Agra News: आगरा का साफ्टवेयर इंजीनियर लापता, बहन से हुई थी अंतिम बार बात, एटा में लावारिस मिली कार
Agra News आगरा निवासी साफ्टवेयर इंजीनियर की कार एटा के कोतवाली देहात क्षेत्र में लावारिस हालत में मिली थी। अंचल तिवारी चार दिसंबर की सुबह नोएडा से निकले थे बहन को खंदारी बताई थी लोकेशन। माता-पिता की मौत हो चुकी है।

आगरा, जागरण संवाददाता। आगरा में सदर के गुरू गोविंद सिंह नगर निवासी साफ्टवेयर इंजीनियर अंचल तिवारी का सुराग नहीं मिल सका है। उनकी आखिरी बार नोएडा में रहने वाली बहन से मोबाइल पर बातचीत हुई थी। अंचल ने अपनी लोकेशन खंदारी बताई थी। उनकी कार एटा के कोतवाली देहात थाना क्षेत्र में जावड़ा नहर के पास लावारिस हालत में खड़ी मिली थी। बुधवार की शाम को चाचा राजेेंद्र बाबू तिवारी ने गुमशुदगी की तहरीर पुलिस को दी। सीओ सदर अर्चना सिंह ने बताया कि साफ्टवेयर इंजीनियर का पता लगाने में एटा पुलिस की मदद ली जा रही है।
चार दिसम्बर से गायब हैं अंचल तिवारी
सदर के गुरु गोविंद नगर निवासी 31 वर्षीय अंचल तिवारी चार दिसंबर की रात से गायब है। उनकी कार कोतवाली देहात एटा में लावारिस खड़ी मिली है। जिसमे उनका मोबाइल, लैपटाप समेत सारा सामान है।दयालबाग में रहने वाले चाचा राजेंद्र बाबू तिवारी ने बताया कि अंचल के माता-पिता दोनों की मृत्यु हो चुकी है। पिता महेंद्र कुमार तिवारी पूर्व फौजी थे। मई 2021 में उनकी कोरोना के चलते मृत्यु हो गई थी। जिसके बाद से अंचल अकेले रह रहे थे। दोनों बहने बबली और मीनू की शादी हो चुकी है। बबली नोएडा और मीनू गुरुग्राम में रहती हैं।
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आखिरी बार बहन से हुई थी बातचीत
अंचल कुछ समय से तनाव में थे। पिछले सप्ताह वह बहनों के पास चले गए थे। चार दिसंबर की सुबह वह नोएडा में रहने वाली बहन के यहां से निकले थे। यमुना एक्सप्रेसवे पर टोल कटाया था। इस दौरान वह बहन से लगातार मोबाइल पर संपर्क में थे। उनसे परिवारिजन के बारे में बात कर रहे थे। अंचल ने रात 11 बजे बहन से अंतिम बार बात की थी। उस समय खुद को खंदारी फ्लाई ओवर पर बताया था। जिसके बाद उनका फाेन बंद हो गया। बहन से बातचीत के दौरान पुलिस ने अंतिम लोकेशन निकाली तो वह टूंडला मिली थी।
स्टार्ट अप के बाद बंद कर दी थी कंपनी
चाचा ने बताया कि अंचल ने करीब चार वर्ष पहले साफ्टवेयर कंपनी स्टार्ट अप की थी। जिसका सिंगापुर की एक कंपनी से अनुबंध था। दो वर्ष पहले पिता को कैंसर होने का पता चला। उपचार के बाद वह सही हो गया। मगर, कोरोना से उनकी मृत्यु हो गई।
घर बेचना चाहते थे
चाचा राजेंद्र तिवारी ने बताया कि अंचल अपना मकान बेचना चाहते थे। वहां की लाेकेशन उन्हें पसंद नहीं थी। वह दूसरी जगह पर जाकर रहना चाहते थे। मकान के कई ग्राहक भी मिले, लेकिन सौदा तय नहीं हो सका था।
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