Agra Software Engineer ने जताई थी हत्या की आशंका, स्वजनों ने माना था वहम, माता-पिता की मौत से सहमे थे अंचल
Agra News डेढ़ वर्ष से स्वजन से कह रहे थे अंचल कुछ लोग उनके पीछे पड़े हैं। स्वजन ने अंचल का वहम मान नहीं लिया गंभीरता से छानबीन करने घर पहुंची पुलिस। कोरोना महामारी के दौरान हुई थी माता-पिता की मौत।

आगरा, जागरण संवाददाता। साफ्टवेयर इंजीनियर अंचल कुमार तिवारी को करीब डेढ़ वर्ष से अपनी हत्या की आशंका सता रही थी। उन्होंने स्वजन को इस बारे में कई बार बताया था। कुछ लोग उनके पीछे पड़े हुए हैं। वह उन्हें मारना चाहते हैं। वह इतना डरे हुए थे कि अपने आसपास या घर के पास से किसी को अजनबी को गुजरते देख सहम जाते थे। स्वजन को लगा कि माता-पिता की मृत्यु के बाद अंचल अकेले रहने के कारण वहम या किसी मानसिक बीमारी का शिकार हो गए हैं। रविवार को सदर पुलिस स्वजन के घर पहुंची। उनके स्वजन से जानकारी की।
चार दिसम्बर से गायब थे अंचल कुमार तिवारी
सदर के उखर्रा मार्ग स्थित गुरु गोविद सिंह नगर निवासी 31 वर्षीय अंचल कुमार तिवारी साफ्टवेयर इंजीनियर थे। वह चार दिसंबर की रात से गायब थे। पांच दिसंबर की शाम को उनकी कार एटा के कोतवाली देहात थाने की जाबड़ा पुलिस चौकी क्षेत्र में नहर किनारे लावारिस हालत में खड़ी मिली थी। चाचा राजेंद्र बाबू तिवारी ने सदर थाने में सात दिसंबर काे उनकी गुमशुदगी दर्ज कराई थी। नौ दिसंबर की रात को उनका शव जाबड़ा नहर में दस किलोमीटर मिला। स्वजन और परिचितों का अनुमान था कि उन्होंने खुदकुशी कर ली होगी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गला दबाकर मारने की पुष्टि हुई। जिसके बाद से पुलिस और स्वजन इसकी तह तक जाने के प्रयास में जुटे हैं।
बहन रह रही हैं नोएडा
अंचल की बड़ी बहन अनुपमा शर्मा शास्त्रीपुरम मे रहती हैं, बेटे की पढ़ाई के सिलसिले में करीब चार वर्ष से वह नोएडा में रह रही हैं। ताजगंज में शमसाबाद मार्ग पर रहने वाली छोटी बहन मीनाक्षी लवानियां भी वर्तमान में गुरुगाम में रह रहती हैं। अनुपमा ने बताया कि अंचल एक दिसंबर को उनके पास आए थे। अगले दिन दाे दिसंबर को वह छोटी बहन मीनाक्षी के पास गुरुग्राम चले गए। वहां से चार दिसंबर की दोपहर को घर आने के लिए निकले थे। जिसके बाद वह गायब हो गए थे।
मां और पिता की हो चुकी है मौत
रविवार काे सदर थाने की पुलिस साफ्टवेयर इंजीनियर के घर पहुंची।बहन अनुपमा अौर मीनाक्षी ने पुलिस को बताया कि मां कनक लता चार वर्ष और पिता की डेढ़ वर्ष पहले कोरोना काल में मौत हो गई थी। भाई अंचल अकेले रहने लगे थे। इसलिए वह नियमित भाई से बात करती थीं। अंचल करीब डेढ़ वर्ष से दोनों से अक्सर कहते कि कुछ लोग उनके पीछे पड़े उन्हें लगा कि वह अकेले रहने के चलते तनाव का शिकार हो गए हैं। जिसके चलते उन्हें वहम हो गया है। क्योंकि वह उनके यहां भी आते तो घर के आसपास किसी अपरिचित को देखकर संशकित हो उठते थे।
बहनों ने बताया कि उन्हें लगा कि भाई को मनोचिकित्सक की जरूरत है। मगर, पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने यह साबित कर दिया है कि अंचल वहम के शिकार नहीं थे। उन्हें वास्तव में कुछ लोगों से जान का खतरा था। मगर, भाई ने इस बारे में उनसे खुलकर कभी कोई बात नहीं की।
रात 10:30 से 11.15 बजे के बीच हुई थी बहनों से बात
अनुपमा ने चार दिसंबर की रात साढे़ दस बजे अंचल को फाेन किया था। यह जानने के लिए उसने घर पहुंचकर खाना खा लिया कि नहीं। तब अंचल ने बताया था कि वह खंदारी ओवर ब्रिज पर है। जिसके बाद रात करीब 11 बजे छोटी बहन मीनाक्षी ने फोन किया तो अंचल ने बताया कि वह दयालबाग क्षेत्र में है। जिस पर बहन ने पूछा भी था कि वहां क्या करने गया है।इसके दस मिनट बाद दोबारा फोन मिलाया ताे बंद था।
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नहीं था कोई खास दोस्त
बहनों ने पुलिस काे बताया कि अंचल का कोई खास दोस्त नहीं था। कोरोना काल में उसका दोस्त बाहर चला गया। जिसके बाद से वह बिल्कुल अकेला रह गया था। उसकी किसी से रंजिश की जानकारी उन्हें नहीं है।
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साफ्टवेयर इंजीनियर के मामले में पुलिस जांच कर रही है। उसके मोबाइल की काल डिटेल निकाल रही है। एटा पुलिस से भी सहयोग ले रही है। जिन जगहों पर अंचल की लोकेशन मिली है, वहां के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज चेक कर रही है। - अर्चना सिंह एसीपी सदर सर्किल
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