Illegal Conversion: ब्रेनवॉश से फंडिंग मैनेजमेंट सब तय, गर्ल्स हॉस्टल में तो पहले ही चल रही थी 'द केरल स्टोरी'
आगरा पुलिस ने चार देशों से फंडिंग पाने वाले अवैध मतांतरण गिरोह के सदस्यों को सीजेएम कोर्ट में पेश किया। अदालत ने पुलिस के साक्ष्य के आधार पर सभी आरोपियों को दस दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। पेशी से पहले दीवानी को छावनी बना दिया गया था। पुलिस अब आरोपियों से पूछताछ कर गिरोह के अन्य सदस्यों तक पहुंचने का प्रयास करेगी।

जागरण संवाददाता, आगरा। चार देशों से फंडिंग प्राप्त करने वाले अवैध मतांतरण गिरोह के सदस्यों को पुलिस कड़ी सुरक्षा में शनिवार शाम को सीजेएम कोर्ट लेकर पहुंची।पुलिस ने गैंग के बारे में पूरे साक्ष्य अदालत में प्रस्तुत किए। इसके बाद अदालत ने सभी को दस दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड पर दे दिया है। आरोपितों की पेशी से पहले पुलिस ने दीवानी को छावनी बना दिया था। पुलिस के साथ ही विशेष सुरक्षा बल ने भी सुरक्षा घेरा बनाया था।
अवैध मतांतरण गिरोह से जुड़ी महिला समेत 10 आरोपितों को पुलिस शनिवार शाम साढ़े चार बजे गेट नंबर चार से लेकर दीवानी में पहुंची। वहां पहले से ही कई चार एसीपी स्तर के अधिकारी पुलिस फोर्स के साथ सुरक्षा घेरा बनाए थे।
कड़ी सुरक्षा में आरोपितों को सीजेएम कोर्ट लेकर पहुंची पुलिस
पुलिस को देखकर दीवानी में आसपास बड़ी संख्या में लोग जमा हो गए। पुलिस अपनी गाड़ी से सीधे सीजेएम कोर्ट के गेट पर पहुंची।सभी आरोपितों के चेहरे ढंके हुए थे। पुलिस ने रस्सी की मदद से दोनों ओर सुरक्षा घेरा बना लिया। पुलिस ने आसपास किसी को नहीं आने दिया।
सुरक्षा घेरे में लाए गए आरोपित
सुरक्षा घेरे में सभी आरोपितों को सीजेएम कोर्ट में पेश किया।पुलिस ने कोर्ट में नेटवर्क के संबंध में पूरी जानकारी दी। बताया कि गिरोह के सदस्यों को छह राज्यों में दबिश देकर पकड़ा है। विदेशों से फंडिंग हो रही है।
न्यायालय ने स्वीकृत की दस दिन की कस्टडी रिमांड
बड़ी संख्या में हिंदू युवतियों का मतांतरण कराया गया है। सभी आरोपितों से पूछताछ की आवश्यकता है। इसलिए पुलिस कस्टडी रिमांड आवश्यक है।इसके लिए दस दिन की कस्टडी रिमांड की मांग की गई। सुनवाई के बाद कोर्ट ने पुलिस कस्टडी रिमांड स्वीकृत कर दी। कड़े सुरक्षा घेरे में आरोपियों को पुलिस अपने साथ सेफ हाउस में लेकर गई है। पुलिस कस्टडी रिमांड पर आरोपितों से पूछताछ कर पुलिस उनके अन्य साथियों को पकड़कर फंडिंग करने वालों तक भी पहुंचने का प्रयास करेगी।
गर्ल्स हॉस्टल में तो पहले ही चल रही थी द केरल स्टोरी
जम्मू से आगरा पढ़ने आई साइमा, द केरल स्टोरी की फातिमा बा वाला असल का किरदार थी। एमएससी बाटनी की छात्रा बनकर आई और दो साल तक मतांतरण गिरोह के लिए काम करती रही। पहले सहेली बनाती और फिर अपने धर्म को श्रेष्ठ बताकर ब्रेनवाश करती। उसकी करतूत को कोई नहीं भांप सका। जूता कारोबारी की बड़ी बेटी को उसी ने मतांतरण के लिए तैयार किया था। 2023 में द केरल स्टोरी रिलीज होने तक वह गायब हो चुकी थी।
चार वर्ष पहले पढ़ने आते थे
डॉक्टर भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के खंदारी परिसर स्थित संस्थानों में चार वर्ष पहले तक जम्मू कश्मीर से बड़ी संख्या में छात्र छात्राएं पढ़ने के लिए आते थे। 2021 में स्कूल आफ लाइफ साइंस में एमएससी बाटनी में जम्मू की साइमा ने प्रवेश लिया था। सूत्रों के अनुसार वह खंदारी क्षेत्र के एक हॉस्टल में रहती थी। हॉस्टल में जम्मू सहित आस पास के जिलों की छात्राएं भी रहतीं थी।
पांच वक्त की नमाज पढ़ती थी
हॉस्टल में साथी छात्राओं के बीच में बैठकर वह पांच वक्त की नमाज पढ़ती थी। हॉस्टल और कक्षा में भी इस्लामी कट्टरवाद पर बातें रखती थी। तर्क के रूप में इस्लाम से संबंधित सामग्री का वितरण करती थी। कुछ ही दिन में बॉटनी डिपार्टमेंट के शिक्षक और छात्राओं के बीच उसकी छवि कट्टरपंथी के रूप में बन गई थी।
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