थाना में मुकदमा दर्ज कराया है। एक नंबर बदलने में डेढ़ लाख रुपये लिए हैं। इसमें मथुरा से लेकर नई दिल्ली आयुध कार्यालय के कर्मचारी शामिल हैं।
शस्त्र लाइसेंस के यूनिक आइडी नंबर में फर्जीबाड़ा पर हुई कार्रवाई
दैनिक जागरण ने यूनिक आईडी नंबर के फर्जीबाड़ा का पर्दाफाश किया था। जिले में 50 हजार लाइसेंसी हैं। नियमों को दरकिनार करते हुए 100 से अधिक लाइसेंस में बदलाव किया गया है। आयुध कार्यालय, आगरा से किसी भी रूप में नंबर जारी नहीं हो सकते थे। इस माह छह नंबर बदले गए हैं। डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने एडीएम प्रोटोकॉल प्रशांत तिवारी को जांच के आदेश दिए।
मथुरा और नई दिल्ली जाएगी टीम
प्रारंभिक जांच में पाया गया कि यूनिक आईडी नंबर के पोर्टल को खोलने या फिर उसमें किसी भी लाइसेंस का नंबर अंकित करने का अधिकार सिर्फ लिपिक के पास होता है। कार्यालय में डाटा फीडिंग के लिए निजी कर्मचारी पंकज कुमार को रखा गया था।
कंप्यूटर ऑपरेटर पंकज के पास पोर्टल की लागिन और पासवर्ड मिल गया। एक के बाद एक 100 से अधिक लाइसेंस के यूनिक आईडी नंबर में बदलाव किया गया। नया नंबर सबसे अधिक राजस्थान, पंजाब, कर्नाटक सहित अन्य राज्य के सैनिकों को जारी किया गया।
लिपिक पर लॉगिन और पासवर्ड लीक करने का आरोप
इन सैनिकों को आगरा से न तो लाइसेंस जारी हुए और न ही यह इनका गृह जनपद है। इसके बाद भी आयुध कार्यालय से बदलाव किया गया। सबसे अधिक बदलाव पिछले तीन से साढ़े तीन साल में किए गए। इस अवधि में शहर और देहात क्षेत्र के शस्त्र लिपिक प्रशांत रहे। जांच में पाया गया कि लिपिक द्वारा लॉगिन और पासवर्ड लीक किया गया। इसी बात का फायदा कंप्यूटर ऑपरेटर पंकज कुमार ने उठाया। वहीं पंकज के अलावा कई और भी लोग इस गिरोह में शामिल हैं।
लिपिक प्रशांत को किया निलंबित
डीएम ने बताया कि शस्त्र लिपिक प्रशांत को निलंबित कर दिया गया है। कंप्यूटर ऑपरेटर पंकज पर मुकदमा दर्ज कराया गया है। यह मुकदमा प्रशांत ने कराया है। एडीएम प्रोटोकॉल प्रशांत तिवारी द्वारा पूरे प्रकरण की जांच की जा रही है।
उधर, जांच में कई और भी शस्त्र लिपिक पर शक है। आखिर पंकज को नौकरी पर कौन सा कर्मचारी लेकर आया था। हर माह पंकज को किस मद से मानदेय दिया जाता था। इन सब की जांच चल रही है।
जांच में फर्जी शस्त्र लाइसेंस का हिस्सा बनेगा यूनिक आइडी नंबर
एसटीएफ फर्जी शस्त्र लाइसेंस की जांच कर रही है। इसमें सेवानिवृत्त शस्त्र लिपिक संजय कपूर, मीडिया कर्मचारी शोभित चतुर्वेदी सहित छह पर मुकदमा दर्ज है। आठ हजार पिस्टल और रिवाल्वर की जांच की जा रही है। एसटीएफ शस्त्र लाइसेंस की जांच में यूनिक आईडी नंबर में हुए फर्जीवाड़ा को भी शामिल करेगी। इसकी जांच जल्द चालू होगी। सबसे अधिक सैनिकों के लाइसेंस से छेड़छाड़ किया गया है।
डीएम के आदेश के बाद नहीं हटे निजी कर्मचारी
डीएम ने कलेक्ट्रेट और छह तहसीलों से सभी निजी कर्मचारियों को हटाने के कई बार आदेश दिए हैं। यहां तक एक निजी कर्मचारी पर कार्रवाई की है। इन सब के बाद भी कई निजी कर्मचारी कार्य कर रहे हैं। कर्मचारियों को कार्य करते हुए एक से सात साल तक हो चुके हैं।
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