Taj Mahal के पास बने Shahjahan Garden का नाम जल्द होगा 'अहिल्याबाई होलकर गार्डन', प्रक्रिया शुरू
आगरा के शाहजहां गार्डन का नाम बदलकर वीरांगना अहिल्याबाई होलकर के नाम पर रखा जाएगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई शुरू कर दी है। कैबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्य ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर शाहजहां गार्डन का नाम बदलने की संस्तुति की थी। मुख्यमंत्री कार्यालय ने मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश को आवश्यक कार्रवाई हेतु लिखित रूप से निर्देशित किया है।

जागरण संवाददाता, आगरा। उत्तर प्रदेश सरकार महापुरुषों को उचित सम्मान देने के लिए लगातार कदम उठा रही है। इसी दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। आगरा किला के पास स्थित शाहजहां गार्डन का नाम बदलने की प्रक्रिया अब शुरू हो गई है। यह कदम न केवल उत्तर प्रदेश सरकार की प्रगति का प्रतीक है, बल्कि यह ऐतिहासिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
पिछले कुछ समय से विभिन्न सामाजिक संगठनों ने कैबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्य से शाहजहां गार्डन का नाम बदलकर वीरांगना अहिल्याबाई होलकर के नाम पर रखने की मांग की थी।
18वीं सदी की वीरांगना थीं रानी अहिल्याबाई होलकर
रानी अहिल्याबाई होलकर 18वीं सदी की एक महान वीरांगना थीं, जिनका कार्यकाल धर्म, सेवा और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में अविस्मरणीय रहा। उनके शासन में कई ऐतिहासिक कार्य हुए थे और उन्होंने मराठा साम्राज्य का विस्तार किया था। उनके योगदान को सम्मानित करने के लिए यह कदम उठाया गया है।
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कैबिनेट मंत्री ने सीएम योगी से की थी मांग
कैबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्य ने इस मांग को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने रखा और उनके समर्थन से एक पत्र मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजा। पत्र में शाहजहां गार्डन का नाम बदलने की संस्तुति की गई थी। मुख्यमंत्री कार्यालय के अपर मुख्य सचिव एसपी गोयल ने इस मामले को गंभीरता से लिया और मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश को इस पर आवश्यक कार्यवाही करने का निर्देश दिया।
इस नामकरण से न केवल वीरांगना अहिल्याबाई होलकर की महानता को सम्मान मिलेगा, बल्कि यह महिला सशक्तिकरण और समाज में उनके योगदान को भी उजागर करेगा। इससे पहले भी बेबी रानी मौर्य ने मुख्यमंत्री की मदद से आगरा के बिजलीघर मेट्रो स्टेशन का नाम डॉ. भीमराव आंबेडकर के नाम पर रखने की घोषणा कराई थी, जो एक ऐतिहासिक कदम था।
अहिल्याबाई के अनुयायी बेहद खुश
इस नाम परिवर्तन के कदम से रानी अहिल्याबाई होलकर के अनुयायी काफी खुश हैं। यह कदम महिला सशक्तिकरण के प्रतीक के रूप में भी देखा जा रहा है, जो समाज में महिलाओं की भूमिका और उनके योगदान को उजागर करने का कार्य करेगा।
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