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    Ram Mandir Ayodhya Consecration: जिस यज्ञ से हुई थी राजा दशरथ को पुत्रों की प्राप्ति, आगरा में है वो आश्रम

    Updated: Mon, 22 Jan 2024 09:07 AM (IST)

    शृंगी ऋषि के आश्रम से श्रीराम आचार्य की जन्मस्थली तक गूंजा राम नाम। राजा दशरथ को पुत्र कामेष्टि यज्ञ कराने वाले शृंगी ऋषि के आश्रम से पं. श्रीराम शर्मा आचार्य की आंवलखेड़ा स्थित जन्मस्थली तक राम नाम गूंजेगा। रुनकता के सींगना में शृंगी ऋषि का आश्रम है। यमुना की खादर में स्थित आश्रम में श्रीराम-सीताजी के मंदिर के साथ ही गोशाला है।

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    Ashram of Shringi Rishi: शृंगी ऋषि के आश्रम से श्रीराम आचार्य की जन्मस्थली तक गूंजेगा राम नाम

    जागरण संवाददाता, आगरा। पांच सदियों का अनथक संघर्ष और साधना सार्थक हुई है। इंतजार की घड़ियां बीत गई हैं। अयोध्या में सोमवार को श्रीराम मंदिर में रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा होगी। पावन वेला में शहर से देहात तक हर गली, हर मुहल्ले में श्रीराम का जयघोष गूंज रहा है। घरों के द्वार और छत पर लगीं श्रीराम की पताकाएं सनातन धर्म के यश और कीर्ति का वाहक बनी हैं।

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    वाल्मीकि रामायण के अनुसार, राजा दशरथ को पुत्र प्राप्ति के लिए शृंगी ऋषि ने ही पुत्र कामेष्टि यज्ञ कराया है। माथे पर सींग जैसा उभार होने से उनका नाम शृंगी ऋषि पड़ा था। उनका विवाह अंगराज रोमपाद की दत्तक पुत्री शांता के साथ हुआ था। शांता, राजा दशरथ की पुत्री थीं। दशरथ ने उन्हें अपने साढ़ू रोमपाद को गोद दिया था।

    हवन और सुंदरकांड का पाठ

    महंत निर्णय दास ने बताया कि सोमवार को आश्रम में सुबह 11 बजे से हवन और सुंदरकांड का पाठ है। कलश यात्रा निकाली जाएगी। सुंदरकांड के पारायण पर प्रसाद वितरित किया जाएगा। 25 जनवरी से आश्रम में नौ दिवसीय रामकथा का आयोजन होगा।

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    रामानंद सागर को मिली प्रेरणा

    गायत्री शक्तिपीठ के संस्थापक पं. श्रीराम शर्मा आचार्य की जन्मस्थली आंवलखेड़ा में भी सोमवार सुबह से कार्यक्रम शुरू हो गए। आचार्य ने 90 के दशक में रामानंद सागर को सीरियल रामायण बनाने को प्रेरणा प्रदान की थी। गायत्री शक्तिपीठ आंवलखेड़ा के प्रबंधक घनश्याम देवांगन ने बताया कि सोमवार सुबह चार बजे जागरण और आरती की। सुबह पांच से आठ बजे तक पांच कुंडीय सुगम यज्ञ शुरू हुआ। सुबह आठ बजे से श्रद्धालुओं के लिए यज्ञ हुआ, जो उनके आगमन तक चलेगा। शाम 6:15 बजे से दीपोत्सव, दीप महायज्ञ होगा।

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    बटेश्वर में अखंड रामायण

    बाबा बटेश्वरनाथ की नगरी बटेश्वर स्थित मंदिर परिसर में रविवार से अखंड रामायण का पाठ शुरू हो गया। सोमवार शाम को घाटों पर पांच से छह हजार दीप जलेंगे। जटपुरा स्थित श्रीरामचंद्र जी महाराज मंदिर से प्रतिवर्ष दशहरा पर शोभायात्रा निकाली जाती है। कैलाश महादेव मंदिर पर रामलला की प्रतिष्ठा का लाइव प्रसारण किया जाएगा। महंत निर्मल गिरि ने बताया कि भजनों के साथ शहनाई वादन होगा। शाम को दीपदान होगा। बाबा का फूलबंगला सजेगा।