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    हिरासत में युवक की मौत के बाद CID जांच से खुली हैरान करने वाली सच्चाई, इन 17 पुलिसकर्मी की गर्दन फंसी

    Updated: Mon, 21 Apr 2025 08:28 AM (IST)

    आगरा में पुलिस हिरासत में हुई राजू गुप्ता की मौत के मामले में 17 पुलिसकर्मियों पर गैर इरादतन हत्या और अवैध हिरासत का आरोप लगा है। सीआईडी जांच में सिकंदरा थाने के इंस्पेक्टर दो दारोगा चार हेड कांस्टेबल समेत 17 पुलिसकर्मी दोषी पाए गए हैं। सीआईडी ने चार्जशीट तैयार कर अभियोजन की स्वीकृति के लिए शासन को फाइल भेज दी है।

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    Agra News: प्रस्तुतीकरण के लिए सांकेतिक तस्वीर का प्रयोग किया गया है।

    जागरण संवाददाता, आगरा। पुलिस हिरासत में पिटाई के बाद युवक की मृत्यु के मामले में 17 पुलिसकर्मियों की गर्दन फंस गई है। सीआईडी ने विवेचना में सिकंदरा थाने में तैनात इंस्पेक्टर, दो दारोगा, चार हेड कांस्टेबल समेत 17 पुलिसकर्मियों को अवैध हिरासत और गैर इरादतन हत्या का आरोपित पाया है। सीआईडी ने चार्जशीट तैयार कर अभियोजन की स्वीकृति को शासन को फाइल भेज दी है।

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    सिकंदरा क्षेत्र के गैलाना रोड स्थित नरेंद्र एन्क्लेव में रहने वाली रेनू गुप्ता के इकलौते बेटे 30 वर्षीय राजू गुप्ता की 22 नंवबर 2018 को मृत्यु हुई थी। कॉलोनी में रहने वाले अंशुल प्रताप के घर से गहने चोरी के शक में राजू को सिकंदरा पुलिस ने 21 नवंबर 2018 को हिरासत में ले लिया था, जबकि उसके खिलाफ कोई मुकदमा दर्ज नहीं था।

    22 नवंबर को पुलिस की पिटाई के बाद दहशत में राजू की तबीयत खराब हुई। पुलिस उसे अस्पताल लेकर पहुंची। वहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी उसके शरीर पर चोटों के निशान थे।

    सिकंदरा थाने में किया हत्या की धारा में मुकदमा दर्ज

    इसके बाद सिकंदरा थाने में हत्या की धारा में मुकदमा दर्ज किया गया था। इसमें अंशुल प्रताप सिंह, विवेक व अज्ञात पुलिसकर्मी शामिल थे। लोहामंडी थाने से मुकदमे की विवेचना हुई। पुलिस ने दारोगा अनुज सिरोही, अंशुल प्रताप सिंह और विवेक के खिलाफ गैर इरादतन हत्या की धारा में तहत चार्जशीट लगा दी थी। इसके बाद मानवाधिकार आयोग ने मामले की विवेचना सीआइडी से कराने के निर्देश दिए गए थे।

    सिकंदरा थाना की फाइल फोटो।

    विवेचना में सामने आए ये तथ्य

    सीआईडी ने विवेचना में राजू गुप्ता की पिटाई के समय सिकंदरा थाने में मौजूद पुलिसकर्मियों को गैर इरातदन हत्या और अवैध हिरासत का आरोपित माना। इसमें इंस्पेक्टर ऋषिपाल सिंह , दरोगा ज्ञानेंद्र शर्मा, दरोगा तेजवीर सिंह, मुख्य आरक्षी राम किशन, देवेंद्र सिंह, राकेश कुमार, रणजीत, आरक्षी हरीश चंद्र, बृजेश कुमार, कंप्यूटर आपरेटर हिमांक कुमार, आरक्षी संजीव कुमार, राजेश, सतेंद्र सिंह, संजीव, अनिल कुमार, योगेश कुमार और आरक्षी चालक संजय कुमार आरोपित बनाए गए हैं। कुछ पुलिसकर्मियों की आगरा से बाहर तैनाती है। कुछ अभी भी कमिश्नरेट में तैनात हैं।

    सीआईडी ने चार्जशीट तैयार कर अभियोजन की स्वीकृति को फाइल मुख्यालय भेज दी है। मुख्यालय की स्वीकृति के बाद पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी हो सकती है। सभी को अपनी जमानत करानी पड़ेगी। सीआइडी की चार्जशीट में अंशुल प्रताप सिंह और अनुज सिरोही और विवेक भी शामिल हैं।

    बेटे की याद में मां ने तोड़ा था दम

    राजू गुप्ता अपनी विधवा मां का इकलौता सहारा था। राजू की मौत के बाद मां ने सिकंदरा क्षेत्र से मकान छोड़ दिया था। जगदीशपुरा इलाके में किराए पर मकान लिया था। अकेली रह गई थीं। कोई देखभाल करने वाला नहीं था। बेटे की याद में रोती रहती थीं। उनकी भी मौत हो गई थी।

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    वैश्य समाज ने किया था प्रदर्शन

    राजू गुप्ता की हिरासत में मौत के मामले में वैश्य समाज ने प्रदर्शन किया था। वैश्य समाज ने पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की थी। मगर, अधिकतर पुलिसकर्मी इस मामले में बचे रहे। अब सीआइडी की चार्जशीट के बाद फंसना तय माना जा रहा है।