Dehradun News: हरिद्वार बाईपास रोड पर जाम से जूझ रहे देहरादूनवासी, रिंग रोड परियोजना में देरी
हरिद्वार बाईपास रोड पर ट्रैफिक जाम की समस्या विकराल रूप ले चुकी है। रविवार को जाम के कारण लोगों को 4.2 किलोमीटर की दूरी तय करने में 45 मिनट का समय लगा। हरिद्वार बाईपास रोड और हरिद्वार रोड पर वाहनों का दबाव लगातार बढ़ रहा है। इस समस्या के समाधान के लिए आउटर रिंग रोड का प्रस्ताव है लेकिन यह परियोजना अभी भी डीपीआर स्तर पर ही अटकी हुई है।
सुमन सेमवाल l जागरण देहरादून : एक समय था जब रविवार के दिन दून की सड़कें सुकून का एहसास कराती थीं। लेकिन, दून में निरंतर बढ़ती आबादी के साथ सड़कों पर वाहनों का दबाव भी बढ़ रहा है। जो सड़कें शहर को बाहरी क्षेत्रों से जोड़ती हैं, वहां तो रविवार को वाहनों का दबाव और बढ़ जाता है। हरिद्वार बाईपास रोड और इसके बाद शुरू होने वाली हरिद्वार रोड इसका उदाहरण हैं।
इस रविवार को भी यहां पर भीषण जाम देखने को मिला। स्थिति यह रही कि दोपहर के समय अजबपुर रेलवे ओवर ब्रिज से मोहकमपुर रेलवे ओवर ब्रिज तक की 4.2 किलोमीटर दूरी तय करने में 45 मिनट का समय लग गया। यह भाग वाहनों से पूरी तरह पैक नजर आया। रिस्पना पुल, विधानसभा तिराहे और जोगीवाला चौक पर पुलिस ने जाम की स्थिति सामान्य करने में भरसक मेहनत की, मगर वाहनों के दबाव के बीच बात नहीं बन पाई।
हरिद्वार बाईपास रोड और रिस्पना पुल के बाद शुरू होने वाली हरिद्वार रोड पर वाहनों का दबाव इसलिए भी अधिक रहता है कि यह पूरा भाग राष्ट्रीय राजमार्ग है। यहां सहारनपुर और हरिद्वार/ऋषिकेश के बीच आवागमन करने वाले वाहनों का दबाव रहता है। साथ ही आइएसबीटी से लेकर मोहकमपुर तक राजमार्ग के दोनों भाग पर शहर की घनी आबादी निवास करती है।
रिंग रोड का पता नहीं, हरिद्वार रोड पर छक्के छुड़ा रहा जाम
ऐसे में राजमार्ग के साथ ही स्थानीय वाहनों का दबाव भी रहता है। राजमार्ग और स्थानीय वाहनों के दबाव को पृथक करने के लिए दून में 51 किलोमीटर लंबी आउटर रिग रोड प्रस्तावित है। इसके पहले चरण का निर्माण इसी हरिद्वार और हरिद्वार बाईपास रोड पर किया जाना है, लेकिन अफसोस की बात है कि सालभर बाद भी मामला डीपीआर से आगे नहीं बढ़ पाया है।
यह स्थिति तब है जब देहरादून में रिंग रोड की कवायद वर्ष 2010 से की जा रही है। लोनिवि, राजमार्ग खंड और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) के बीच मंथन और सर्वे के बाद अब जाकर यह तय किया जा सका कि इस काम को एनएचएआइ ही करेगा। यातायात दबाव के लिहाज से स्थिति पानी के सिर के करीब तक पहुंचने जैसी हो गई है। ऐसे में अब और इंतजार करना नागरिकों की सुविधा और अधिकारों के साथ गंभीर अनदेखी माना जाएगा।
यह है रिंग रोड का पहला चरण
मोहकमपुर रेलवे ओवर ब्रिज से आशारोड़ी तक के पूरे भाग को बाईपास करने के लिए यहां 15 किलोमीटर लंबी एलिवेटेड रोड तैयार करने की योजना है। इसकी डीपीआर लगभग तैयार की जा चुकी है। करीब 1350 से 1450 करोड़ रुपये की इस मेगा परियोजना के बाद राजमार्ग का यातायात और स्थानीय यातायात अलग-अलग गुजर सकेंगे। यही एकमात्र व्यवस्था हरिद्वार बाईपास रोड से लेकर हरिद्वार रोड के बड़े क्षेत्र को जाम से बचा सकती है।
शहर की सबसे अधिक दबाव वाली सड़क बनी हरिद्वार बाईपास रोड हरिद्वार से मोहकमपुर और हरिद्वार बाईपास रोड (आइएसबीटी से अजबपुर रेलवे ओवर ब्रिज) के बीच के भाग का चौड़ीकरण हो जाने के बाद यातायात का दबाव भी 100 प्रतिशत से अधिक बढ़ गया है। इस तरह देखें तो यह पूरा भाग शहर के सर्वाधिक वाहन दबाव वाला बन गया है। इसके बाद भी सरकारी मशीनरी का ध्यान इस तरफ कम ही है।
जोगीवाला चौक नहीं खुल रहा, ओवर ब्रिज के नीचे अंधेरगर्दी
जोगीवाला चौक के लगभग सभी कोने खोल दिए गए हैं। इसके बाद भी पुलिस अपनी सिरदर्दी बचाने के लिए चौक को नहीं खोल रही। यहां चौक के स्वरूप को डिवाइडर लगाकर बंद कर दिया गया है। इसकी जगह कैलाश अस्पताल और शास्त्रीनगर लेन चार के संकरे भाग का कट के रूप में प्रयोग कराया जा रहा है। दूसरी तरफ मोहकमपुर रेलवे ओवर ब्रिज की दोनों सर्विस रोड पर रांग साइड चलने की प्रवृत्ति भी जाम का कारण बनती है। पुलिस को मानो जैसे यहां नियमों की अनदेखी से कोई वास्ता ही न हो।
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दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे शुरू हो जाने के बाद और बढ़ेगी चुनौती
वर्तमान में दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे का निर्माण अंतिम चरण में है। इसके तहत देहरादून क्षेत्र में गणेशपुर (सहारनपुर) से दाटकाली के बीच 12 किलोमीटर लंबी एलिवेटेड रोड बनकर तैयार है। इस पूरी परियोजना पर वाहनों का संचालन शुरू कर दिए जाने के बाद दिल्ली से देहरादून के बीच की दूरी करीब 2.5 घंटे में पूरी जा जा सकेगी। जाहिर है इससे वाहनों का दबाव और बढ़ेगा। ऐसे में पहले से वाहन दबाव से बुरी तरह हाफ रहे हरिद्वार राजमार्ग पर हालात क्या होंगे, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।
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