Agra Metro: अब 60 KM की स्पीड से दौड़ेगी मेट्रो... औसत गति को बढ़ाने की तैयारी; अब तक 15 लाख यात्रियों ने किया सफर
Agra Metro Project छह स्टेशनों में हर दिन पांच हजार यात्री सफर करते हैं। मेट्रो का संचालन सुबह छह से रात 10 बजे तक किया जाता है। मार्च 2024 से मेट्रो का संचालन शुरू हुआ था। टीडीआई माल फतेहाबाद से बिजलीघर चौराहा तक छह किमी में मेट्रो दौड़ रही है। हर दिन छह मेट्रो ट्रेन का संचालन किया जाता है। अब तक 15 लाख यात्री सफर कर चुके हैं।

जागरण संवाददाता, आगरा। Agra Metro: उप्र मेट्रो रेल कारपोरेशन (यूपीएमआरसी) आगरा मेट्रो की औसत गति को बढ़ाने की तैयारी में है। मेट्रो की अभी 45 किमी प्रति घंटा औसत गति है। जिसे बढ़ाकर 60 किमी किया जाएगा।
मेट्रो की अधिकतम गति 90 किमी प्रति घंटा है। शुरुआत में इसे 80 किमी पर चलाया गया। पांच माह से मेट्रो की औसत गति 45 किमी प्रति घंटा है। इसे 60 किमी प्रति घंटा करने की तैयारी चल रही है।
संयुक्त महाप्रबंधक पंचानन मिश्र ने बताया कि प्राथमिक सेक्शन में छह एलीवेटेड और तीन भूमिगत स्टेशन हैं। हर दिन पांच हजार यात्री सफर करते हैं। गति को 60 किमी प्रति घंटा किया जा सकता है।
एमजी रोड पर अगले माह से खोदाई
यूपीएमआरसी की टीम अगले माह से एमजी रोड पर मेट्रो पिलर की खोदाई शुरू करेगी। खोदाई के लिए दो से तीन रिग मशीनों का प्रयोग किया जाएगा। यह कार्य पांच से सात माह तक चलेगा।
इसी सप्ताह से हाईवे के डिवाइडर पर शुरू होगी खोदाई
दो रिग मशीनों से नेशनल हाईवे-19 स्थित आइएसबीटी मोड़ से लेकर सिकंदरा तिराहा तक पिलर की खोदाई शुरू होगी। एक दिन में एक पिलर की खोदाई होगी। यह कार्य तीन से चार माह तक चलेगा। वहीं सुल्तानपुरा रोड पर रिग मशीन से खोदाई चल रही है। अगले माह तक दो से तीन पिलर बनकर तैयार हो जाएंगे।
नहीं बंद होगी एमजी रोड, बाक्स पुशिंग तकनीक से बनेगी भूमिगत क्रासिंग
उप्र मेट्रो रेल कारपोरेशन (यूपीएमआरसी) की टीम ने आगरा कॉलेज मैदान भूमिगत स्टेशन की डिजाइन में बड़ा बदलाव किया है। अंडर ग्राउंड क्रासिंग बनाने के लिए एमजी रोड की खोदाई नहीं की जाएगी। पहले कॉरिडोर को दूसरे कॉरिडोर से जोड़ने के लिए बन रही क्रासिंग अब बाक्स पुशिंग तकनीक से बनेगी। इस तकनीक में 30 फीट की गहराई पर पांच बाक्स को आगे की तरफ धक्का दिया जाएगा। प्रदेश में पहली बार इस तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है। इससे समय के साथ लोगों को होने वाली परेशानी से भी बचाया जा सकेगा।
एमजी रोड स्थित आगरा कॉलेज मैदान में भूमिगत मेट्रो स्टेशन बन रहा है। स्टेशन का ढांचा और टनल बन चुकी है। आगरा कालेज स्टेशन पर ही सिकंदरा तिराहा से टीडीआई माल फतेहाबाद तक पहला कॉरिडोर दूसरे कॉरिडोर (आगरा कैंट रेलवे स्टेशन से कालिंदी विहार तक) जुड़ेंगे। डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट में कट एंड कवर तकनीक से अंडर ग्राउंड क्रासिंग का निर्माण होना था।
एमजी रोड पर रहता है वाहनों का दबाव
एमजी रोड पर जिस तरीके से वाहनों का दबाव रहता है। उसे देखते हुए यातायात पुलिस ने 45 दिनों तक एमजी रोड को बंद करने की अनुमति नहीं दी। डीएम ने वैकल्पिक इंतजाम के निर्देश दिए। यूपीएमआरसी के अधिकारियों ने दिल्ली मेट्रो सहित अन्य का अध्ययन किया। इसमें बाक्स पुशिंग तकनीक बिल्कुल फिट बैठी। इस तकनीक में खोदाई की जरूरत नहीं पड़ती है। न ही यातायात को भी बंद करना पड़ता है। संयुक्त महाप्रबंधक जनसंपर्क पंचानन मिश्र ने बताया कि प्रदेश में पहली बार बाक्स पुशिंग तकनीक से अंडर ग्राउंड क्रासिंग बनेगी। ये तकनीक बहुत प्रभावी है। भूमिगत क्रासिंग 36 मीटर लंबी होगी। इससे एमजी रोड को बंद करने की भी जरूरत नहीं होगी।
कास्टिंग यार्ड में बाक्स को तैयार करते यूपीएमआरसी के कर्मचारी l सौ. यूपीएमआरसी
इसलिए फायदेमंद कट एंड कवर
तकनीक में अंडर ग्राउंड क्रासिंग बनाने में चार से पांच माह लगते हैं। रोड को बंद करना पड़ता है। खोदाई के बाद बेस तैयार होता है। समय के साथ पैसा भी लगता है। बाक्स पुशिंग तकनीक में खोदाई नहीं होती है। रोड को भी बंद करने की कोई जरूरत नहीं है। कार्य एक से डेढ़ माह में पूरा हो जाता है।
बाक्स की कास्टिंग का कार्य चालू
यूपीएमआरसी की टीम ने शनिवार से कास्टिंग यार्ड में बाक्स की कास्टिंग का कार्य चालू कर दिया है। यह कार्य फरवरी के दूसरे सप्ताह तक पूरा हो जाएगा। कुल पांच बाक्स बनेंगे। पहले बाक्स की लंबाई आठ मीटर, चौड़ाई छह मीटर और गहराई साढ़े तीन मीटर होगी। बाकी चार बाक्स की लंबाई सात मीटर होगी। चौड़ाई और गहराई एक समान होगी।
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यूं होगा कार्य
प्री कास्ट तकनीक से निर्धारित मानक के बाक्स तैयार किए जाएंगे। इन बाक्स को आगरा कालेज मैदान से लांच किया जाएगा। यह 30 फीट की गहराई पर रखे जाएंगे। बाक्स में छह से सात कर्मचारी आगे की मिट्टी की खोदाई करेंगे। खोदाई होने के बाद बाक्स को पुश किया जाएगा। इस तरह से पांच बाक्स रखे संबंधित जगह पर पहुंच जाएंगे।
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