Agra Metro Work: एमजी रोड पर मेट्रो निर्माण में सुरक्षा खामियां, इंतजामों की कमी से राहगीर परेशान
आगरा में एमजी रोड पर मेट्रो निर्माण कार्य के दौरान सुरक्षा इंतजामों की कमी से राहगीर परेशान हैं। यूपीएमआरसी ने बैरिकेडिंग और खुदाई शुरू तो कर दी लेकिन पर्याप्त रोशनी साइनेज और जल निकासी के उचित इंतजाम नहीं किए। अधिकारियों की अनदेखी और गड्ढों के कारण राहगीरों को जाम का सामना करना पड़ रहा है। लोगों का कहना है कि मेट्रो का कार्य टुकड़ों में होना चाहिए था।

जागरण संवाददाता, आगरा। उप्र मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (यूपीएमआरसी) ने साढ़े छह किमी लंबी एमजी रोड पर बिना संरक्षा के इंतजाम के कार्य शुरू करा दिया है। डिवाइडर पर लगी लाइट को हटा दिया गया है। छोटी लाइटें लगाई गई हैं। पर्याप्त रोशनी नहीं है। हर चौराहा और लिंक रोड पर साइनेज नहीं लगाए गए हैं। न ही ठीक तरीके से जल निकासी के इंतजाम किए गए हैं। यहां तक वाहनों की गति सीमा का बोर्ड भी अधिकांश जगहों पर नहीं लगा है।
भगवान टाकीज चौराहा से अवंतीबाई चौराहा तक एमजी रोड पर सात माह पूर्व यूपीएमआरसी ने बैरीकेडिंग की थी। दो माह पूर्व चार रिग मशीनों से खोदाई शुरू की गई। वर्तमान में नौ मशीनों से पाइलिंग की जा रही है। संरक्षा के नाम पर सिर्फ बैरीकेडिंग की गई है। कुछ जगहों पर हरा पर्दा लगाया गया है।
सात माह पूर्व यूपीएमआरसी ने की थी बैरीकेडिंग, दो माह पूर्व चालू हुई थी खोदाई
बैरीकेडिंग के ऊपरी हिस्से में एलईडी लाइट्स लगी हैं। दोनों तरफ कैट आई नहीं लगाई गई है। इससे वाहन चालकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। प्रशासनिक अधिकारियों से इसकी कई शिकायतें भी हो चुकी हैं। अभी तक ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। एमजी रोड पर इस साल के अंत तक खोदाई का कार्य पूरा होगा।
संयुक्त महाप्रबंधक जनसंपर्क पंचानन मिश्र का कहना है कि सिविल कार्य तेजी से पूरा किया जा रहा है। जलभराव न हो, इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है। जिन जगहों पर गड्ढे हो गए हैं। उन्हें भरवाया जा रहा है। जल्द ही संबंधित जगहों पर साइनेज लगाए जाएंगे।
हर माह होती है बैठक
मंडलायुक्त और डीएम की अध्यक्षता में संरक्षा समिति की हर माह बैैठक होती है। साइनेज से लेकर बोर्ड लगाने के निर्देश दिए जाते हैं। मकसद होता है कि मार्ग दुर्घटना पर अंकुश लगाना। इसके बाद भी यूपीएमआरसी अधिकारियों द्वारा कार्य नहीं कराया गया है।
गड्ढों को भरने का चल रहा है कार्य
साढ़े छह किमी लंबी एमजी रोड पर यूपीएमआरसी द्वारा गड्ढों को भरने का कार्य किया जा रहा है। शनिवार को भी कर्मचारियों ने एमजी रोड के दोनों तरफ से मिट्टी को उठाया और गड्ढों को भरा गया। यह कार्य आगे भी जारी रहेगा।
संरक्षा के यह होने चाहिए इंतजाम
- फुटपाथ पर चढ़ने के लिए रैंप का निर्माण करना था, लेकिन नहीं किया गया।
- प्रत्येक चौराहा की रोड पर 200 मीटर की दूरी पर साइनेज लगाए जाने चाहिए।
- लिंक रोड पर की जानकारी केलिए बोर्ड लगाए जाने चाहिए।
- आगे कितनी दूरी पर बोर्ड आएगा, इसकी जानकारी के लिए बोर्ड लगाया जाना चाहिए।
- स्ट्रीट लाइट हटाने के बाद लाइटिंग की और भी बेहतर व्यवस्था होनी चाहिए।
- हाईवे पर मेट्रो कार्य की जानकारी देने के लिए साइनेज लगाया जाना चाहिए।
- वाहनों की गति सीमा को ठीक से प्रदर्शित करना चाहिए।
- प्रत्येक चौराहा पर संबंधित चौराहा का नाम का बोर्ड लगाया जाना चाहिए।
- जल निकासी का समुचित उठाना करना।
- मिट्टी को सही तरीके से उठाना।
एमजी रोड की दुर्दशा के लिए यूपीएमआरसी जिम्मेदारी है। लोक निर्माण विभाग और नगर निगम के अधिाकारियों द्वारा ठीक तरीके से मानीटरिंग नहीं की जा रही है। हर दिन जाम लगता है। शिवराज चौहान, राहगीर
- एमजी रोड पर मेट्रो का कार्य टुकड़ों में होना चाहिए था। यूपीएमआरसी ने मनमानी करते हुए एक साथ कार्य शुरू करा दिया। जाम में लोग फंसते हैं। जाम से बचाव के इंतजाम किए जाने चाहिए। अभिषेक अग्रवाल, राहगीर
धाकरान तिराहा सहित कई जगहों पर मेट्रो कार्य के चलते एमजी रोड संकरी हो गई है। एक लेन से कम हिस्सा बचा है। यहां से गुजरने में 10 से 20 मिनट तक लग जाते हैं। प्रशांत कुमार, राहगीर
एमजी रोड पर मिट्टी पड़ी है। कुछ ही जगहों पर गड्ढे भरे गए हैं। अभियान चलाकर सभी गड्ढों को भरा जाना चाहिए। इससे वाहनों को रफ्तार मिल सकेगी। अभी वाहनों की गति पांच से 10 किमी प्रति घंटा रहती है। राम लवानियां, राहगीर
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