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    Akshaya Tritiya 2025: 10 महायोग में मनाएंगे अक्षय तृतीया, ये हैं शुभ मुहूर्त; मांगलिक कार्यों का योग

    Updated: Tue, 29 Apr 2025 10:01 AM (IST)

    Akshaya Tritiya 2025 अक्षय तृतीया के दिन 10 महायोगों का निर्माण हो रहा है जिसमें गजकेसरी महायोग भी शामिल है। इस दिन किए गए कार्य और दान का फल कभी क्षीण नहीं होता। इस दिन विवाह गृह प्रवेश नव व्यापार धार्मिक अनुष्ठान और पूजा-पाठ का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आराधना की जाती है।

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    Akshaya Tritiya 2025: प्रस्तुतीकरण के लिए सांकेतिक तस्वीर का प्रयोग किया गया है।

    जागरण संवाददाता, आगरा। अक्षय तृतीय पर्व वैशाख शुक्ल पक्ष तृतीया तिथि 30 अप्रैल को मनाया जाएगा। इस वर्ष अक्षय तृतीया पर बुधवार और रोहिणी नक्षत्र के साथ गजकेसरी महायोग में मनाई जाएगी। दोबारा ऐसा योग करीब 17 वर्ष बाद दिखाई देगा। साथ ही 10 अन्य महायोग निर्माण हो रहा है। इस कारण इस दिन अबूझ विवाह, गृह प्रवेश, नव व्यापार के साथ धार्मिक अनुष्ठान और पूजा-पाठ का विशेष महत्व रहेगा।

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    ज्योतिषाचार्य पं. चंद्रेश कौशिक ने बताया, अक्षय का शाब्दिक अर्थ है क्षय न हो। अक्षय तृतीया के दिन सूर्य और चंद्रमा, दोनों अपनी उच्च राशि में स्थित होते हैं। दोनों की सम्मिलित कृपा का फल अक्षय हो जाता है। मत्स्य पुराण के अनुसार इस तिथि पर किए गए कार्यों के फल का क्षय नहीं होता है।

    दान पुण्य का विशेष महत्व रखने वाला यह त्योहार गजकेसरी राजयोग के साथ मालव्य योग, रवि योग, चतुर्ग्रही योग, सर्वार्थ सिद्धि और लक्ष्मी नारायण राजयोग में मनाया जाएगा। इस कारण इस पर्व का महत्व और बढ़ गया है। इस दिन दान पुण्य से लेकर सोना खरीदने की मान्यता है। 

    शुभ मुहूर्त

    ज्योतिषाचार्य यशोवर्धन पाठक ने बताया, अक्षय तृतीया तिथि 29 अप्रैल मंगलवार को शाम पांच बजकर 31 मिनट पर प्रारंभ होकर 30 अप्रैल बुधवार दोपहर दो बजकर 12 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार, अक्षय तृतीया का पर्व 30 अप्रैल, 2025 को मनाना लाभकारी रहेगा। पूजा का मुहूर्त 30 अप्रैल को प्रातः 05:41 से दोपहर 12:18 तक है, जिसकी अवधि छह भंटे 37 मिनट रहेगी। वहीं, 29 अप्रैल को सोने की खरीदारी का शुभ मुहूर्त शाम 5:31 से अप्रैल 30 को सुबह 5:41 तक 12 घंटे 11 मिनट की अवधि तक रहेगा।

    दान का है विशेष महत्व

    इस दिन सोना-चांदी सहित मूल्यवान वस्तुओं की खरीदारी करने के साथ दान का विशेष महत्व रहता है। इससे धन प्राप्ति और दान पुण्य का अक्षय बना रहता है। अक्षय तृतीया संपूर्ण वर्ष का स्वयंसिद्ध मुहूर्त है। इस दिन कोई भी शुभ कार्य संपन्न कर सकते हैं। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आराधना की जाती है। स्त्रियां परिवार की समृद्धि के लिए व्रत भी रखती हैं। साथ ही इसे आखा तीज भी कहते हैं, इस दिन निवेश और सोना-चांदी की खरीदारी को समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक मानी जाती है।

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    महर्षि परशुराम जन्मोत्सव पर निकलेंगी शोभायात्राएं

    अक्षय तृतीया के दिन ही महर्षि परशुराम जन्मोत्सव भी मनाया जाएगा। इस दिन शहर में विभिन्न स्थानों पर धार्मिक कार्यक्रम होंगे। शोभायात्राएं निकाली जाएंगी।