यूपी समेत अन्य राज्यों में अब्दुल रहमान जैसे कई चेहरे, रिमांड में अवैध मतांतरण मामले में खुलेंगे कई राज!
आगरा में अवैध मतांतरण मामले में अब्दुल रहमान से पुलिस पूछताछ कर रही है। वह उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में सक्रिय है। पुलिस यह जानने की कोशिश कर रही है कि उसके पीछे कौन है जो म्यांमार और नेपाल तक मतांतरण की योजना बना रहा है। जांच में पता चला है कि वह विदेशों से फंडिंग लेता था और स्लीपिंग मॉड्यूल बनाने में भी शामिल हो सकता है।

जागरण संवाददाता, आगरा। अवैध मतांतरण मामले में दिल्ली के अब्दुल रहमान जैसे कई चेहरे उत्तर प्रदेश समेत अलग-अलग राज्यों में सक्रिय हैं।अब्दुल रहमान उर्फ महेंद्र पाल सिंह को पुलिस द्वारा चार दिन की अतिरिक्त कस्टडी रिमांड पर लेने का उद्देश्य उक्त राज्यों में उसके जैसे चेहरों के बारे में पता करना है।
जांच टीमें यह जानना चाहती हैं कि इन चेहरों के पीछे कौन है? जो इतने सुनियोजित तरीके से यह सब कर रहा है। म्यांमार और भूटान की सीमा से लेकर नेपाल तक अवैध एवं सामूहिक मतांतरण की योजना पर काम करा रहा है।
सदर से 24 मार्च 2025 को गायब दो बेटियों को पुलिस ने 18 जुलाई को कोलकाता के मुस्लिम बाहुल्य तपसिया इलाके से बरामद किया था। बेटियों का अवैध मतांतरण कराने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए 14 लोगों को गिरफ्तार किया था। गिरोह का प्रमुख चेहरा दिल्ली के मुस्तफाबाद का रहने वाला अब्दुल रहमान उर्फ महेंद्र पाल सिंह है।
दो अगस्त को न्यायालय में पेश किया गया था
अब्दुल रहमान की दो अगस्त को पुलिस कस्टडी रिमांड पर अवधि शनिवार को न्यायालय में पेश किया था। उसे चार दिन की अतिरिक्त पुलिस रिमांड पर लिया है। उससे आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) समेत कई जांच एजेंसियां पूछताछ कर चुकी हैं।
अवैध मतांतरण गिरोह का चेहरा था
मौलाना कलीम सिद्दीकी के चार वर्ष पहले जेल जाने के बाद से वह अवैध मतांतरण गिरोह का बड़ा चेहरा था।गिरोह का प्रत्येक सदस्य उससे जुडा था। देश-विदेश से होने वाली फंडिंग को मतारंतरित लोगों में वितरित करने का कार्य आयशा उर्फ एसबी कृष्णा देखती थी। सदर की रहने वाली बेटियों को भी दिल्ली से कोलकाता भेजने की व्यवस्था उसी ने की थी। इसके अलावा बरेली, देहरादून, हरियाणा की युवतियां भी उसी के घर में रही थीं।
अन्य राज्यों में सक्रिय हैं
जांच टीमाें की पूछताछ में पत चला कि अब्दुल रहमान जैसे कई बड़े चेहरे महाराष्ट्र, असम, पश्चिम बंगाल से लेकर कर्नाटक आदि राज्याें में सक्रिय हैं। जो सामूहिक अवैध मतांतरण की योजना पर काम कर रहे हैं। जांच टीमे अब्दुल रहमान से इन बड़े चेहरों और उनसे जुड़े लोगों के बारे में जानने का प्रयास कर रही हैं। इन सभी बड़े चेहरों के पीछे कौन है? जिसके हाथ में अब्दुल रहमान और उसके जैसों की लगाम है? जांच एजेंसियां इस तथ्य काे जानने का प्रयास कर रही हैं।
स्लीपिंग मॉड्यूल के बारे में भी छानबीन
अब्दुल रहमान के माेबाइल में पाकिस्तान के छह मोबाइल नंबर मिले हैं। जिन पर वह लगातार बातचीत करता था। अवैध मतांतरण की जांच कर रही पुलिस इसे स्लीपिंग माड्यूल से भी जोड़ कर देख रही है। रिवर्ट मुस्लिम नाम से बने ग्रुपों से जुड़े अधिकांश लोग अवैध मतांतरण कराने वाले वीडियो प्रसारित करते हैं।
जांच टीमों को आशंका है कि इन ग्रुपों से कुछ ऐसे लोग भी जुड़े हो सकते हैं जो मतांतरण की आड़ में स्लीपिंग माड्यूल तैयार करने का काम कर रहे थे। सदर की बेटियों समेत पुलिस ने जितने भी लोगों से बात की, उनका ब्रेनवाश किया गया था। जिससे वह अपने परिवार वालों की बात सुनने को तैयार नहीं थे।
जेल में अलग-अलग बैरकों में रखे गए हैं
पुलिस ने कस्टडी रिमांड की अवधि समाप्त होने के अब्दुल रहमान के अलावा सभी 10 आरोपितों को जेल भेज दिया।जबकि अब्दुल रहमान के दोनों बेटों समेत तीन आरोपित पहले से ही जेल में बंद थे। वर्तमान में आयशा, रहमान कुरैशी, अब्दुर रहमान, मोहम्मद अली समेत 13 लोग जिला जेल में बंद हैं। आयशा को महिला बैरक में रखा गया है। अन्य आरोपितों को अलग-अलग बैरक में रखा है।
अवैध मतांतरण मामले में अब्दुल रहमान बडा चेहरा है, उससे सभी बिंदुओं पर विस्तृत पूछताछ की जा रही है। जिसके चलते उसे चार दिन की अतिरिक्त पुलिस कस्टडी रिमांड पर लिया गया है। दीपक कुमार पुलिस आयुक्त
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