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    Dead Body Dumping Ground बना आगरा, 6 साल में हत्या कर फेंकी 49 बेनाम लाशें, हत्यारे बेसुराग

    By Ali AbbasEdited By: Tanu Gupta
    Updated: Sun, 20 Nov 2022 09:02 AM (IST)

    Dead Body Dumping Ground जिले में 6 वर्ष के दौरान 135 अज्ञात लोगों की हत्या 28 युवतियां थीं। हत्या कर फेंकी 49 अज्ञात लाशों की नहीं हो सकी शिनाख्त 14 युवतियां थीं। अज्ञात शव मिलने पर पुलिस उसका 72 घंटे बाद अंतिम संस्कार करती है।

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    आरटीआइ में हुआ पांच साल की हत्या कर फेंकी गयी लाशाें का मामला।

    आगरा, अली अब्बास। दैनिक जागरण के संवाददाता द्वारा आगरा जिले में 6 वर्ष (वर्ष 2013 से 2018 तक) के दौरान हत्या कर फेंके अज्ञात शवाें की जानकरी मांगी गई थी। मिली जानकारी के अनुसार पांच वर्ष के दौरान कुल 135 अज्ञात लोगों की हत्या कर लाशों को यहां फेंका गया। जिसमें 107 पुरुष आर 28 महिलाएं थीं। हत्या कर फेंके गए 49 शवों की पहचान नहीं हो सकी। जिसमें 35 पुरुष और 14 महिलाएं थी। दूसरे शब्दों मे कहें तो 49 हत्यारे आज भी खुलेआम घूम रहे हैं। शवों की पहचान न होने के चलते अभी तक बचे हुए हैं।

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    केस एक:

    एत्मादपुर में झरना नाला के जंगल में 29 मई 2021 को बोरे में बंद युवती की लाश मिली थी। वह नीली जींस, आसमानी व नीली टी शर्ट पहने थी। उसकी उम्र लगभग 25 वर्ष थी। हत्यारों ने उसके पास ऐसी कोई वस्तु नहीं छोड़ी, जिससे उसकी पहचान हाे सकती। पुलिस ने 72 घंटे बाद उसका युवती की अंतिम संस्कार कर दिया। मरने वाली का डीएनए सैंपल सुरक्षित रखा गया है। जिससे भविष्य में पहचान होने की स्थिति में डीएनए से उसका मिलान से कराया जा सके।

    केस दो:

    सिकंदरा इलाके में बिचपुरी मार्ग पर 27 मई 2021 को अंसल कोर्टयार्ड के पास झाड़ियों में हत्या कर फेंकी गई युवती का शव मिला था। हत्यारे ने उसे मरणासन्न हालत में यहां डालने के बाद जला दिया था। उसका चेहरा जलने से बच गया था। युवती की उम्र लगभग 25 वर्ष थी। वह सलवार सूट और हाथों में कड़ा पहने थी। युवती की पहचान नहीं होने पर पुलिस ने उसका अंतिम संस्कार कर दिया।

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    केस तीनः

    मथुर के राया में यमुना एक्सप्रेस वे के पास कृषि अनुसंधान केंद्र से कुछ दूरी पर शुक्रवार को सूटकेस में बंद युवती की लाश मिली। जिसकी उम्र करीब 22 वर्ष है। युवती की शिनाख्त के प्रयास पुलिस द्वारा किए जा रहे हैं। नोएडा समेत दिल्ली एनसीआर के जिलों में उसके फोटो वाट्सग्रुप में शेयर किए गए हैं। यह पहला मामला नहीं है, जब हत्या कर किसी का शव फेंका गया हो।

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    ये है नियम

    -अज्ञात शव मिलने पर पुलिस उसका 72 घंटे बाद अंतिम संस्कार करती है। इस दौरान वह आसपास के जिलों में वाट्सएप पर मरने वाले के फोटो समेत अन्य जानकारी साझा करती है।

    -संबंधित थाना अज्ञात लाश मिलने पर जिला अपराध रिकार्ड ब्यूरो डीसीआरबी को उसका फोटो, कपड़े, हुलिया एवं आयु से संबंधित सारी जानकारी भेजता है।

    -डीसीआरबी मरने वाले के फोटो और हुलिया समेत अन्य जानकारी सभी थानों को भेजता है। साथ ही वह राज्य अपराध रिकार्ड ब्यूरो और राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो में आने वाले इसी तरह के अज्ञात शवों से मिलान कराता है।

    -मिलान से पहचान नहीं हेाने पर बरामद लाश के फोटो और पंफलेट आसपास के जिलों व थानों में भेजता है। जिससे कि मरने वाले की पहचान कराने में मदद मिल सके।

    गुमशुदगी दर्ज नहीं कराने से पहचान में दिक्कत

    पुरुषों के गायब होने पर लोग उनकी गुमशुदगी जल्दी दर्ज करा देते हैं। वहीं, युवतियों के मामले में स्वजन बदनामी के डर से कई दिन तक उसे स्तर से खोजते हैं। लड़की के परिवार की इसी कमजोरी का हत्यारे लाभ उठाते हैं। अधिकांश मामलों में स्वजन रिपोर्ट दर्ज कराने पर स्वजन थाने पहुंचते हैं, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।